दो दलीय मुकाबला नहीं रह गया मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में अब

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: October 23, 2018
अब तक माना जाता रहा है और देखा भी गया है कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में केवल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में मुकाबला होता है और किसी तीसरे या चौथे दल के लिए कोई जगह नहीं बनती है।

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हालांकि, इस बार स्थिति बदली दिख रही है। मध्यप्रदेश में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी मजबूती से लड़ रही हैं और आपस में तालमेल करके अपनी ताकत भी बढ़ा रही हैं।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमजोर हालत और बीजेपी के खिलाफ सत्ताविरोधी लहर को देखते हुए, ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी की सीटें कम होनी हैं, लेकिन कांग्रेस की भी सीटें बहुत ज्यादा नहीं बढ़नी हैं। ऐसे में बीएसपी, एसपी और जीजीपी की सीटें बढ़ने के आसार हो रहे हैं।

इसी तरह से छत्तीसगढ़ में है जहां अजीत जोगी पहले से ही बड़ी ताकत बनकर अपनी अलग पार्टी बना चुके हैं। इसके बाद उन्होंने एक और मजबूत पार्टी बीएसपी से तालमेल करके तीसरा मोर्चा बना लिया है।

छत्तीसगढ़ में जीजीपी का भी ठीक आधार है और उसने एसपी से तालमेल करके चौथा मोर्चा बना लिया है।

छत्तीसगढ़ में भी माना जा रहा है कि बीजेपी पिछली बार तो किसी तरह से बहुमत पा गई थी, लेकिन इस बार उसकी सीटें बहुमत तक नहीं पहुंच पाएंगी। किसी बड़े नेत के अभाव में कांग्रेस भी बहुमत पाती नहीं दिखती। ऐसे में ये तीसरे और चौथे मोर्चे अगर थोड़ी बहुत भी सीटें पा जाते हैं, तो सत्ता की चाभी
इनके पास आ जाएगी।

इस तरह से ये पहली बार होगा जब इन दोनों राज्यों में कांग्रेस और भाजपा के अलावा अन्य दलों की भी भूमिका हो सकती है।
 

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