शान्ति और सत्य के मसीहा, महात्मा गांधी की हत्या की 71वीं वर्षगांठ पर, आज सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस (सीजेपी), नफ़रत और कट्टरता की संस्कृति को समाप्त करने के अपने संकल्प को और मजबूत करने का फैसला किया है, सीजेपी ने उस मानसिकता को रोकने की दशा में कदम बढ़ाया है जिससे देश के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को खतरा है.
सीजेपी ने नफ़रत से लड़ने के लिए ख़ास तौर पर डिज़ाइन किए गए एक नए क्रांतिकारी मोबाईल ऐप ‘हेट हटाओ’ (Hate Hatao) लॉन्च किया है. इस ऐप का उपयोग स्मार्टफ़ोन के ज़रिए कोई भी कर सकता है.
हेट हटाओ (Hate Hatao) ऐप, आज (बुधवार, 30 जनवरी) से गूगल प्ले पर उपलब्ध है. अधिक मज़बूत, शांतिपूर्ण और एकजुट भारत बनाने में मदद करने के लिए इसे अभी डाउनलोड करें.
यहां से डाउनलोड करें : https://play.google.com/store/apps/details?id=com.hatehatao.hatehatao
इसके बारे में सीजेपी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बढ़ती साम्प्रदायिक हिंसा और घृणा के बिगड़ते माहौल में हेट हटाओ ऐप से आप उपयुक्त सबूतों जैसे कि, स्क्रीनशॉट, वीडियो या तस्वीर के ज़रिए अभद्र भाषा, धमकी और हेट स्पीच से जुड़े अपराधों को तुरन्त हमें रिपोर्ट कर पाएंगे. आपकी शिकायत दर्ज हो जाने के बाद सीजेपी उसे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया (पीसीआई), नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए), फ़ेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म या कानून प्रवर्तन एजेंसियों या उससे सम्बंधित विभागों तक पहुंचाएगा.
ज़रुरत हुई तो हम एफ़आईआर भी दर्ज करेंगे और अदालत में मामलों को आगे बढ़ाएंगे. कार्यवाही और उसकी स्थिति की जानकारी शिकायतकर्ता को लाइव अपडेट की तरह मिलती रहेगी.
सीजेपी ऐसी घटनाओं पर, उनके घटने-बढ़ने और उनके असर पर नज़र रखेगा और उससे एक चार्ट या ग्राफ़ तैयार करेगा. इससे हम किसी घटना के होने, उससे नफ़रत पनपने और उसके भयानक परिणाम को ट्रैक कर पाएंगे.
इससे हमें पूर्व-सूचित करने और वास्तविक हिंसक दंगों के संभावित प्रकोपों को रोकने में मदद मिलेगी. हेट हटाओ सीजेपी द्वारा चलाए जा रहे हेट वॉच अभियान का एक हिस्सा है जो नफ़रतपूर्ण भाषणों के ज़रिए हाशिए पर जी रहे समुदायों को निशाना बनाने के षड्यंत्र पर नज़र रखता है और लोगों को जागरूक करता है.
नफ़रत से लड़ने की हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता:
अपनी स्थापना के समय से ही, सबरंग इंडिया ( www.sabrangindia.in) और सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस (www.cjp.org.in) घृणा फैलाने वाली बातों (हेट स्पीच) का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है. ये देखा गया है कि हेट स्पीच के ज़रिए अक्सर ही, हाशिए पर रह रहे समुदायों के ख़िलाफ़ हिंसा को उकसाया जाता है. मोहल्ला सभाओं और ज़मीनी स्तर पर किए जा रहे ज़रूरी कार्यों के अनुभव के आधार पर तैयार, हमारी पीस मैप पहल को तकनीक और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए नैस्कॉम पुरस्कार प्राप्त हुआ है. अपनी इस पहल को लगातार आगे बढ़ाते हुए हमारा लक्ष्य है भारत भर में हिंसा की आशंका को लेकर चेतावनी देना, और उसे रोकना.
सीजेपी ने नफ़रत से लड़ने के लिए ख़ास तौर पर डिज़ाइन किए गए एक नए क्रांतिकारी मोबाईल ऐप ‘हेट हटाओ’ (Hate Hatao) लॉन्च किया है. इस ऐप का उपयोग स्मार्टफ़ोन के ज़रिए कोई भी कर सकता है.
हेट हटाओ (Hate Hatao) ऐप, आज (बुधवार, 30 जनवरी) से गूगल प्ले पर उपलब्ध है. अधिक मज़बूत, शांतिपूर्ण और एकजुट भारत बनाने में मदद करने के लिए इसे अभी डाउनलोड करें.
यहां से डाउनलोड करें : https://play.google.com/store/apps/details?id=com.hatehatao.hatehatao
इसके बारे में सीजेपी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बढ़ती साम्प्रदायिक हिंसा और घृणा के बिगड़ते माहौल में हेट हटाओ ऐप से आप उपयुक्त सबूतों जैसे कि, स्क्रीनशॉट, वीडियो या तस्वीर के ज़रिए अभद्र भाषा, धमकी और हेट स्पीच से जुड़े अपराधों को तुरन्त हमें रिपोर्ट कर पाएंगे. आपकी शिकायत दर्ज हो जाने के बाद सीजेपी उसे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया (पीसीआई), नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए), फ़ेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म या कानून प्रवर्तन एजेंसियों या उससे सम्बंधित विभागों तक पहुंचाएगा.
ज़रुरत हुई तो हम एफ़आईआर भी दर्ज करेंगे और अदालत में मामलों को आगे बढ़ाएंगे. कार्यवाही और उसकी स्थिति की जानकारी शिकायतकर्ता को लाइव अपडेट की तरह मिलती रहेगी.
सीजेपी ऐसी घटनाओं पर, उनके घटने-बढ़ने और उनके असर पर नज़र रखेगा और उससे एक चार्ट या ग्राफ़ तैयार करेगा. इससे हम किसी घटना के होने, उससे नफ़रत पनपने और उसके भयानक परिणाम को ट्रैक कर पाएंगे.
इससे हमें पूर्व-सूचित करने और वास्तविक हिंसक दंगों के संभावित प्रकोपों को रोकने में मदद मिलेगी. हेट हटाओ सीजेपी द्वारा चलाए जा रहे हेट वॉच अभियान का एक हिस्सा है जो नफ़रतपूर्ण भाषणों के ज़रिए हाशिए पर जी रहे समुदायों को निशाना बनाने के षड्यंत्र पर नज़र रखता है और लोगों को जागरूक करता है.
नफ़रत से लड़ने की हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता:
अपनी स्थापना के समय से ही, सबरंग इंडिया ( www.sabrangindia.in) और सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस (www.cjp.org.in) घृणा फैलाने वाली बातों (हेट स्पीच) का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है. ये देखा गया है कि हेट स्पीच के ज़रिए अक्सर ही, हाशिए पर रह रहे समुदायों के ख़िलाफ़ हिंसा को उकसाया जाता है. मोहल्ला सभाओं और ज़मीनी स्तर पर किए जा रहे ज़रूरी कार्यों के अनुभव के आधार पर तैयार, हमारी पीस मैप पहल को तकनीक और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए नैस्कॉम पुरस्कार प्राप्त हुआ है. अपनी इस पहल को लगातार आगे बढ़ाते हुए हमारा लक्ष्य है भारत भर में हिंसा की आशंका को लेकर चेतावनी देना, और उसे रोकना.