महाराष्ट्र के ठाणे से तीन मजदूरों की मौत से जुड़ी दर्दनाक घटना सामने आई है। खबरों के अनुसार 8 मजदूर सीवेज टैंक की सफाई करने उतरे थे। जिसमें से जहरीली गैस के रिसाव के कारण 3 मजदूरों की मौत हो गई है। मृत मजदूरों के शवों को पुलिस को सौप दिया गया है।
घटना ठाणे की एक सोसायटी की है जहां सीवेज टैंक की सफाई के लिए 8 मजदूर उतरे थे। तभी अचानक जहरीली गैस के रिसाव से मजदूरों की हालत बिगड़ने लगी। इसके बाद इलाके में हड़कंप मचने पर पुलिस कंट्रोल रूम और दमकल विभाग को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची दमकल विभाग की टीम ने 5 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया। परंतु शेष 3 मजदूरों की मृत्यु हो गई है।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक घटना ठाणे के प्राइड प्रेसिडेंसी लुरिया सोसायटी की है। जहां 130 क्यूबिक मीटर गहरे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में 8 मजदूर सफाई करने उतरे थे। लेकिन जहरीली गैस की रिसाव के कारण उनकी तबीयत खराब हो गई जिसमे 3 मजदूरों की मौत हो गई है।
फिलहाल मृतकों का शव पुलिस को सौप दिया गया है। पर सवाल यह उठता है कि क्या गरीब की जान की कोई कीमत नहीं है? आखिर कौन है इन मौतों का जवाबदेही?
घटना ठाणे की एक सोसायटी की है जहां सीवेज टैंक की सफाई के लिए 8 मजदूर उतरे थे। तभी अचानक जहरीली गैस के रिसाव से मजदूरों की हालत बिगड़ने लगी। इसके बाद इलाके में हड़कंप मचने पर पुलिस कंट्रोल रूम और दमकल विभाग को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची दमकल विभाग की टीम ने 5 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया। परंतु शेष 3 मजदूरों की मृत्यु हो गई है।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक घटना ठाणे के प्राइड प्रेसिडेंसी लुरिया सोसायटी की है। जहां 130 क्यूबिक मीटर गहरे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में 8 मजदूर सफाई करने उतरे थे। लेकिन जहरीली गैस की रिसाव के कारण उनकी तबीयत खराब हो गई जिसमे 3 मजदूरों की मौत हो गई है।
फिलहाल मृतकों का शव पुलिस को सौप दिया गया है। पर सवाल यह उठता है कि क्या गरीब की जान की कोई कीमत नहीं है? आखिर कौन है इन मौतों का जवाबदेही?