नई दिल्ली। अभिनेता नसीरुद्दीन शाह द्वारा हाल ही में भीड़ द्वारा की गई हिंसा का परोक्ष हवाला देते हुए कहा था कि एक गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा तवज्जो दी जा रही है। इस बयान के लिए वे दक्षिणपंथी ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए हैं। मॉब लिंचिंग पर नसीरुद्दीन शाह के हालिया बयान पर दक्षिणपंथियों के विरोध के बाद अजमेर साहित्य महोत्सव के आयोजकों ने एक कार्यक्रम को रद्द कर दिया है जिसे अभिनेता संबोधित करने वाले थे।
अभिनेता को यहां तीन दिन तक चलने वाले महोत्सव के पांचवे सत्र में एक कार्यक्रम को संबोधित करना था। कार्यक्रम के पहले अनेक दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। एक प्रदर्शनकारी ने नसीरुद्दीन शाह के पोस्टर पर स्याही भी फेंक दी। महोत्सव के संयोजक रास बिहारी गौर ने कहा, 'शाह को कार्यक्रम का उद्घाटन करना था लेकिन उनके बयान के बाद कुछ स्थानीय लोगों के विरोध के चलते वह आ नहीं सके।' शाह शुरुआती सत्र में अपनी पुस्तक का विमोचन भी करने वाले थे। लेकिन विरोध के चलते इसे रद्द कर दिया गया। कार्यक्रम शुक्रवार को शुरू हुआ और रविवार को समाप्त होगा।
इससे पहले दिन में शाह सेंट एनसेल्म्स सीनियर सेकंडरी स्कूल पहुंचे जहां उनसे पत्रकारों ने उनके बयान के बाद हो रही आलोचनाओं के बारे में प्रश्न किया। इस पर शाह ने कहा, 'जो मैंने पहले कहा वह एक चिंतित भारतीय के तौर पर कहा था। मैं यह पहले भी कह चुका हूं। इस बार मैंने ऐसा क्या कहा कि मुझे गद्दार कहा जा रहा है। यह बेहद अजीब है?'
नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में भीड़ द्वारा की गई हिंसा का परोक्ष हवाला देते हुए कहा था कि एक गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा तवज्जो दी जा रही है। उनके इस बयान के लिए लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। अभिनेता का कहना है कि 'जहर पहले ही फैल चुका है' और अब इसे रोक पाना मुश्किल होगा।
अपने बयान को लेकर चल रही सियासत पर शाह का कहना था कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर बयान पर इतना विवाद क्यों हो रहा है. कांग्रेस द्वारा बयान के समर्थन और भाजपा द्वारा बयान के विरोध पर उनका कहना था की दोनों अपना काम कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी द्वारा नसीरुद्दीन शाह को भेजे गए कराची के टिकट पर शाह ने हल्के अंदाज में चुटकी लेते हुए कहा कि उनका टिकट उन्हें वापस भेज दिया जाएगा.
शाह ने कहा था, 'इस जिन्न को वापस बोतल में बंद करना मुश्किल होगा। जो कानून को अपने हाथों में ले रहे हैं, उन्हें खुली छूट दे दे गई है। कई क्षेत्रों में हम यह देख रहे हैं कि एक गाय की मौत एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा अहम है।' लोग दिग्गज अभिनेता के इस बयान से खफा नजर आए और उन्होंने नसीर को इसके लिए ट्रोल करना शुरू कर दिया।
अभिनेता को यहां तीन दिन तक चलने वाले महोत्सव के पांचवे सत्र में एक कार्यक्रम को संबोधित करना था। कार्यक्रम के पहले अनेक दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। एक प्रदर्शनकारी ने नसीरुद्दीन शाह के पोस्टर पर स्याही भी फेंक दी। महोत्सव के संयोजक रास बिहारी गौर ने कहा, 'शाह को कार्यक्रम का उद्घाटन करना था लेकिन उनके बयान के बाद कुछ स्थानीय लोगों के विरोध के चलते वह आ नहीं सके।' शाह शुरुआती सत्र में अपनी पुस्तक का विमोचन भी करने वाले थे। लेकिन विरोध के चलते इसे रद्द कर दिया गया। कार्यक्रम शुक्रवार को शुरू हुआ और रविवार को समाप्त होगा।
इससे पहले दिन में शाह सेंट एनसेल्म्स सीनियर सेकंडरी स्कूल पहुंचे जहां उनसे पत्रकारों ने उनके बयान के बाद हो रही आलोचनाओं के बारे में प्रश्न किया। इस पर शाह ने कहा, 'जो मैंने पहले कहा वह एक चिंतित भारतीय के तौर पर कहा था। मैं यह पहले भी कह चुका हूं। इस बार मैंने ऐसा क्या कहा कि मुझे गद्दार कहा जा रहा है। यह बेहद अजीब है?'
नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में भीड़ द्वारा की गई हिंसा का परोक्ष हवाला देते हुए कहा था कि एक गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा तवज्जो दी जा रही है। उनके इस बयान के लिए लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। अभिनेता का कहना है कि 'जहर पहले ही फैल चुका है' और अब इसे रोक पाना मुश्किल होगा।
अपने बयान को लेकर चल रही सियासत पर शाह का कहना था कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर बयान पर इतना विवाद क्यों हो रहा है. कांग्रेस द्वारा बयान के समर्थन और भाजपा द्वारा बयान के विरोध पर उनका कहना था की दोनों अपना काम कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी द्वारा नसीरुद्दीन शाह को भेजे गए कराची के टिकट पर शाह ने हल्के अंदाज में चुटकी लेते हुए कहा कि उनका टिकट उन्हें वापस भेज दिया जाएगा.
शाह ने कहा था, 'इस जिन्न को वापस बोतल में बंद करना मुश्किल होगा। जो कानून को अपने हाथों में ले रहे हैं, उन्हें खुली छूट दे दे गई है। कई क्षेत्रों में हम यह देख रहे हैं कि एक गाय की मौत एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा अहम है।' लोग दिग्गज अभिनेता के इस बयान से खफा नजर आए और उन्होंने नसीर को इसके लिए ट्रोल करना शुरू कर दिया।