नई दिल्ली। न्यूजीलैंड की मस्जिद में हुए आतंकी हमले की चारों तरफ निंदा हो रही है। ऑल इंडिया क्रिश्चिन काउंसिल ने भी इस कायराना हमले की निंदा की है। ऑल इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल के अध्यक्ष जोसेफ डी सूजा ने इस हमले पर एक बयान जारी किया है।
बिशप जोसेफ डिसूजा ने कहा, "मस्जिद अल नूर और लिनवुड मस्जिदों पर हुए इस जघन्य हमले के बाद हमारा दिल मुस्लिम समुदाय के साथ है। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री ने हमले की तुरंत निंदा की हम इसकी सराहना करते हैं।
सोशल मीडिया ने दुनिया को जोड़ने का काम किया है जिससे इस हमले पर दुनियाभर के लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं। वहीं, सोशल मीडिया ने चरमपंथियों के एजेंडे फैलने में भी मदद की है। चरम राष्ट्रवाद और घृणा कई जगह नजर आती है लेकिन न्यूजीलैंड जैसे शांतिप्रिय देश में इस तरह का मामला चौंकाने वाला है। इस हमले के बाद जिस तरह से न्यूजीलैंड की जनता हमलावरों के खिलाफ और पीड़ितों के साथ खड़ी हुई वह काबिलेतारीफ है।
डिसूजा ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि हम जो बोते हैं वही काटते हैं। यह हमला याद दिलाने वाला है कि दुनिया को शांतिदूतों की सख्त जरूरत है, जो शांति का बीजारोपण करेंगे और बुरी तरह से उस बुराई के खिलाफ खड़े होंगे, जिसका उद्देश्य हर इंसान के मौलिक अधिकार को दबाने का होगा।
बता दें कि मस्जिद में मुस्लिमों पर हमले के बाद तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं आई थीं। इस हमले के बाद बहुत सारे लोगों के चेहरों से नकाब भी उजागर हुए जो मुस्लिमों के प्रति घृणा दिल में रखे बैठे हैं। वहीं, न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री ने हमले के तुरंत बाद इसकी निंदा की व बुरखा पहनकर पीड़ितों का दर्द बांटने पहुंचीं। उनके इस कदम की चारों तरफ सराहना हो रही है। यह चरम राष्ट्रवादियों के लिए भी एक संदेश है।
बिशप जोसेफ डिसूजा ने कहा, "मस्जिद अल नूर और लिनवुड मस्जिदों पर हुए इस जघन्य हमले के बाद हमारा दिल मुस्लिम समुदाय के साथ है। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री ने हमले की तुरंत निंदा की हम इसकी सराहना करते हैं।
सोशल मीडिया ने दुनिया को जोड़ने का काम किया है जिससे इस हमले पर दुनियाभर के लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं। वहीं, सोशल मीडिया ने चरमपंथियों के एजेंडे फैलने में भी मदद की है। चरम राष्ट्रवाद और घृणा कई जगह नजर आती है लेकिन न्यूजीलैंड जैसे शांतिप्रिय देश में इस तरह का मामला चौंकाने वाला है। इस हमले के बाद जिस तरह से न्यूजीलैंड की जनता हमलावरों के खिलाफ और पीड़ितों के साथ खड़ी हुई वह काबिलेतारीफ है।
डिसूजा ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि हम जो बोते हैं वही काटते हैं। यह हमला याद दिलाने वाला है कि दुनिया को शांतिदूतों की सख्त जरूरत है, जो शांति का बीजारोपण करेंगे और बुरी तरह से उस बुराई के खिलाफ खड़े होंगे, जिसका उद्देश्य हर इंसान के मौलिक अधिकार को दबाने का होगा।
बता दें कि मस्जिद में मुस्लिमों पर हमले के बाद तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं आई थीं। इस हमले के बाद बहुत सारे लोगों के चेहरों से नकाब भी उजागर हुए जो मुस्लिमों के प्रति घृणा दिल में रखे बैठे हैं। वहीं, न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री ने हमले के तुरंत बाद इसकी निंदा की व बुरखा पहनकर पीड़ितों का दर्द बांटने पहुंचीं। उनके इस कदम की चारों तरफ सराहना हो रही है। यह चरम राष्ट्रवादियों के लिए भी एक संदेश है।