वाजपेयी सरकार में वित्र मंत्री रहे भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला किया है. सिन्हा ने मोदी सरकार पर रोजगार संकट को नज़रअन्दाज़ करने और इसके आंकड़ों में फर्जीवाड़े करने का आरोप लगाया है. एक लेख में पूर्व वित्त मंत्री ने बेरोजगारी के संबंध में पीएम मोदी पर सच को छिपाने का आरोप भी लगाया है.
उन्होंने कहा है कि देश में नए रोजगार की काफी कमी है और चपरासी जैसी नौकरियों के लिए भारी संख्या में इंजीनियर, सीएस तथा पोस्ट ग्रेजुएट युवा फॉर्म भर रहे हैं. लेकिन, पीएम मोदी इस सच को स्वीकर नहीं रहे हैं और देश की आवाम को गुमराह कर रहे हैं.
देश में रोजगार संकट को संदर्भित करते हुए यशवंत सिन्हा ने लिखा है कि, 'पिछले कुछ सालों में 25 लाख भारतीय युवाओं ने पश्चिम बंगाल में निकली ग्रुप डी के 6 हजार पदों की प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हुए थे. वहीं, राजस्थान में भी चपरासी के 18 पदों के लिए 12,453 लोगों ने फॉर्म भरा था.
रेलवे के विभिन्न 90,000 पदों के लिए 2.8 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था. इनमें जॉब की चाहत रखने वाले इंजीनियर, सीए, वकील और तमाम पोस्ट ग्रेजुएट जैसे युवा शामिल थे.' सिन्हा ने देश की इस दशा को बताते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ऐसी संकटग्रस्त परिस्थिति को पीएम मोदी नज़रअंदाज़ कर रहे हैं.
उन्होंने कहा है कि देश में नए रोजगार की काफी कमी है और चपरासी जैसी नौकरियों के लिए भारी संख्या में इंजीनियर, सीएस तथा पोस्ट ग्रेजुएट युवा फॉर्म भर रहे हैं. लेकिन, पीएम मोदी इस सच को स्वीकर नहीं रहे हैं और देश की आवाम को गुमराह कर रहे हैं.
देश में रोजगार संकट को संदर्भित करते हुए यशवंत सिन्हा ने लिखा है कि, 'पिछले कुछ सालों में 25 लाख भारतीय युवाओं ने पश्चिम बंगाल में निकली ग्रुप डी के 6 हजार पदों की प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हुए थे. वहीं, राजस्थान में भी चपरासी के 18 पदों के लिए 12,453 लोगों ने फॉर्म भरा था.
रेलवे के विभिन्न 90,000 पदों के लिए 2.8 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था. इनमें जॉब की चाहत रखने वाले इंजीनियर, सीए, वकील और तमाम पोस्ट ग्रेजुएट जैसे युवा शामिल थे.' सिन्हा ने देश की इस दशा को बताते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ऐसी संकटग्रस्त परिस्थिति को पीएम मोदी नज़रअंदाज़ कर रहे हैं.