विकास के नाम पर किया जाने वाला विस्थापन आज एक गंभीर समस्या बन चुका है। कई इलाकों में विकास के नाम पर गरीबों से उनके घर, ज़मीन तो छीन लिए गए लेकिन, मुआवज़े के वादे कभी पूरे नहीं हुए। झारखंड में आदिवासियों और ग्रामीणों के साथ विस्थापन की एक ऐसी ही लड़ाई लड़ रही हैं दयामनी बरला, जिन्हें झारखंड की आयरन लेडी के रूप में भी जाना जाता है। दयामनी बरला आदिवासी, दलित और महिलाओं की ज़िन्दगी के सवालों की लड़ाई लड़ रही हैं। दयामनी 1995 में झारखंड में जल, जंगल, ज़मीन की लड़ाई से जुड़ी थी, तब से लेकर आज तक वो झारखंड के लगभग सभी आंदोलनों में शामिल रही हैं। अब दयामणि बरला को झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) ने चुनाव में उतारा है।
झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) ने सामाजिक कार्यकर्ता दयामणि बरला को खूंटी (सुरक्षित) सीट से मैदान में उतारा है। पार्टी की ओर से जारी उम्मीदवारों की इस सूची में जिन नेताओं का नाम है उनमें समद और बरला के अलावा एल एम उरांव को सिसाइ (सुरक्षित), दीपक करकेट्टा को कोलिबेरा (सुरक्षित) और रामचंद्र पासवान को जुगसलाइ (सुरक्षित) शामिल हैं।
बता दें कि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक पांच चरणों में मतदान होगा. मतगणना 23 दिसंबर को होगी. दयामणि बरला ने चुनाव प्रचार के लिए क्राउड फंडिंग के जरिए फंड जुटाने का फैसला किया है। दयामणि बरला दशकों से विकास के नाम पर किए जा रहे दलित आदिवासियों के विस्थापन के विरोध में लड़ाई लड़ती रही हैं। उन्होंने 1995 में कॉलेज के दिनों से ही आंदोलनों में शरीक होना शुरू कर दिया था। अब वे फंड के लिए जनता के ऊपर निर्भर हैं।
दयामणि बरला को सपोर्ट करने व आर्थिक सहायता के लिए https://www.ourdemocracy.in/ पर विजिट करें। दयामणि जमीनी स्तर पर लड़ाई लड़ने वालों में रही हैं। अब जनता की अग्निपरीक्षा है कि वह उन्हें कितना सपोर्ट करती है। चुनाव में खर्च की अधिकतम सीमा 28 लाख है इसमें से अभी तक दयामणि को सिर्फ 1,10,700 रुपये मिल पाए हैं। दयामणि को सपोर्ट करने के लिए सिर्फ 11 लोग सामने आए हैं जबकि अभी 17 दिन का समय बचा है।
झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) ने सामाजिक कार्यकर्ता दयामणि बरला को खूंटी (सुरक्षित) सीट से मैदान में उतारा है। पार्टी की ओर से जारी उम्मीदवारों की इस सूची में जिन नेताओं का नाम है उनमें समद और बरला के अलावा एल एम उरांव को सिसाइ (सुरक्षित), दीपक करकेट्टा को कोलिबेरा (सुरक्षित) और रामचंद्र पासवान को जुगसलाइ (सुरक्षित) शामिल हैं।
बता दें कि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक पांच चरणों में मतदान होगा. मतगणना 23 दिसंबर को होगी. दयामणि बरला ने चुनाव प्रचार के लिए क्राउड फंडिंग के जरिए फंड जुटाने का फैसला किया है। दयामणि बरला दशकों से विकास के नाम पर किए जा रहे दलित आदिवासियों के विस्थापन के विरोध में लड़ाई लड़ती रही हैं। उन्होंने 1995 में कॉलेज के दिनों से ही आंदोलनों में शरीक होना शुरू कर दिया था। अब वे फंड के लिए जनता के ऊपर निर्भर हैं।
दयामणि बरला को सपोर्ट करने व आर्थिक सहायता के लिए https://www.ourdemocracy.in/ पर विजिट करें। दयामणि जमीनी स्तर पर लड़ाई लड़ने वालों में रही हैं। अब जनता की अग्निपरीक्षा है कि वह उन्हें कितना सपोर्ट करती है। चुनाव में खर्च की अधिकतम सीमा 28 लाख है इसमें से अभी तक दयामणि को सिर्फ 1,10,700 रुपये मिल पाए हैं। दयामणि को सपोर्ट करने के लिए सिर्फ 11 लोग सामने आए हैं जबकि अभी 17 दिन का समय बचा है।