ओडिशा के संबलपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर की तलाशी लेने वाले आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन को चुनाव आयोग ने बुधवार शाम निलंबित कर दिया। 1996 बैच के आईएएस अधिकारी मोहसिन संबलपुर लोकसभा क्षेत्र में सामान्य ऑब्ज़र्वर के तौर पर तैनात थे।
चुनाव आयोग के आदेश की कॉपी के मुताबिक, ओडिशा के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने रिपोर्ट किया कि 16 अप्रैल 2019 को जनरल आब्जर्वर मोहम्मद मोहसिन (IAS) ने चुनाव आयोग की बिना मंजूरी लिए एक्शन लिया। ऑर्डर की कापी में यह भी बताया गया है कि डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर (संबलपुर) और डीआईजी संबलपुर ने 16 अप्रैल 2019 को जो रिपोर्ट भेजी उससे यह स्पष्ट है कि मोहम्मद मोहसिन ने एसपीजी प्रोटेक्टीज़ के संबंध में चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों के खिलाफ काम किया।
एक भाजपा प्रतिनिधि ने इस तलाशी की पुष्टि की थी लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि जनरल आब्जर्वर मोहम्मद मोहसिन ने इस तलाशी में क्या भूमिका निभाई थी। घटना के बाद उप चुनाव आयुक्त ने कथित तौर पर संबलपुर जिले का दौरा किया था और बुधवार को रिटर्निंग अधिकारी और जिला मजिस्ट्रेट शुभम सक्सेना से मुलाकात भी की थी।
बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले मोहम्मद मोहसिन कर्नाटक सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के पद पर सचिव हैं। साल 1969 में जन्मे मोहसिन कर्नाटक कैडर से IAS बने हैं। उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से M.com की पढ़ाई की है।
साल 1994 में मोहसिन ने दिल्ली आकर यूपीएससी सिविल सर्विसेज की पढ़ाई शुरू की। अपने पहले प्रयास में वह सिविल सर्विसेज प्री परीक्षा में पास नहीं हो पाए, लेकिन अपने अगले प्रयास में वह सफल हुए। तब भी नंबर कम होने की वजह से वह आईएएस नहीं बन सके। इसके बाद मोहसिन ने फिर तैयारी की और आखिरकार 1996 बैच से वह आईएएस अधिकारी बनने में वह सफल हुए।
मोहसिन ने उर्दू स्टडीज़ के साथ अपनी पढ़ाई की थी। सोशल मीडिया पर लिखी जानकारी की मानें तो वह कर्नाटक सरकार के शिक्षा विभाग और अन्य कई विभागों में अधिकारी पद पर रह चुके हैं। मोहसिन कर्नाटक में कई प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
बता दें चुनाव आयोग ने मोहसिन को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया है। निलंबन आदेश में कहा गया है कि अधिकारी ने एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों के लिए तय निर्देशों का पालन नहीं किया। दरअसल, पीएम मोदी मंगलवार को संबलपुर में एक चुनावी रैली के लिए पहुंचे थे। उस वक्त चुनाव आयोग के एक उड़नदस्ते ने उनकी तलाशी ली।
चुनाव आयोग के आदेश की कॉपी के मुताबिक, ओडिशा के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने रिपोर्ट किया कि 16 अप्रैल 2019 को जनरल आब्जर्वर मोहम्मद मोहसिन (IAS) ने चुनाव आयोग की बिना मंजूरी लिए एक्शन लिया। ऑर्डर की कापी में यह भी बताया गया है कि डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर (संबलपुर) और डीआईजी संबलपुर ने 16 अप्रैल 2019 को जो रिपोर्ट भेजी उससे यह स्पष्ट है कि मोहम्मद मोहसिन ने एसपीजी प्रोटेक्टीज़ के संबंध में चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों के खिलाफ काम किया।
एक भाजपा प्रतिनिधि ने इस तलाशी की पुष्टि की थी लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि जनरल आब्जर्वर मोहम्मद मोहसिन ने इस तलाशी में क्या भूमिका निभाई थी। घटना के बाद उप चुनाव आयुक्त ने कथित तौर पर संबलपुर जिले का दौरा किया था और बुधवार को रिटर्निंग अधिकारी और जिला मजिस्ट्रेट शुभम सक्सेना से मुलाकात भी की थी।
बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले मोहम्मद मोहसिन कर्नाटक सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के पद पर सचिव हैं। साल 1969 में जन्मे मोहसिन कर्नाटक कैडर से IAS बने हैं। उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से M.com की पढ़ाई की है।
साल 1994 में मोहसिन ने दिल्ली आकर यूपीएससी सिविल सर्विसेज की पढ़ाई शुरू की। अपने पहले प्रयास में वह सिविल सर्विसेज प्री परीक्षा में पास नहीं हो पाए, लेकिन अपने अगले प्रयास में वह सफल हुए। तब भी नंबर कम होने की वजह से वह आईएएस नहीं बन सके। इसके बाद मोहसिन ने फिर तैयारी की और आखिरकार 1996 बैच से वह आईएएस अधिकारी बनने में वह सफल हुए।
मोहसिन ने उर्दू स्टडीज़ के साथ अपनी पढ़ाई की थी। सोशल मीडिया पर लिखी जानकारी की मानें तो वह कर्नाटक सरकार के शिक्षा विभाग और अन्य कई विभागों में अधिकारी पद पर रह चुके हैं। मोहसिन कर्नाटक में कई प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
बता दें चुनाव आयोग ने मोहसिन को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया है। निलंबन आदेश में कहा गया है कि अधिकारी ने एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों के लिए तय निर्देशों का पालन नहीं किया। दरअसल, पीएम मोदी मंगलवार को संबलपुर में एक चुनावी रैली के लिए पहुंचे थे। उस वक्त चुनाव आयोग के एक उड़नदस्ते ने उनकी तलाशी ली।