लखनऊ। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कश्मीर में भारी सैन्यबल तैनात कर एक तरह से कैद कर राज्य से अनुच्छेद 370 हटा दिया गया है। केंद्र सरकार द्वारा इसमें राज्य के लोगों व स्थानीय नेताओं की रायसुमारी भी नहीं की गई। ऐसे में अन्य राज्यों से इस मामले का विरोध किया जा रहा है। इस मामले को संविधान का उलंघन कर अंजाम दिया जाना बताया जा रहा है। लखनऊ में सामाजिक संगठन रिहाई मंच के कार्यकर्ताओं को इस मामले का विरोध करने से रोक दिया गया है।
रिहाई मंच के राजीव यादव ने सबरंग इंडिया को फोन पर बताया कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ से रिहाई मंच के लोगों को कश्मीर की आवाम के समर्थन में कैंडल मार्च निकालने से आज दूसरी बार रोका गया है। मानवाधिकार के लिए काम करने वाला संगठन रिहाई मंच 11 अगस्त को यूपी की राजधानी लखनऊ में कैंडल मार्च निकालने वाला था लेकिन उस वक्त इस संगठन के कार्यकर्ताओं को रोक दिया गया।
इसके बाद रिहाई मंच के कार्यकर्ताओं ने 16 अगस्त को लखनऊ में कैंडल मार्च निकालना तय किया था। इससे पहले ही शुक्रवार शाम रिहाई मंच के राजीव यादव, मोहम्मद शुएब, डॉ. संदीप पांडेय, अरुंधति धुरू, सृजनयोगी आदियोग, शकील कुरैशी, सचेंद्र प्रताप यादव, वीरेंद्र गुप्ता आदि कार्यकर्ताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। यूपी पुलिस उनके घर पहुंच गई और उन्हें एक तरह से घर में ही कैद कर लिया गया।
राजीव यादव ने कहा कि सरकार तानाशाही के जरिए लोकतांत्रिक आवाजों को दबाना चाहती है। रिहाई मंच का संघर्ष इसके बावजूद भी चलता रहेगा। उन्होंने बताया कि आज सुबह से ही खुफिया विभाग और पुलिस अधिकारी फोन पर शाम को होने वाले प्रोग्राम के विषय में जानकारी लेते रहे। शाम 4 बजे के करीब एसपीईस्ट का फोन आया और उन्होंने कार्यक्रम न करने की बात कही। इससे इनकार के बाद हम सभी को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। सृजनयोगी आदियोग, शकील कुरैशी, वीरेंद्र गुप्ता, सचेन्द्र यादव भी उनके साथ में हाउस अरेस्ट हैं।
रिहाई मंच के राजीव यादव ने सबरंग इंडिया को फोन पर बताया कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ से रिहाई मंच के लोगों को कश्मीर की आवाम के समर्थन में कैंडल मार्च निकालने से आज दूसरी बार रोका गया है। मानवाधिकार के लिए काम करने वाला संगठन रिहाई मंच 11 अगस्त को यूपी की राजधानी लखनऊ में कैंडल मार्च निकालने वाला था लेकिन उस वक्त इस संगठन के कार्यकर्ताओं को रोक दिया गया।
इसके बाद रिहाई मंच के कार्यकर्ताओं ने 16 अगस्त को लखनऊ में कैंडल मार्च निकालना तय किया था। इससे पहले ही शुक्रवार शाम रिहाई मंच के राजीव यादव, मोहम्मद शुएब, डॉ. संदीप पांडेय, अरुंधति धुरू, सृजनयोगी आदियोग, शकील कुरैशी, सचेंद्र प्रताप यादव, वीरेंद्र गुप्ता आदि कार्यकर्ताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। यूपी पुलिस उनके घर पहुंच गई और उन्हें एक तरह से घर में ही कैद कर लिया गया।
राजीव यादव ने कहा कि सरकार तानाशाही के जरिए लोकतांत्रिक आवाजों को दबाना चाहती है। रिहाई मंच का संघर्ष इसके बावजूद भी चलता रहेगा। उन्होंने बताया कि आज सुबह से ही खुफिया विभाग और पुलिस अधिकारी फोन पर शाम को होने वाले प्रोग्राम के विषय में जानकारी लेते रहे। शाम 4 बजे के करीब एसपीईस्ट का फोन आया और उन्होंने कार्यक्रम न करने की बात कही। इससे इनकार के बाद हम सभी को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। सृजनयोगी आदियोग, शकील कुरैशी, वीरेंद्र गुप्ता, सचेन्द्र यादव भी उनके साथ में हाउस अरेस्ट हैं।