जानिए नरेंद्र मोदी को कब-कब हुआ जान का खतरा ?

Written by Girish Malviya | Published on: June 9, 2018
कल शाम को अचानक न्यूज़ चैनल पर बड़े अक्षरों में हेडलाइन तैरने लगी .....'पीएम मोदी को जान का खतरा' 'मोदी की हत्या की गहरी साजिश बेनकाब'



आखिर मे पता लगा कि एक सादे कागज पर अंग्रेजी में टाइप की गई चिठ्ठी पुणे पुलिस को बरामद हुई है जो किसी रोणा जैकब द्वारा लिखी गयी है यह चिठ्ठी दिल्ली स्थित रोना विल्सन के घर से बरामद हुई है.

अब चिठ्टी में क्या लिखा है इस पर पोस्ट नही है ..........यह झूठ है या महा झूठ हैं या सच है यह बाद में मालूम पड़ जाएगा लेकिन इस खबर से मन मे एक उत्सुकता जगी कि हमारे प्राणों से प्रिय मोदी जी को कब कब ऐसे जान से मारने की धमकी मिली है यह थोड़ा गूगल करके देखा जाए.

पहली खबर मिलती है सोहराबुद्दीन एनकाउंटर की....... 26 नवंबर, 2005 को गुजरात पुलिस की एक टीम ने सोहराबुद्दीन शेख नाम के एक व्यक्ति को मार गिराया। पुलिस ने दावा किया कि शेख लश्कर-ए-तय्यबा आतंकवादी संगठन का एक ऑपरेटर था और वह पाकिस्तान की आईएसआई खुफिया एजेंसी के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या की योजना बना रहे था ................अब इस केस की सच्चाई को छुपाने के लिये न जाने कितने गुनाह करना पड़े कि जज लोया के बाद भी इस केस से सम्बंधित मौतों का सिलसिला कभी रुक नही पाया ....

अब आते हैं 2013 में.........
जब यह तय हो गया कि मोदीजी को भाजपा प्रधानमंत्री के चेहरे के रूप में पेश कर रही है तो एक बार फिर 2013 मे छत्तीसगढ़ पुलिस ने सिमी और इंडियन मुजाहिदीन के उमेर सिद्दीकी, अब्दुल वाहिद ने कड़ी पूछताछ की ओर उन्होंने नरेन्द्र मोदी पर हमले की साजिश रचने की बात स्वीकार की थी.

2016 में भी पता चला कि हैदराबाद ब्लास्ट में इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के आंतकी यासीन भटकल व तहसीन अख्तर ने 27 सितंबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री व वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रची थी.

2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आतंकी हमले के इनपुट से यूपी पुलिस के हाथ पांव फूल गए थे. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक लंदन में बैठे कुछ कश्मीरी आतंकियों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हत्या की साजिश रच रहे थे.

2017 में ही PM मोदी की हत्या की साजिश रचने वाले आतंकी अली को मुरादाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

अब आते हैं 2018 में .........गुजरात एटीएस ने 2018 में अंकलेश्वर में दाखिल चार्जशीट में खुलासा किया कि कुख्यात आतंकवादी संगठन आईएस के संदिग्ध आपरेटिव उबैद मिर्जा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की स्नाइपर राइफिल से हत्या करना चाहता था.

ज्यादा पुरानी नही सिर्फ डेढ़ महीने पुरानी खबर है तमिलनाडु पुलिस ने मोहम्मद रफीक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने वाले के आरोप में गिरफ्तार कर 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में दिया है सुरक्षा एजेंसियों ने रफीक को टेलीफोन पर किसी प्रकाश नाम के कारोबारी से कथित तौर पर पीएम मोदी की हत्या की योजना से जुड़ी बाते करता हुआ पकड़ा था, 24 अप्रैल 2018 की खबर है पर कोई हो हल्ला नही हुआ.

अब बहुत छोटा सा सवाल है कि जब इतने बड़े बड़े दुर्दांत आतंकवादी आपकी पकड़ में है तो इनके सामने बेचारे छोटे मोटे सो कॉल्ड 'अरबन नक्सली' टाइप माओवादी कहा लगते हैं तो फिर ये इतना बड़ा बवाल किस खुशी में खड़ा किया जा रहा है ?

(ये लेखक के निजी विचरा हैं।)

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