लोकसभा चुनाव 2019 को जीतने की होड़ में सभी राजनीतिक दल के नेता एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। कभी द्वेष पूर्ण बयानों से तो कभी आरोपों से विपक्ष पर प्रहार लगातार किया जा रहा है। चुनाव के पांचवें चरण के दौरान बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने काँग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर अमेठी में बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया था। स्मृति ईरानी ने काँग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज कराई थी। परंतु चुनाव आरोग ने शिकायत को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है।
आपको बता दें कि 6 मई को लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवें चरण का मतदान सम्पन्न हुआ है। मतदान के दौरान अमेठी में बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने काँग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। स्मृति ईरानी ने एक महिला का वीडियो शेयर करते हुए राहुल गांधी पर अमेठी के बूथ संख्या 316 को कैप्चर करने का आरोप लगाया था।
स्मृति ईरानी ने वीडियो ट्वीट कर कहा कि अमेठी का बूथ नंबर 316 कैप्चर हुआ है, सोचिए राहुल गांधी क्या करा रहे हैं? वीडियो में एक बुजुर्ग महिला ने अधिकारियों द्वारा काँग्रेस को वोट देने का दबाव डालने की बात कही है। महिला ने कहा कि ‘हाथ पकड़ कर जबरन पंजा को वोट दिलवा दिया, जबकि मैं कमल को वोट देना चाहती थी’।
फिलहाल चुनाव आयोग ने विडियो को मनगढ़त और शिकायत को निराधार बताते हुए खारिज कर दी है। स्मृति ईरानी को भले ही चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा हो पर विपक्ष को चुनाव आयोग से उनपर पुनः विश्वास करने की वजह मिल गई है।
आपको बता दें कि 6 मई को लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवें चरण का मतदान सम्पन्न हुआ है। मतदान के दौरान अमेठी में बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने काँग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। स्मृति ईरानी ने एक महिला का वीडियो शेयर करते हुए राहुल गांधी पर अमेठी के बूथ संख्या 316 को कैप्चर करने का आरोप लगाया था।
स्मृति ईरानी ने वीडियो ट्वीट कर कहा कि अमेठी का बूथ नंबर 316 कैप्चर हुआ है, सोचिए राहुल गांधी क्या करा रहे हैं? वीडियो में एक बुजुर्ग महिला ने अधिकारियों द्वारा काँग्रेस को वोट देने का दबाव डालने की बात कही है। महिला ने कहा कि ‘हाथ पकड़ कर जबरन पंजा को वोट दिलवा दिया, जबकि मैं कमल को वोट देना चाहती थी’।
फिलहाल चुनाव आयोग ने विडियो को मनगढ़त और शिकायत को निराधार बताते हुए खारिज कर दी है। स्मृति ईरानी को भले ही चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा हो पर विपक्ष को चुनाव आयोग से उनपर पुनः विश्वास करने की वजह मिल गई है।