नसीरुद्दीन शाह के समर्थन में बोले अमर्त्य सेन- देश में जो कुछ हो रहा है, वह आपत्तिजनक

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 8, 2019
नई दिल्ली: नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने रविवार को बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें ‘परेशान' करने की कोशिश की जा रही है. देश में भीड़ हिंसा पर प्रतिक्रिया देने और गैर सरकारी संगठनों पर सरकार की तरफ से की जा रही कथित कार्रवाई के खिलाफ एमनेस्टी इंडिया के लिए एक वीडियो में आने की वजह से शाह विवादों में आ गए हैं. 

सेन ने कहा कि अभिनेता को ‘परेशान' करने के प्रयास किए जा रहे हैं. वीडियो में शाह ने शुक्रवार को कहा कि जो अधिकारों की मांग कर रहे हैं, उन्हें कैद किया जा रहा है. सेन ने कहा, ''हमें अभिनेता को परेशान करने की इस तरह की कोशिशों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए'' देश में जो कुछ हो रहा है, वह आपत्तिजनक है और इसे जरूर रोका जाना चाहिए.''

बता दें कि नसीरुद्दीन शाह ने कुछ दिन पहले एक बयान जारी कर कहा था कि' लोगों को कानून हाथ में लेने की खुली छूट दी गई है. कई इलाकों में हम देख रहे हैं कि एक पुलिस इंस्पेक्टर की मौत से ज्यादा एक गाय की मौत को अहमियत दी जा रही है. मुझे अपने औलादों के बारे में सोचकर फिक्र होती है क्योंकि मैंने अपने बच्चों को मजहब की तालीम बिल्कुल नहीं दी है. हमने उन्हें अच्छाई और बुराई के बारे में सिखाया है और मेरा मानना है कि अच्छाई और बुराई का मजहब से कोई लेना-देना नहीं है.' 2 मिनट 10 सेकंड का यह वीडियो सत्रह दिसंबर को पोस्ट किया गया था.

जिस तरह से देश में हालात होते जा रहे हैं ऐसे में उन्हें भी यह डर सताने लगा है कि कल कहीं उनके बच्चों को भी कोई हिंदू और मुसलमान बताकर मार न दें. नसीरुद्दीन शाह के इस बयान के बाद जमकर बवाल हुआ था. इस विवाद के बात शाह ने एक बार फिर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह से धर्म के नाम पर नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है, वह किसी के लिए भी अच्छा नहीं है.

नसीरुद्दीन शाह बोले- लोगों को कानून हाथ में लेने की मिली छूट, गाय की कीमत इंसान से ज्यादा हो गई

शाह ने कहा था कि हमारे देश का संविधान हमें बोलने, सोचने, किसी भी धर्म को मानने और इबादत करने की आजादी देता है. लेकिन, अब देश में मजहब के नाम पर नफरतों की दीवार खड़ी की जा रही है. जो लोग इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं, उन्हें इसकी सजा दी जाती है. 

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