चलिए आपको 2019 का अभी तक का सबसे बड़ा चुटकुला सुनाता हूँ , आज से लगभग 6 महीने पहले अगस्त 2018 में भारत और पाकिस्तान के सेनाए पहली बार एक साथ किसी संयुक्त सैन्य अभ्यास में हिस्सा ले रही थी. रूस में चेल्याबिंस्क स्थित चेब्राकुल इलाके में पीस मिशन-2018 के प्रोग्राम के तहत यह युद्धाभ्यास किया गया इसमे भारत के 200, पाक के 110 सैनिकों ने भाग लिया.
अब इसमें सबसे मजे की बात यह थी कि यह सब आतंकवाद के खिलाफ किया गया!
मीडिया लोगों को समझा रहा है कि पुलवामा के बाद छुहारे मंगाना बन्द करने से, टमाटर भेजना बन्द कर देने से पाकिस्तान घुटने टेक देगा ? पर वह क्या लोगो को बता रहा है कि मोदी सरकार का चीन सरकार की महत्वाकांक्षी योजना OBOR योजना को लेकर क्या रुख है? इस संयुक्त युध्दभ्यास में भी भारत चीन के कहने पर ही शामिल हुआ था!
ओबोर (वन बेल्ट, वन रोड) चीन का अति महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसको चीन प्राचीन सिल्क रूट की तर्ज पर विकसित कर रहा है. इस रूट के जरिए चीन मध्य एशिया से लेकर यूरोप और फिर अफ्रीका तक स्थलीय व समुद्री मार्ग तैयार करने में जुटा है। इसके तहत छह गलियारे बनाए जाने की योजना है ! इन 6 गलियारों में से एक CPEC है. सीपीईसी चीन की सबसे महत्वपूर्ण परियोजना है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत एक सड़क बनाई जा रही हैं है जो चीन के शहर काशगर को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से जोड़ती हैं.
चीन के इस प्रोजेक्ट को लेकर भारत की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई है, क्योंकि सीपीईसी गिलगिट और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के बालटिस्तान से होकर गुजरता है. ओर भारत PoK सहित समूचे जम्मू-कश्मीर राज्य को अपना अखंड हिस्सा मानता है.
अगर यह रोड बन जाता है तो भारत कितने भी प्रतिबंध लगा ले पाकिस्तान अपनी जरूरत का हर सामान चीन से आसानी से बुला सकता है. चीन पाकिस्तान में अपना बड़ा बाजार देख रहा है साथ ही उसकी पुहंच अरब सागर तक हो जाएगी जिससे अफ्रीका के छोटे देशों के बाजारों पर कब्जा जमाएगा जो अभी भारत से बड़े पैमाने पर सामान आयात कर रहे हैं, चीन पाकिस्तान को इस रोड के लिए कुल 46 अरब डॉलर से भी अधिक की मदद देने को तैयार है.
सवाल यह है कि भारत POK से गुजरने वाले इस रोड को बनाने से रोकने के लिए क्या कूटनीतिक कदम उठा रहा है? वह चीन को अंतराष्ट्रीय समुदाय में कैसे अलग थलग कर रहा है? यही चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा दोस्त बना बैठा है जो UN में मसूद अजहर जैसे आतंकी की खुलकर मदद कर रहा है, ओर इस संबंध में हमारा मीडिया हमे क्या बता रहा है? कि वह पाकिस्तान को छुहारे की मौत मारकर ही आपको नशे में रखे हुए हैं?
अब इसमें सबसे मजे की बात यह थी कि यह सब आतंकवाद के खिलाफ किया गया!
मीडिया लोगों को समझा रहा है कि पुलवामा के बाद छुहारे मंगाना बन्द करने से, टमाटर भेजना बन्द कर देने से पाकिस्तान घुटने टेक देगा ? पर वह क्या लोगो को बता रहा है कि मोदी सरकार का चीन सरकार की महत्वाकांक्षी योजना OBOR योजना को लेकर क्या रुख है? इस संयुक्त युध्दभ्यास में भी भारत चीन के कहने पर ही शामिल हुआ था!
ओबोर (वन बेल्ट, वन रोड) चीन का अति महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसको चीन प्राचीन सिल्क रूट की तर्ज पर विकसित कर रहा है. इस रूट के जरिए चीन मध्य एशिया से लेकर यूरोप और फिर अफ्रीका तक स्थलीय व समुद्री मार्ग तैयार करने में जुटा है। इसके तहत छह गलियारे बनाए जाने की योजना है ! इन 6 गलियारों में से एक CPEC है. सीपीईसी चीन की सबसे महत्वपूर्ण परियोजना है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत एक सड़क बनाई जा रही हैं है जो चीन के शहर काशगर को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से जोड़ती हैं.
चीन के इस प्रोजेक्ट को लेकर भारत की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई है, क्योंकि सीपीईसी गिलगिट और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के बालटिस्तान से होकर गुजरता है. ओर भारत PoK सहित समूचे जम्मू-कश्मीर राज्य को अपना अखंड हिस्सा मानता है.
अगर यह रोड बन जाता है तो भारत कितने भी प्रतिबंध लगा ले पाकिस्तान अपनी जरूरत का हर सामान चीन से आसानी से बुला सकता है. चीन पाकिस्तान में अपना बड़ा बाजार देख रहा है साथ ही उसकी पुहंच अरब सागर तक हो जाएगी जिससे अफ्रीका के छोटे देशों के बाजारों पर कब्जा जमाएगा जो अभी भारत से बड़े पैमाने पर सामान आयात कर रहे हैं, चीन पाकिस्तान को इस रोड के लिए कुल 46 अरब डॉलर से भी अधिक की मदद देने को तैयार है.
सवाल यह है कि भारत POK से गुजरने वाले इस रोड को बनाने से रोकने के लिए क्या कूटनीतिक कदम उठा रहा है? वह चीन को अंतराष्ट्रीय समुदाय में कैसे अलग थलग कर रहा है? यही चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा दोस्त बना बैठा है जो UN में मसूद अजहर जैसे आतंकी की खुलकर मदद कर रहा है, ओर इस संबंध में हमारा मीडिया हमे क्या बता रहा है? कि वह पाकिस्तान को छुहारे की मौत मारकर ही आपको नशे में रखे हुए हैं?