केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता जयंत सिन्हा ने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या) के आरोपियों को आर्थिक मदद की थी। बता दें कि बीते साल जयंत सिन्हा तब चर्चाओं में आए थे जब जमानत पर बाहर आए आरोपितों का उन्होंने माल्यार्पण कर और मिठाई खिलाकर स्वागत किया था। इस घटना के बाद उनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने उन्हें 'नालायक' बेटा कहा था।
बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में जयंत सिन्हा ने कहा, ‘मैं संपूर्ण न्याय की बात करता हूं। पीड़ित (अलीमुद्दीन अंसारी) को न्याय तो मिलना ही चाहिए। लेकिन जिन्हें (आरोपित) एक साल तक गलत सजा देकर जेल में डाला गया उनके साथ भी न्याय हो। वे इतने गरीब थे कि उनके पास पैसे भी नहीं थे कि अपना केस अदालत में सही तरीके से पेश कर सकें। पार्टी के लोग और कुछ (अन्य) लोग जो उनसे जुड़े हुए थे, उन्होंने सहयोग किया।’
इस दौरान जब सिन्हा से पूछा गया कि उन्होंने इन लोगों की किस तरह की मदद की और ऐसी मदद मृतक अलीमुद्दीन अंसारी के परिवार की क्यों नहीं की गई। इस पर उन्होंने कहा, ‘उनके परिवार के लोगों ने कहा कि आपसे यदि आर्थिक सहयोग हो सकता है तो करें। बहुत सारे लोगों ने उनको आर्थिक सहयोग दिया तो हमने भी दिया। मरियम खातून (अंसारी की पत्नी) ने मीडिया के जरिए सरकार और मेरी बहुत आलोचना की। मैं उनकी पीड़ा समझता हूं। मैंने प्रशासन के साथ कई बार बैठ कर इस विषय पर यह देखा है कि किस प्रकार से सरकार की तरफ से मिलने वाले अधिकार उनको मिले।’
जयंत सिन्हा से जब पूछा गया कि ये आरोपित अभी तक दोषमुक्त करार नहीं दिए गए हैं, ऐसे में उन्हें सम्मानित करने से पहले उनके दोषमुक्त करार दिए जाने तक का इंतजार नहीं करना चाहिए था। इस पर भाजपा नेता ने कहा, ‘हमारे सिस्टम में कई अभियुक्त हैं। विपक्ष के बड़े से बड़े नेता अभियुक्त हैं। क्या उन्हें माला नहीं पहनाई जा रही है? पार्टी की तरफ से सहयोग किया गया था, मैंने भी सहयोग किया था। वे मेरे घर आए थे, मैं उनके घर नहीं गया था।’
जयंत सिन्हा ने सफाई में आगे कहा, ‘जब वे बाहर आए। हमारे घर आए। तो वह एक निजी कार्यक्रम था जिसमें उनके माता-पिता ने हमसे कहा कि आपने इन्हें नया जीवन दिया है। उन्होंने हमसे उनका अभिनंदन करने के लिए कहा तो मैंने वैसा किया। यह कार्यक्रम पूरी तरह से निजी और 10 मिनट से भी कम का था। लेकिन किसी ने उसको फेसबुक पर डाल दिया जिसे मीडिया ने उठा लिया।’