नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को आने हैं जिसका इंतजार देशभर का हर वर्ग कर रहा है। इसी दौरान ईवीएम को बढ़ती शिकायतें और चुनाव आयोग के अंदरुनी मतभेद की खबरों से हड़कंप मचा हुआ है। मंगलवार की बैठक में आयोग ने चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की मांग दोबारा ठुकरा दी है।
दरअसल चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने मांग की थी कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े मामलों के असहमति पत्र सार्वजनिक कर दिए जाएं। परंतु बैठक में लवासा की मांग खारिज करते हुए यह निर्णय लिया गया कि अल्पमत विचार केवल रिकॉर्ड का हिस्सा होंगे, उसे आदेश में शामिल नहीं किया जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र का कहना है कि आदर्श आचार संहिता से जुड़े मामलों की पूरी तरह से न्यायिक कार्यवाही नहीं हुई है इसलिए इनमें अल्पमत को अंतिम आदेश में शामिल नहीं किया जा सकता है। केवल बहुमत का मत ही आदेश में प्रकाशित किया जाएगा। साथ ही बैठक में कहा गया कि किसी सदस्य की मतभिन्नता के मामले की सुनवाई के बाद उसे अर्ध न्यायिक कार्यवाही में दर्ज किया जाता है। वहीं आदर्श आचार संहिता से जुड़े अल्पमत विचारों को सिर्फ फाइलों में ही दर्ज किया जाता है।
आयोग के एक अधिकारी ने कहा, 'फाइलों की इन नोटिंग्स को लोग RTI के तहत देख सकते हैं। चुनाव आयोग हमेशा से पारदर्शी रहा है और वह आगे भी पारदर्शिता बनाए रहेगा।'
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को आयोग द्वारा मिली क्लिनचिट और विपक्षी नेताओं को भेजे नोटिस पर अशोक लवासा ने कई सवाल खड़े किए थे। उनका कहना था कि आचार संहिता से जुड़े सभी कागजातों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। परंतु उनकी मांग तब भी आयोग ने ठुकरा दी थी। जिसके बाद अशोक लवासा ने चुनाव आयोग से असहमति जताते हुए आयोग की बैठकों में जाना बंद कर दिया था। जिस कारण आयोग के अंदरुनी मतभेद सभी के सामने आ गए थे।
मंगलवार की बैठक में चुनाव आयुक्त अशोक लवासा सहित मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र भी शामिल हुए थे। बैठक में चुनाव आयोग ने ईवीएम से जुड़ी शिकायतों पर फौरन कदम उठाते हुए कंट्रोल रूम बनाया है जिसने मंगलवार से ही काम करना शुरु कर दिया है। आयोग द्वारा जारी बयान के अनुसार यह कंट्रोल रूम चुनाव परिणाम आने तक निरंतर कार्यरत रहेंगे। मतगणना के दौरान ईवीएम से संबंधित किसी भी शिकायत की सूचना कंट्रोल रूम के नंबर 011-2305212 पर दी जा सकती है।
दरअसल चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने मांग की थी कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े मामलों के असहमति पत्र सार्वजनिक कर दिए जाएं। परंतु बैठक में लवासा की मांग खारिज करते हुए यह निर्णय लिया गया कि अल्पमत विचार केवल रिकॉर्ड का हिस्सा होंगे, उसे आदेश में शामिल नहीं किया जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र का कहना है कि आदर्श आचार संहिता से जुड़े मामलों की पूरी तरह से न्यायिक कार्यवाही नहीं हुई है इसलिए इनमें अल्पमत को अंतिम आदेश में शामिल नहीं किया जा सकता है। केवल बहुमत का मत ही आदेश में प्रकाशित किया जाएगा। साथ ही बैठक में कहा गया कि किसी सदस्य की मतभिन्नता के मामले की सुनवाई के बाद उसे अर्ध न्यायिक कार्यवाही में दर्ज किया जाता है। वहीं आदर्श आचार संहिता से जुड़े अल्पमत विचारों को सिर्फ फाइलों में ही दर्ज किया जाता है।
आयोग के एक अधिकारी ने कहा, 'फाइलों की इन नोटिंग्स को लोग RTI के तहत देख सकते हैं। चुनाव आयोग हमेशा से पारदर्शी रहा है और वह आगे भी पारदर्शिता बनाए रहेगा।'
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को आयोग द्वारा मिली क्लिनचिट और विपक्षी नेताओं को भेजे नोटिस पर अशोक लवासा ने कई सवाल खड़े किए थे। उनका कहना था कि आचार संहिता से जुड़े सभी कागजातों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। परंतु उनकी मांग तब भी आयोग ने ठुकरा दी थी। जिसके बाद अशोक लवासा ने चुनाव आयोग से असहमति जताते हुए आयोग की बैठकों में जाना बंद कर दिया था। जिस कारण आयोग के अंदरुनी मतभेद सभी के सामने आ गए थे।
मंगलवार की बैठक में चुनाव आयुक्त अशोक लवासा सहित मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र भी शामिल हुए थे। बैठक में चुनाव आयोग ने ईवीएम से जुड़ी शिकायतों पर फौरन कदम उठाते हुए कंट्रोल रूम बनाया है जिसने मंगलवार से ही काम करना शुरु कर दिया है। आयोग द्वारा जारी बयान के अनुसार यह कंट्रोल रूम चुनाव परिणाम आने तक निरंतर कार्यरत रहेंगे। मतगणना के दौरान ईवीएम से संबंधित किसी भी शिकायत की सूचना कंट्रोल रूम के नंबर 011-2305212 पर दी जा सकती है।