21 नवंबर दिन बुधवार को पटना के गांधी मैदान में भीम क्रांति महारैली का आयोजन किया जा रहा है। रैली के मुख्य अतिथि भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद एवं विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्र नेता नीलम सरोज होंगी।
भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष अमर आजाद और प्रदेश प्रवक्ता मनीष पासवान ने प्रेस को जारी एक बयान में दावा किया कि रैली में करीब 50 हजार लोगों के आने की संभावना है। यह संख्या बढ़ सकती है। रैली में बिहार के अलावे उत्तर प्रदेश एवं झारखंड से भीम आर्मी के समर्थक आ रहे हैं।
इससे पहले सोमवार को चंद्रशेखर सोमवार को बिजनौर पहुंचे, जहां मुस्लिम नेताओं ने नीली पगड़ी बांधकर उनका जोरदार स्वागत किया। उन्हें बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर, हाथी आदि की प्रतिमा दी गई। वहीं सिख समाज के लोगों ने तलवार देकर सम्मानित किया। इस दौरान भारी संख्या में भीम आर्मी के समर्थक जुटे।
बिजनौर में चंद्रशेखर ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि बिजनौर क्रांति की धरा है। यहां पर संघर्ष करने वालों की किस्मत बदल जाती है। कुछ लोग मान रहे हैं कि उनका इशारा मायावती की ओर था। मायावती के अलावा पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने भी अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बिजनौर से ही की थी।
भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष अमर आजाद और प्रदेश प्रवक्ता मनीष पासवान ने प्रेस को जारी एक बयान में दावा किया कि रैली में करीब 50 हजार लोगों के आने की संभावना है। यह संख्या बढ़ सकती है। रैली में बिहार के अलावे उत्तर प्रदेश एवं झारखंड से भीम आर्मी के समर्थक आ रहे हैं।
इससे पहले सोमवार को चंद्रशेखर सोमवार को बिजनौर पहुंचे, जहां मुस्लिम नेताओं ने नीली पगड़ी बांधकर उनका जोरदार स्वागत किया। उन्हें बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर, हाथी आदि की प्रतिमा दी गई। वहीं सिख समाज के लोगों ने तलवार देकर सम्मानित किया। इस दौरान भारी संख्या में भीम आर्मी के समर्थक जुटे।
बिजनौर में चंद्रशेखर ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि बिजनौर क्रांति की धरा है। यहां पर संघर्ष करने वालों की किस्मत बदल जाती है। कुछ लोग मान रहे हैं कि उनका इशारा मायावती की ओर था। मायावती के अलावा पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने भी अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बिजनौर से ही की थी।