छत्तीसगढ़ में भाजपा के शासनकाल के दौरान, वर्ष 2017 में सुकमा के एडिशनल एसपी रहे इंदिरा कल्याण एलेसेला ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को सड़क पर ट्रक से कुचल देने की बात कही थी. जिसका उस समय विपक्ष में रही काँग्रेस ने भी विरोध किया था. बीते स्वतंत्रता दिवस समारोह में इन्हीं अफसर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मानित किया है.
2017 में दिया था विवादित बयान
मार्च 2017 के पहले सप्ताह में पंडरीपानी इलाके में एक ऑटोमोबाइल कंपनी के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इंदिरा कल्याण एलेसेला ने सार्वजनिक रूप से मानव अधिकार कार्यकर्ताओं के लिए आपत्तिजनक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि "शालिनी गेरा और ईशा खंडेलवाल जैसे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को वाहन से सड़क पर कुचल देना चाहिए. उन्होंने बेला भाटिया के लिए ये बात कही कि "कुछ लोग कुत्ते-बिल्ली लेकर सड़क पर घुमते हैं और पुलिस पर इल्ज़ाम लगाते हैं." इस कार्यक्रम में तब बस्तर के आईजी रहे एसआरपी कल्लूरी और बस्तर एसपी आरएन दास भी मौजूद थे. बाद में इस बयान के बारे में पूछे जाने पर एलेसेला ने कहा कि "मैंने क्या कहा था मुझे याद नहीं है, वैसे बोलने की आज़ादी सभी को है."
तब कांग्रेस ने दर्ज कराई थी आपत्ति
एलेसेला के विवादित बयान को लेकर तब विपक्ष में रही कांग्रेस ने राज्य की भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया था और इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की थी. जिसके बाद एलेसेला को सुकमा एसपी के पद से हटा दिया गया था. आपको बता दें कि भाजपा शासनकाल में आधा दर्जन से भी अधिक अफ़सरों पर इस तरह बयानबाज़ी के आरोप लगे थे.
विपक्ष में जिसका विरोध किया सत्ता में आकर उसे ही सम्मानित किया
वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं भी इंदिरा कल्याण एलेसेला की आलोचना करते हुए उनपर कड़ी कार्रवाई की अपील की थी. और अब 2019 के स्वतन्त्रता दिवस समारोह में बघेल ने उन्हें उत्कृष्ट कार्य करने के नाम पर सम्मानित किया है. मुख्यमंत्री बनने के महीनेभर के अंदर ही भूपेश बघेल ने मानवाधिकार हनन के आरोपी एसआरपी कल्लूरी को प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण विभाग आर्थिक अपराध ब्यूरो के प्रमुख पद पर बिठा दिया था जिसके कारण देशभर में प्रदेश काँग्रेस की आलोचना भी हुई थी.
सोनी सोरी ने जताई आपत्ति
मानव अधिकार कार्यकर्ता सोनी सोरी ने कहा है कि हमें तो ये उम्मीद थी कि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को कुचल देने की धमकी देने वाले आधिकारियों पर काँग्रेस सरकार दंडात्मक कार्रवाई करेगी परन्तु उन्हें इस तरह सम्मानित किया जाना सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है.
हिमांशु कुमार ने बताया हताशाजनक
बस्तर में लम्बे समय तक कार्य कर चुके देश के प्रसिद्द सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार ने कहा है कि ये स्तब्ध कर देने वाली ख़बर है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दमन के ख़िलाफ़ जिन लोकतंत्र के हिमायती मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के पक्ष में प्रदेश में माहौल बनाया उन्हें कुचल देने की बात करने वाले अधिकारी को अगर ये सरकार पुरस्कृत करे तो ये बेहद निराशाजनक घटना है
2017 में दिया था विवादित बयान
मार्च 2017 के पहले सप्ताह में पंडरीपानी इलाके में एक ऑटोमोबाइल कंपनी के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इंदिरा कल्याण एलेसेला ने सार्वजनिक रूप से मानव अधिकार कार्यकर्ताओं के लिए आपत्तिजनक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि "शालिनी गेरा और ईशा खंडेलवाल जैसे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को वाहन से सड़क पर कुचल देना चाहिए. उन्होंने बेला भाटिया के लिए ये बात कही कि "कुछ लोग कुत्ते-बिल्ली लेकर सड़क पर घुमते हैं और पुलिस पर इल्ज़ाम लगाते हैं." इस कार्यक्रम में तब बस्तर के आईजी रहे एसआरपी कल्लूरी और बस्तर एसपी आरएन दास भी मौजूद थे. बाद में इस बयान के बारे में पूछे जाने पर एलेसेला ने कहा कि "मैंने क्या कहा था मुझे याद नहीं है, वैसे बोलने की आज़ादी सभी को है."
तब कांग्रेस ने दर्ज कराई थी आपत्ति
एलेसेला के विवादित बयान को लेकर तब विपक्ष में रही कांग्रेस ने राज्य की भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया था और इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की थी. जिसके बाद एलेसेला को सुकमा एसपी के पद से हटा दिया गया था. आपको बता दें कि भाजपा शासनकाल में आधा दर्जन से भी अधिक अफ़सरों पर इस तरह बयानबाज़ी के आरोप लगे थे.
विपक्ष में जिसका विरोध किया सत्ता में आकर उसे ही सम्मानित किया
वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं भी इंदिरा कल्याण एलेसेला की आलोचना करते हुए उनपर कड़ी कार्रवाई की अपील की थी. और अब 2019 के स्वतन्त्रता दिवस समारोह में बघेल ने उन्हें उत्कृष्ट कार्य करने के नाम पर सम्मानित किया है. मुख्यमंत्री बनने के महीनेभर के अंदर ही भूपेश बघेल ने मानवाधिकार हनन के आरोपी एसआरपी कल्लूरी को प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण विभाग आर्थिक अपराध ब्यूरो के प्रमुख पद पर बिठा दिया था जिसके कारण देशभर में प्रदेश काँग्रेस की आलोचना भी हुई थी.
सोनी सोरी ने जताई आपत्ति
मानव अधिकार कार्यकर्ता सोनी सोरी ने कहा है कि हमें तो ये उम्मीद थी कि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को कुचल देने की धमकी देने वाले आधिकारियों पर काँग्रेस सरकार दंडात्मक कार्रवाई करेगी परन्तु उन्हें इस तरह सम्मानित किया जाना सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है.
हिमांशु कुमार ने बताया हताशाजनक
बस्तर में लम्बे समय तक कार्य कर चुके देश के प्रसिद्द सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार ने कहा है कि ये स्तब्ध कर देने वाली ख़बर है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दमन के ख़िलाफ़ जिन लोकतंत्र के हिमायती मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के पक्ष में प्रदेश में माहौल बनाया उन्हें कुचल देने की बात करने वाले अधिकारी को अगर ये सरकार पुरस्कृत करे तो ये बेहद निराशाजनक घटना है