एक तरफ भाजपा गायों की रक्षा के नाम पर पूरे देश में उन्माद पैदा कर रही हैं, वहीं उसके शासन वाले राजस्थान में गौशालाओं में गायों की बुरी हालत है।
कोटा में धर्मपुरा गौशाला में बारिश के कारण ही 3 दिन में 27 गायों की मौत हो चुकी है और दो दर्जन से ज्यादा गायें मरने की हालत में पड़ी हुई हैं।
गौशाला में गायों को इस तरह से ठूंस-ठूंसकर भरा गया है कि वे हिल-डुल तक नहीं पा रहे हैं। उन्हीं के बीच पड़ी मरी हुई गायों की लाशें सड़ रही हैं, और बदबू मार रही हैं। जीवित बची गायों में संक्रमण का खतरा भी फैल रहा है।
पत्रिका की खबर के अनुसार, गौशाला में इस वक्त भी दो दर्जन से ज्यादा गायें और बछड़े मरणासन्न अवस्था में तड़प रहे हैं और उनकी देखभाल के लिए डॉक्टर तो दूर साधारण कर्मचारी भी नहीं हैं।
गौशाला के कर्मचारी बता रहे हैं पहले भी हर दिन तीन-चार गायें मरती थीं, लेकिन अब बारिश के कारण हर दिन 10-12 गायें मरने लगी हैं।
नगर निगम ने निगरानी के लिए कर्मचारी लगा रखा है, लेकिन वह कभी समय पर नहीं पहुंचता। कहने को गौशाला में पशु चिकित्सक भी लगा रखा है, लेकिन गायें लगातार मरती जा रही हैं।
गायों का मुद्दा भाजपा केवल धार्मिक उन्माद पैदा करने के लिए इस्तेमाल कर रही है। बाकी सारे प्रदेश में गायों और अन्य जानवरों की बुरी हालत है। उदयपुर की गिरवा तहसील के डेडकिया गांव में तो बिजली का तार एक मकान पर गिरने से 7 जानवर करंट के कारण तड़प-तड़पकर मर गए।
बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद वैसे तो गायों की परवाह नहीं करते, लेकिन करंट से गायों के मरने के बाद राजनीतिक फायदा उठाने के लिए उसके कार्यकर्ता डेडकिया में सक्रिय हो गए और लोगों को भड़काने में लगे हैं।
कोटा में धर्मपुरा गौशाला में बारिश के कारण ही 3 दिन में 27 गायों की मौत हो चुकी है और दो दर्जन से ज्यादा गायें मरने की हालत में पड़ी हुई हैं।
गौशाला में गायों को इस तरह से ठूंस-ठूंसकर भरा गया है कि वे हिल-डुल तक नहीं पा रहे हैं। उन्हीं के बीच पड़ी मरी हुई गायों की लाशें सड़ रही हैं, और बदबू मार रही हैं। जीवित बची गायों में संक्रमण का खतरा भी फैल रहा है।
पत्रिका की खबर के अनुसार, गौशाला में इस वक्त भी दो दर्जन से ज्यादा गायें और बछड़े मरणासन्न अवस्था में तड़प रहे हैं और उनकी देखभाल के लिए डॉक्टर तो दूर साधारण कर्मचारी भी नहीं हैं।
गौशाला के कर्मचारी बता रहे हैं पहले भी हर दिन तीन-चार गायें मरती थीं, लेकिन अब बारिश के कारण हर दिन 10-12 गायें मरने लगी हैं।
नगर निगम ने निगरानी के लिए कर्मचारी लगा रखा है, लेकिन वह कभी समय पर नहीं पहुंचता। कहने को गौशाला में पशु चिकित्सक भी लगा रखा है, लेकिन गायें लगातार मरती जा रही हैं।
गायों का मुद्दा भाजपा केवल धार्मिक उन्माद पैदा करने के लिए इस्तेमाल कर रही है। बाकी सारे प्रदेश में गायों और अन्य जानवरों की बुरी हालत है। उदयपुर की गिरवा तहसील के डेडकिया गांव में तो बिजली का तार एक मकान पर गिरने से 7 जानवर करंट के कारण तड़प-तड़पकर मर गए।
बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद वैसे तो गायों की परवाह नहीं करते, लेकिन करंट से गायों के मरने के बाद राजनीतिक फायदा उठाने के लिए उसके कार्यकर्ता डेडकिया में सक्रिय हो गए और लोगों को भड़काने में लगे हैं।