BSNL के बाद सरकार के पास अब एयर इंडिया के 40 हजार कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए पैसे नही हैं. सरकार खुद मान रही है कि अक्टूबर के बाद से एयर इंडिया के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के भी पैसे नहीं होंगे। बहुत जल्द आपको दिल्ली के जंतर मंतर पर जेटकर्मियो की तरह प्रदर्शन करता एयरइंडिया के पायलटों ओर अन्य स्टाफ दिखने वाला है...
तैयारी पूरी है एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों को दिल्ली के सरकारी फ्लैट्स खाली करने के आदेश दिए हैं। ये फ्लैट्स दक्षिण दिल्ली के पॉश कॉलोनी वसंत विहार में हैं. कपंनी ने कहा है कि वो रहने के लिए दूसरे फ्लैट तलाश लें.
पहले सरकार एयर इंडिया की कुछ हिस्सेदारी अपने पास रखने में इंट्रेस्टेड थी पर अब उसने पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का मन बना लिया है। दरअसल, पानी सर तक आ चुका है क्योंकि सरकार ने एयर इंडिया को सात हजार करोड़ रुपये की जो सॉवरन गारंटी दी थी, वह भी खत्म होने वाली है। कंपनी के पास अब सिर्फ 2,500 करोड़ रुपये ही बचे हैं। इस राशि का इस्तेमाल वह तेल कंपनियों और हवाईअड्डों के संचालकों सहित विक्रेताओं का बकाया चुकाने में करने वाली है। एयर इंडिया विदेशी रूट्स पर उड़ान भरने वाली भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है। पुलवामा हमले के बाद से एयर इंडिया को रोजाना 5 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ रहा है।
वेतन भत्तों की हालत तो पहले से ही खराब है एयर इंडिया के पायलटों के संघ इंडियन पायलट्स गिल्ड के 700 सदस्यों ने DGCA के सामने यह मुद्दा पहले ही उठाया था कि एयरलाइन प्रबंधन वित्तीय घाटे के बहाने अवैध तरीके से लगातार उनकी सेवा शर्तों में बदलाव कर रहा है और पिछले बकायों और ओवरटाइम का भुगतान भी रोक रहा है। पिछले एक वर्ष से कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। पायलटों को भी भत्तों का भुगतान नहीं हो रहा है, जिसके विरोध में उन्होंने नए ड्यूटी रोस्टर का पालन करने से मना कर दिया है।
देश भर में एयर इंडिया की सर्विसेज बुरी तरह से लड़खड़ाने लगी हैं। कुछ समय पहले तक जेट एयरवेज ओर एयर इंडिया मिलकर देश में 50 प्रतिशत से भी अधिक एयर रूट्स पर कब्जा किये हुए थे। लेकिन, अब जेट के जाने के बाद एयर इंडिया की बदहाली से देश की एयर कनेक्टिविटी पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लग गया है। मोदी जी कहते हैं कि हवाई चप्पल पहनने वाला अब हवाई उड़ान भर सकता है लेकिन यदि सरकारी एयर इंडिया ही बन्द हो जाती है तो यह योजना किस प्रकार से संचालित की जायेगी?
पिछले दिनों एयर इंडिया को अपने 127 विमानों के बेड़े में मजबूरन 20 विमानों का परिचालन बंद करना पड़ा है क्योंकि उसके पास इन विमानों के इंजन को बदलने को लेकर कोष की कमी है। लेकिन अब तो पूरी एयरलाइंस ही बन्द करना पड़ सकती है।
फिलहाल एयर इंडिया पर करीब 55 हज़ार करोड़ का लोन है। एयर इंडिया अकेले ब्याज के मद में 4,000 करोड़ रुपये सालाना चुकाती है यानि 335 करोड़ रुपये हर महीने। यदि कोई उद्योगपति इस एयर इंडिया को खरीदता है तो उसे इस कर्ज को भी वहन करना होगा जो बिल्कुल आसान नहीं है
एक बात और है कि यदि एयर इंडिया बिक जाता है तो हमारे सांसद जो यात्रा के दौरान एयर इंडिया के कर्मियों को पीटने के अभ्यस्त हो गए हैं वो बेचारे अब अपना हाथ किस पर साफ करेंगे? इसलिए सरकार को ये सारे गुणा भाग लगाकर ही 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लेना चाहिए।
(लेखक आर्थिक मामलों के जानकार हैं।)
तैयारी पूरी है एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों को दिल्ली के सरकारी फ्लैट्स खाली करने के आदेश दिए हैं। ये फ्लैट्स दक्षिण दिल्ली के पॉश कॉलोनी वसंत विहार में हैं. कपंनी ने कहा है कि वो रहने के लिए दूसरे फ्लैट तलाश लें.
पहले सरकार एयर इंडिया की कुछ हिस्सेदारी अपने पास रखने में इंट्रेस्टेड थी पर अब उसने पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का मन बना लिया है। दरअसल, पानी सर तक आ चुका है क्योंकि सरकार ने एयर इंडिया को सात हजार करोड़ रुपये की जो सॉवरन गारंटी दी थी, वह भी खत्म होने वाली है। कंपनी के पास अब सिर्फ 2,500 करोड़ रुपये ही बचे हैं। इस राशि का इस्तेमाल वह तेल कंपनियों और हवाईअड्डों के संचालकों सहित विक्रेताओं का बकाया चुकाने में करने वाली है। एयर इंडिया विदेशी रूट्स पर उड़ान भरने वाली भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है। पुलवामा हमले के बाद से एयर इंडिया को रोजाना 5 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ रहा है।
वेतन भत्तों की हालत तो पहले से ही खराब है एयर इंडिया के पायलटों के संघ इंडियन पायलट्स गिल्ड के 700 सदस्यों ने DGCA के सामने यह मुद्दा पहले ही उठाया था कि एयरलाइन प्रबंधन वित्तीय घाटे के बहाने अवैध तरीके से लगातार उनकी सेवा शर्तों में बदलाव कर रहा है और पिछले बकायों और ओवरटाइम का भुगतान भी रोक रहा है। पिछले एक वर्ष से कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। पायलटों को भी भत्तों का भुगतान नहीं हो रहा है, जिसके विरोध में उन्होंने नए ड्यूटी रोस्टर का पालन करने से मना कर दिया है।
देश भर में एयर इंडिया की सर्विसेज बुरी तरह से लड़खड़ाने लगी हैं। कुछ समय पहले तक जेट एयरवेज ओर एयर इंडिया मिलकर देश में 50 प्रतिशत से भी अधिक एयर रूट्स पर कब्जा किये हुए थे। लेकिन, अब जेट के जाने के बाद एयर इंडिया की बदहाली से देश की एयर कनेक्टिविटी पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लग गया है। मोदी जी कहते हैं कि हवाई चप्पल पहनने वाला अब हवाई उड़ान भर सकता है लेकिन यदि सरकारी एयर इंडिया ही बन्द हो जाती है तो यह योजना किस प्रकार से संचालित की जायेगी?
पिछले दिनों एयर इंडिया को अपने 127 विमानों के बेड़े में मजबूरन 20 विमानों का परिचालन बंद करना पड़ा है क्योंकि उसके पास इन विमानों के इंजन को बदलने को लेकर कोष की कमी है। लेकिन अब तो पूरी एयरलाइंस ही बन्द करना पड़ सकती है।
फिलहाल एयर इंडिया पर करीब 55 हज़ार करोड़ का लोन है। एयर इंडिया अकेले ब्याज के मद में 4,000 करोड़ रुपये सालाना चुकाती है यानि 335 करोड़ रुपये हर महीने। यदि कोई उद्योगपति इस एयर इंडिया को खरीदता है तो उसे इस कर्ज को भी वहन करना होगा जो बिल्कुल आसान नहीं है
एक बात और है कि यदि एयर इंडिया बिक जाता है तो हमारे सांसद जो यात्रा के दौरान एयर इंडिया के कर्मियों को पीटने के अभ्यस्त हो गए हैं वो बेचारे अब अपना हाथ किस पर साफ करेंगे? इसलिए सरकार को ये सारे गुणा भाग लगाकर ही 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लेना चाहिए।
(लेखक आर्थिक मामलों के जानकार हैं।)