नई दिल्ली. संविधान दिवस के मौके पर सोमवार को प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया. सीजेआई ने कहा कि हमारा संविधान हमारा मार्गदर्शन करता है, मुश्किल के समय में भी संविधान ही रास्ता दिखाता है. हमारे हित में यही है कि हम संविधान की सलाह के अनुसार ही चलें.
सीजेआई गोगोई ने कहा, 'यह हमारे हित में है कि हम संविधान के दायरे में रहते हुए उपर्युक्त सलाह लें. अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो हमें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.' जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, 'जब इसे लागू किया गया, तो तो हमारे संविधान की काफी आलोचना की गई. सर इवर जेनिंग्स ने भारतीय संविधान को लंबा और पेचीदा बताकर इसकी आलोचना की थी.'
उन्होंने कहा, 'समय ने आलोचना कमजोर कर दी और यह गर्व की बात है कि हमारा संविधान पिछले 7 दशकों से साहस और हिम्मत के साथ खड़ा हुआ है.' सीजेआई ने आगे कहा कि हमारा संविधान बहुमत और समझदारी की आवाज है. संकट के पलों में ये हमें मार्गदर्शन करना जारी रखता है.
बता दें कि देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा की तरफ से इसे अपनाया गया और 26 नवंबर 1950 को इसे लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया.
इस दिन डॉ. भीमराव आंबेडकर को याद किया जाता है. उन्होंने भारतीय संविधान के रूप में दुनिया का सबसे बड़ा संविधान तैयार किया. आज दिल्ली में संविधान समर्थकों का जमावड़ा रहा.
सीजेआई गोगोई ने कहा, 'यह हमारे हित में है कि हम संविधान के दायरे में रहते हुए उपर्युक्त सलाह लें. अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो हमें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.' जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, 'जब इसे लागू किया गया, तो तो हमारे संविधान की काफी आलोचना की गई. सर इवर जेनिंग्स ने भारतीय संविधान को लंबा और पेचीदा बताकर इसकी आलोचना की थी.'
उन्होंने कहा, 'समय ने आलोचना कमजोर कर दी और यह गर्व की बात है कि हमारा संविधान पिछले 7 दशकों से साहस और हिम्मत के साथ खड़ा हुआ है.' सीजेआई ने आगे कहा कि हमारा संविधान बहुमत और समझदारी की आवाज है. संकट के पलों में ये हमें मार्गदर्शन करना जारी रखता है.
बता दें कि देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा की तरफ से इसे अपनाया गया और 26 नवंबर 1950 को इसे लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया.
इस दिन डॉ. भीमराव आंबेडकर को याद किया जाता है. उन्होंने भारतीय संविधान के रूप में दुनिया का सबसे बड़ा संविधान तैयार किया. आज दिल्ली में संविधान समर्थकों का जमावड़ा रहा.