चुनाव आयोग का दावा है कि वह इस बार मतगणना को लेकर काफी सतर्कता बरत रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली की सात संसदीय सीटों पर 85 लाख वोट डाले गए हैं। सुबह 8 बजे ही मतगणना शुरू होगी पर वीवीपैट की पर्चियों की पांच राउंड में होने वाली गिनती की वजह से पांच से छह घंटे का अधिक समय लग सकता है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि या तो चुनाव परिणाम की घोषणा देर रात तक की जाएगी या फिर अगले दिन भी हो सकती है।
दिल्ली की सभी सात सीटों के लिए अलग-अलग केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर मतगणना के लिए 4 से 5 हजार कर्मियों की ड्यूटी लगेगी। ईवीएम के वोट और वीवीपैट के पर्चियों की गिनती भी दो अलग-अलग टीम करेंगी। जिससे किसी भी तरह के गड़बड़ी की आशंका नहीं हो। इसके साथ साथ ही सैनिकों के पोस्टल बैलेट की गणना भी की जाएगी। ईवीएम की सेंट्रल यूनिट और पोस्टल बैलेट की गणना के बाद ही वीवीपैट की पर्चियों की गिनती शुरू होगी। सभी केंद्रों पर मीडिया सेंटर भी बनाया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने कहा कि “इस बार वीवीपैट की पर्चियों की गिनती के कारण अधिक समय लगेगा। कोशिश है कि परिणाम पूरी तरह सटीक और निष्पक्ष हो। मतगणना परिणाम की घोषणा रात तक होने की उम्मीद है। यदि इससे भी अधिक देरी होती है तो अगले दिन परिणाम की घोषणा की जाए।“
गौरतलब है कि दिल्ली की सात संसदीय सीटों के लिए 13819 मतदान केन्द्रों पर 85 लाख से अधिक वोट डाले गए थे। जिनकी गिनती में 12 घंटे से अधिक का भी समय लग सकता है। वहीं 12 मई को मॉक पोल के दौरान चांदनी चौक के एक मतदान केंद्र पर हुई चूक के बाद चुनाव अधिकारियों को अधिक सचेत रहने की हिदायत दी गई है।
वहीं सैन्य सेवाओं में कार्यरत मतदाताओं को भेजे गए पोस्टल बैलेट की भी मतगणना में अतिरिक्त समय लगेगा क्योंकि इनमें मतदाताओं की प्रमाणिकता के लिए भरे गए तीन फॉर्म का मिलान क्यूआर कोड की मदद से किया जाएगा। साथ ही अगर इसमें किसी तरह की कोई कमी पाई गई तो इन्हें निरस्त भी किया जा सकता है।
फिलहाल मतदान के बाद स्ट्रांग रूम में बंद ईवीएम को त्रिस्तरीय सुरक्षा में रखा गया है, जिसमें दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती रहेगी। साथ ही पूरा परिसर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है।
दिल्ली की सभी सात सीटों के लिए अलग-अलग केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर मतगणना के लिए 4 से 5 हजार कर्मियों की ड्यूटी लगेगी। ईवीएम के वोट और वीवीपैट के पर्चियों की गिनती भी दो अलग-अलग टीम करेंगी। जिससे किसी भी तरह के गड़बड़ी की आशंका नहीं हो। इसके साथ साथ ही सैनिकों के पोस्टल बैलेट की गणना भी की जाएगी। ईवीएम की सेंट्रल यूनिट और पोस्टल बैलेट की गणना के बाद ही वीवीपैट की पर्चियों की गिनती शुरू होगी। सभी केंद्रों पर मीडिया सेंटर भी बनाया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने कहा कि “इस बार वीवीपैट की पर्चियों की गिनती के कारण अधिक समय लगेगा। कोशिश है कि परिणाम पूरी तरह सटीक और निष्पक्ष हो। मतगणना परिणाम की घोषणा रात तक होने की उम्मीद है। यदि इससे भी अधिक देरी होती है तो अगले दिन परिणाम की घोषणा की जाए।“
गौरतलब है कि दिल्ली की सात संसदीय सीटों के लिए 13819 मतदान केन्द्रों पर 85 लाख से अधिक वोट डाले गए थे। जिनकी गिनती में 12 घंटे से अधिक का भी समय लग सकता है। वहीं 12 मई को मॉक पोल के दौरान चांदनी चौक के एक मतदान केंद्र पर हुई चूक के बाद चुनाव अधिकारियों को अधिक सचेत रहने की हिदायत दी गई है।
वहीं सैन्य सेवाओं में कार्यरत मतदाताओं को भेजे गए पोस्टल बैलेट की भी मतगणना में अतिरिक्त समय लगेगा क्योंकि इनमें मतदाताओं की प्रमाणिकता के लिए भरे गए तीन फॉर्म का मिलान क्यूआर कोड की मदद से किया जाएगा। साथ ही अगर इसमें किसी तरह की कोई कमी पाई गई तो इन्हें निरस्त भी किया जा सकता है।
फिलहाल मतदान के बाद स्ट्रांग रूम में बंद ईवीएम को त्रिस्तरीय सुरक्षा में रखा गया है, जिसमें दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती रहेगी। साथ ही पूरा परिसर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है।