मुकेश अम्बानी की इस कम्पनी के लिए मोदी सरकार ने कानून ही बदल डाला !

Written by Girish Malviya | Published on: June 24, 2018
मुकेश अंबानी की कम्पनी आलोक इंडस्ट्रीज ओने पौने दाम में खरीद सके इसलिए मोदी सरकार ने कानून ही बदल डाला !,.. चौकिए मत......... यह बिल्कुल सही विश्लेषण है जो किसी मीडिया चैनल या अखबार में आपको नही मिलेगा, इसलिए ध्यान से पढ़ लीजिएगा......



इंसोल्वेंसी एंड बैंककरप्सी कोड लाया ही इसलिए गया कि हजारों करोड़ के कर्ज डूबा कर बैठी कंपनियों को अडानी अम्बानी जैसे बड़े उद्योगपतियों को बेहद कम कीमत में बेच कर उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पुहचाया जाए और जनता को ठेंगा दिखा दिया जाए

कल खबर आयी कि दिवालिया टेक्सटाइल फर्म आलोक इंडस्ट्रीज के कर्जदाताओं ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और जेएमएफ एआरसी की ओर से संयुक्त रूप से जमा कराई गई समाधान योजना को मंजूरी दे दी है, ऋणदाताओं की समिति की वोटिंग में 72 फीसदी ऋणदाताओ ने रिलायंस का ऑफर मंजूर कर लिया लेकिन अप्रैल के मध्य में हुई बैठक में रिलायंस और जेएम एआरसी के 5,050 करोड़ रुपये के ऑफर पर 70 पर्सेंट कर्जदाता बैंकरों ने ही सहमति दी थी लेकिन तब ये सौदा नकार दिया गया था इसकी सबसे बड़ी वजह एक नियम था जिसके तहत ऐसे रिजॉल्यूशन प्लान की मंजूरी के लिए कम से कम 75 पर्सेंट कर्जदाताओं की सहमति जरूरी है तो अब तो सिर्फ 2 परसेंट ही बढ़त होने पर इसे रिलायंस को क्यो सौपा जा रहा है

दरअसल इन दो महीनों के दौरान सरकार ने इस 75 प्रतिशत ऋण दाताओं की मंजूरी वाले कानून में ढील देने वाला संशोधन पास कर दिया यानी अब भी यह 75 प्रतिशत से कम है लेकिन अब इस समाधान को मंजूरी दी जा सकती है

अब सबसे कमाल की बात सुनिए इस सौदे से बैंकों को 86 फीसदी से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ रहा है लेकिन बात अगर मुकेश अम्बानी के फायदे की हो तो जनता के पैसे पर डाका मारने से मोदी सरकार क्यो रुके,

आलोक इंडस्ट्रीज पर वित्तीय कर्जदाताओं का करीब 295 अरब रुपये बकाया है ओर मुकेश अम्बानी सिर्फ 50.5 अरब रुपये में आलोक इंडस्ट्रीज खरीद रहें है यानी सरकार बैंको पर दबाव डाल कर 245 अरब रुपये पूरी तरह से डुबाने को आमादा है लेकिन मजाल है कोई चू तक बोल दे इतना ही ऋण यदि किसानों का माफ कर दिया जाता तो पूरे भारत मे हल्ला मचा देते , वित्तमंत्री को ताव आ जाता, सारे आर्थिक विशेषज्ञ एक स्वर में 'डुबा दिए' 'डुबा दिए' का शोर मचाने लग जाते

यह तस्वीर हैं 'न्यू इंडिया' की ,......आरती उतारिये इनकी,....... ओर लगें रहिए कि किस का पासपोर्ट नही बना, बना तो क्यो बना, कैसे एयरटेल वालो धर्म के आधार पर भेदभाव किया, किसे ओला वालो ने चलती गाड़ी से उतार दिया

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