कांग्रेस ने असम में कारगिल युद्ध के नायक और सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह को एनआरसी प्रक्रिया के तहत ‘विदेशी' बताए जाने को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह जवानों के बलिदान का अपमान है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आश्चर्यजनक! भाजपा सरकार ने कारगिल युद्ध के नायक को ‘विदेशी' घोषित कर दिया। यह शस्त्र बलों के बलिदान का अपमान है।''
उन्होंने दावा किया, ‘‘यह इस बात का द्योतक है कि एनआरसी को असम किस हद तक गलत तरीके से लागू किया गया है।'' खबरों के मुताबिक, भारतीय सेना में 30 साल तक सेवाएं दे चुके मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशियों के लिए बने न्यायाधिकरण (फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल) ने ‘विदेशी' घोषित किया है।
विदेशी घोषित होने के बाद सनाउल्लाह को परिवार सहित गोलपाड़ा के डिटेंशन कैंप भेजा गया। सनाउल्लाह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम राष्ट्रीय रजिस्टर पंजी (एनआरसी) में नहीं हैं। न्यायाधिकरण ने 23 मई को जारी आदेश में कहा कि सनाउल्लाह 25 मार्च, 1971 की तारीख से पहले भारत से अपने जुड़ाव का सबूत देने में असफल रहे हैं तथा वह इस बात का भी सबूत देने में असफल रहे कि वह जन्म से ही भारतीय नागरिक हैं।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आश्चर्यजनक! भाजपा सरकार ने कारगिल युद्ध के नायक को ‘विदेशी' घोषित कर दिया। यह शस्त्र बलों के बलिदान का अपमान है।''
उन्होंने दावा किया, ‘‘यह इस बात का द्योतक है कि एनआरसी को असम किस हद तक गलत तरीके से लागू किया गया है।'' खबरों के मुताबिक, भारतीय सेना में 30 साल तक सेवाएं दे चुके मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशियों के लिए बने न्यायाधिकरण (फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल) ने ‘विदेशी' घोषित किया है।
विदेशी घोषित होने के बाद सनाउल्लाह को परिवार सहित गोलपाड़ा के डिटेंशन कैंप भेजा गया। सनाउल्लाह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम राष्ट्रीय रजिस्टर पंजी (एनआरसी) में नहीं हैं। न्यायाधिकरण ने 23 मई को जारी आदेश में कहा कि सनाउल्लाह 25 मार्च, 1971 की तारीख से पहले भारत से अपने जुड़ाव का सबूत देने में असफल रहे हैं तथा वह इस बात का भी सबूत देने में असफल रहे कि वह जन्म से ही भारतीय नागरिक हैं।