तृणमूल कांग्रेस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सोमवार को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार को भेजा गया गृह मंत्रालय का परामर्श विपक्ष शासित राज्यों में ‘गहरा षड्यंत्र' और ‘सत्ता हथियाने की चाल' है।
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव एवं पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी ने पत्र में लिखा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जमीनी हकीकत जाने बिना या राज्य सरकार से रिपोर्ट लिए बिना निष्कर्ष निकाल लिया।
उन्होंने लिखा, ‘‘हम तृणमूल कांग्रेस की ओर से गृह मंत्रालय के परामर्श पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हैं और अपील करते हैं कि इसे तत्काल वापस लिया जाए।''
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को गत रविवार को परामर्श जारी कर राज्य में चुनाव के बाद से जारी हिंसा पर ‘गहरी चिंता' व्यक्त की थी और उससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने को कहा था। यह परामर्श शनिवार को संदेशखाली में हुई हिंसा की पृष्ठभूमि में जारी किया गया था।
चटर्जी ने परामर्श की आलोचना करते हुए कहा, ‘हमारे पास यह मानने का कारण है कि यह राजनीतिक रूप से भाजपा के विरोधी दलों के शासन वाले राज्यों में सत्ता हथियाने के लिए चली गई चाल है। इतना ही नहीं, यह राज्य सरकार को बदनाम करने और अलोकतांत्रिक, अनैतिक तथा असंवैधानिक तरीकों से पश्चिम बंगाल का प्रशासन हथियाने के लिए रचा गया एक गहरा षड्यंत्र है।'
तृणमूल नेता ने राज्य में अराजकता और हिंसा के लिए ‘‘भाजपा के गुंडों'' को दोषी ठहराते हुए कहा कि गृह मंत्रालय और भगवा दल का नेतृत्व एक ही व्यक्ति कर रहा है, यह ‘‘बहुत स्वाभाविक'' है कि ‘‘भाजपा जो कुछ भी चाहती है, गृह मंत्रालय संवैधानिक औचित्य को धता बताकर आंख बंद करके इसे लागू कर रही है।''
चटर्जी ने कहा, ‘केंद्र और राज्य लोकतंत्र में मिल कर काम करते हैं। राज्य सरकार को विश्वास में लेने के बजाए और जमीनी हकीकत की पुष्टि किए बिना, गृह मंत्रालय के परामर्श का एकतरफा मामला बंगाल के लोगों का अपमान है और राज्य की महिमा, संस्कृति और विरासत पर हमला है।'
पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार रात इसके जवाब में एक पत्र लिखकर कहा था कि राज्य में स्थिति ‘नियंत्रण में' है और उसकी कानून प्रर्वतन एजेंसियां नाकाम नहीं हुई हैं। भाजपा ने दावा किया है कि उसके पांच कार्यकर्ता मारे गए हैं जबकि तृणमूल कांग्रेस के अनुसार एक व्यक्ति की मौत हुई है।
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव एवं पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी ने पत्र में लिखा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जमीनी हकीकत जाने बिना या राज्य सरकार से रिपोर्ट लिए बिना निष्कर्ष निकाल लिया।
उन्होंने लिखा, ‘‘हम तृणमूल कांग्रेस की ओर से गृह मंत्रालय के परामर्श पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हैं और अपील करते हैं कि इसे तत्काल वापस लिया जाए।''
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को गत रविवार को परामर्श जारी कर राज्य में चुनाव के बाद से जारी हिंसा पर ‘गहरी चिंता' व्यक्त की थी और उससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने को कहा था। यह परामर्श शनिवार को संदेशखाली में हुई हिंसा की पृष्ठभूमि में जारी किया गया था।
चटर्जी ने परामर्श की आलोचना करते हुए कहा, ‘हमारे पास यह मानने का कारण है कि यह राजनीतिक रूप से भाजपा के विरोधी दलों के शासन वाले राज्यों में सत्ता हथियाने के लिए चली गई चाल है। इतना ही नहीं, यह राज्य सरकार को बदनाम करने और अलोकतांत्रिक, अनैतिक तथा असंवैधानिक तरीकों से पश्चिम बंगाल का प्रशासन हथियाने के लिए रचा गया एक गहरा षड्यंत्र है।'
तृणमूल नेता ने राज्य में अराजकता और हिंसा के लिए ‘‘भाजपा के गुंडों'' को दोषी ठहराते हुए कहा कि गृह मंत्रालय और भगवा दल का नेतृत्व एक ही व्यक्ति कर रहा है, यह ‘‘बहुत स्वाभाविक'' है कि ‘‘भाजपा जो कुछ भी चाहती है, गृह मंत्रालय संवैधानिक औचित्य को धता बताकर आंख बंद करके इसे लागू कर रही है।''
चटर्जी ने कहा, ‘केंद्र और राज्य लोकतंत्र में मिल कर काम करते हैं। राज्य सरकार को विश्वास में लेने के बजाए और जमीनी हकीकत की पुष्टि किए बिना, गृह मंत्रालय के परामर्श का एकतरफा मामला बंगाल के लोगों का अपमान है और राज्य की महिमा, संस्कृति और विरासत पर हमला है।'
पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार रात इसके जवाब में एक पत्र लिखकर कहा था कि राज्य में स्थिति ‘नियंत्रण में' है और उसकी कानून प्रर्वतन एजेंसियां नाकाम नहीं हुई हैं। भाजपा ने दावा किया है कि उसके पांच कार्यकर्ता मारे गए हैं जबकि तृणमूल कांग्रेस के अनुसार एक व्यक्ति की मौत हुई है।