नई दिल्ली. आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. बीजेपी, कांग्रेस सहित सभी क्षेत्रीय दल भी जोड़तोड़ में जुटे हैं. इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में हार का खतरा है. इसे देखते हुए बीजेपी करीब 110 वर्तमान सांसदों/मंत्रियों का टिकट काट सकती है. बताया जा रहा है कि बीजेपी ने अपने मंत्रियों से फीडबैक के बाद यह फैसला किया है.फीडबैक में सामने आया कि बेरोजगारी, महंगाई और सांसदों के बड़बोलेपन से जनता निराश है.
आगामी चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के बजाय बीजेपी क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. बीजेपी की बैठक में फ़ीड बैक आया है कि महागठबंधन और कुछ एंटी इन्कमबेंसी होने के कारण बीजेपी को 60- 75 सीटों का नुक़सान हो सकता है. इसी वजह से बीजेपी वर्तमान सांसदों की टिकट काट सकती है. करीब 40 प्रतिशत सिटिंग सांसदों की टिकट कटने की संभावना है. वर्तमान में बीजेपी के 272 सांसद हैं.
2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बहुमत से ज्यादा सीटें जीती थीं. एनडीए गठबंधन में सिर्फ बीजेपी ने 282 सीटें जीती थीं. लेकिन इस बार बैठक में फीडबैक मिलने के बाद बीजेपी ने रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है. इसके लिए करीब 60 से 75 वर्तमान सांसदों की टिकट काटने पर विचार किया जा रहा है. कई मौजूदा सांसदों के अपने कैडर के साथ ग़लत व्यवहार और अपने क्षेत्र में सक्रिय ना होने के कारण नाराज़गी मीटिंग में बड़ा मुद्दा रहा.
मीटिंग के फ़ीडबैक के मुताबिक, यूपी में विरोधी दलों का गठबंधन होने पर करीब 40 फ़ीसदी वोट एकतरफा बीजेपी के खिलाफ जा रहा है. ऐसे में बीजेपी को यूपी में 30 से 40 सीटों के नुकसान का अनुमान है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के अलावा आरएसएस भी अपनी तरफ़ से हर लोकसभा सीट का प्रभारी बनायेगा जो हर स्थिति की रिपोर्ट संघ को देगा. बीजेपी अपनी हर लोकसभा सीट के लिये 3 पदाधिकारियों को ज़िम्मेदारी देगी.
आगामी चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के बजाय बीजेपी क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. बीजेपी की बैठक में फ़ीड बैक आया है कि महागठबंधन और कुछ एंटी इन्कमबेंसी होने के कारण बीजेपी को 60- 75 सीटों का नुक़सान हो सकता है. इसी वजह से बीजेपी वर्तमान सांसदों की टिकट काट सकती है. करीब 40 प्रतिशत सिटिंग सांसदों की टिकट कटने की संभावना है. वर्तमान में बीजेपी के 272 सांसद हैं.
2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बहुमत से ज्यादा सीटें जीती थीं. एनडीए गठबंधन में सिर्फ बीजेपी ने 282 सीटें जीती थीं. लेकिन इस बार बैठक में फीडबैक मिलने के बाद बीजेपी ने रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है. इसके लिए करीब 60 से 75 वर्तमान सांसदों की टिकट काटने पर विचार किया जा रहा है. कई मौजूदा सांसदों के अपने कैडर के साथ ग़लत व्यवहार और अपने क्षेत्र में सक्रिय ना होने के कारण नाराज़गी मीटिंग में बड़ा मुद्दा रहा.
मीटिंग के फ़ीडबैक के मुताबिक, यूपी में विरोधी दलों का गठबंधन होने पर करीब 40 फ़ीसदी वोट एकतरफा बीजेपी के खिलाफ जा रहा है. ऐसे में बीजेपी को यूपी में 30 से 40 सीटों के नुकसान का अनुमान है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के अलावा आरएसएस भी अपनी तरफ़ से हर लोकसभा सीट का प्रभारी बनायेगा जो हर स्थिति की रिपोर्ट संघ को देगा. बीजेपी अपनी हर लोकसभा सीट के लिये 3 पदाधिकारियों को ज़िम्मेदारी देगी.