राजधानी दिल्ली के मोती नगर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में सफाई और मरम्मत का काम कर रहे पांच मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक, यहां डीएलएफ कैपिटल ग्रीन के पी टावर में टैंक की सफाई और मरम्मत के लिए घुसे पांच मजदूर जहरीली गैस की चपेट में आ गए। इससे से चार मजदूरों की मौत हो गई है, जबकि एक की हालत गंभीर है।

घटना की जानकारी मिलते ही लोकल पुलिस और दमकलकर्मी मौके पर पहुंच गए। टैंक से रेस्क्यू निकालकर सभी को नजदीकी अस्पताल भर्ती कराया। हालत नाजुक देखते हुए दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया। पुलिस केस दर्ज कर हादसे में बरती गई लापरवाही की जांच कर रही है।
पुलिस और दमकल विभाग के मुताबिक, मृतकों की पहचान सरफराज, पंकज, राजा और उमेश के रूप में हुई है। आरएमएल में भर्ती नांगलोई निवासी विशाल की हालत नाजुक है। घटना की कॉल शाम 4:20 बजे मिली। दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। डीएलएफ कैपिटल ग्रीन मोती नगर का आवासीय पॉश इलाका है। यहां पी टावर फाइव स्टोरी में तीन टैंक में सफाई के लिए घुसे मजदूर फंसे हुए थे।
जिस वक्त घटनास्थल पर पुलिस व दमकल कर्मी पहुंचे, वहां पर काफी भीड़ जमा थी। अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने की मशक्कत चल रही थी। दमकल कर्मियों ने सरफराज, पंकज, राजा व उमेश को बाहर निकाला। जहरीली गैस के चलते चारों की मौत हो गई।
मौत का आंकड़ा बढ़ भी सकता था। अगर समय रहते विशाल व प्रदीप को रेस्क्यू न कराया गया होता। जांच में पता चला कि विशाल को उनका साथी प्रदीप अपने अन्य सहयोगियों के बल पर निकाल लाया।

घटना की जानकारी मिलते ही लोकल पुलिस और दमकलकर्मी मौके पर पहुंच गए। टैंक से रेस्क्यू निकालकर सभी को नजदीकी अस्पताल भर्ती कराया। हालत नाजुक देखते हुए दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया। पुलिस केस दर्ज कर हादसे में बरती गई लापरवाही की जांच कर रही है।
पुलिस और दमकल विभाग के मुताबिक, मृतकों की पहचान सरफराज, पंकज, राजा और उमेश के रूप में हुई है। आरएमएल में भर्ती नांगलोई निवासी विशाल की हालत नाजुक है। घटना की कॉल शाम 4:20 बजे मिली। दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। डीएलएफ कैपिटल ग्रीन मोती नगर का आवासीय पॉश इलाका है। यहां पी टावर फाइव स्टोरी में तीन टैंक में सफाई के लिए घुसे मजदूर फंसे हुए थे।
जिस वक्त घटनास्थल पर पुलिस व दमकल कर्मी पहुंचे, वहां पर काफी भीड़ जमा थी। अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने की मशक्कत चल रही थी। दमकल कर्मियों ने सरफराज, पंकज, राजा व उमेश को बाहर निकाला। जहरीली गैस के चलते चारों की मौत हो गई।
मौत का आंकड़ा बढ़ भी सकता था। अगर समय रहते विशाल व प्रदीप को रेस्क्यू न कराया गया होता। जांच में पता चला कि विशाल को उनका साथी प्रदीप अपने अन्य सहयोगियों के बल पर निकाल लाया।