मोदी भक्तों को 2002 के गुजरात दंगे क्योंं प्रेरित करते हैं?

Published on: July 14, 2017
आरएसएस ने नरेंद्र मोदी को परिवर्तन लाने वाले के रुप में गुजरात में साल 2001 में शामिल किया। अमरनाथ यात्रियों पर अंतिम बार हमले हुए। 10 जुलाई को हुए हमले के बाद यह सबसे क्रूर हमला था। वर्ष 2000 में हुए हमले में जवान समेत 99 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। प्रवीण तोगड़िया उत्तेजक बयान देने के लिए जाने जाते हैं। गुजरात में तोगड़िया ने बदले की राजनीति का खेल खेला। 1 अगस्त 2000 को अहमदाबाद में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान तोगड़िया ने स्पष्ट शब्दों में कहा ‘वहां का जवाब यहां देंगे’। गुजरात के दक्षिण में सूरत से लेकर उत्तर में खेदभरमा तक बारह में से 9 केंद्रों में अल्पसंख्यकों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। हमला करने वालों में वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ता आगे रहे। अमरनाथ यात्रियों पर पहले हमले के दो साल बाद 2002 में गुजरात जलने लगा। कई महीनों तक आग की लपटें दिखाई दी। उस वक्त मोदी गुजरात में थें।
 
हाल में हुए अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले के बाद 2002 के दंगों की बात सोशल मीडिया पर छिड़ गई है। खासकर बंगाल के बशीरहाट में हुए सांप्रदायिक हिंसा के बाद ये काफी तेजी से फैलने लगी है। क्या मोदी के भक्तों को गुजरात में साल 2002 में हुए दंगे  प्रेरित कर रहे हैं?   
 
हाल में बंगाल के बशीरहाट में सांप्रदायिक दंगों में मुस्लिम डॉक्टर और उनके हिंदू डॉक्टर एक दिल को छूने वाली बात मुस्लिम समाज के बीच फैला रहा हैं। वे समाज में शांति बहाल करने की कोशिश कर कर रहे हैं। वे कह रहे हैं ‘साल 2002 में क्या हुआ आप सबको याद होगा’। इसको लेकर गुस्साए बीजेपी के युवा नेता सांप्रदायिक बातें करने लगे और हिंसा की धमकी दी। हिंदुस्तान टाइम्स की प्रकाशित खबर में कोई अपराध नहीं है लेकिन इससे बीजेपी युवा मोर्चा के नेता श्रीनिवास राघवन को परेशानी हुई। राघवन बीजेपी युवा मोर्चा के महासचिव हैं।   
 
सांप्रदायिक सौहर्द के लिए डॉक्टर की अपील पर हिंदुस्तान टाइम्स की प्रतिक्रया देते हुए राघवन ने कहा कि मुझे महात्मा गांधी के कार्य याद हैं। ये बहुत हो गया। अब हम इसे आगे बर्दाश्त नहीं करेंगे। आप सभी को 2002 की घटना याद होगी। दूसरे यूजर्स द्वारा हस्तक्षेप करने पर राघवन लगातार अपनी ही बात कहते रहे। आगे लिखा कि ‘तुम जैसे लोगों को चेतावनी है’, ‘अपने देश लौट जाओ’, ‘हम बदले का इंतजार कर रहे हैं’ (सत्रहवीं शताब्दी के शासकों का), ‘अब दिन ज्यादा दूर नहीं हैं’ इस तरह के और भी कुछ लिखे गए।
 
अपने फेसबुक प्रोफाइल में राघवन ने खुद को ‘करिश्माई व्यक्ति’ और ‘भारत को फिर से महान बनाने में विश्वास’ करने वाला बताया। उसका पूरा पेज वरिष्ठ बीजेपी नेताओं की तस्वीरों से भरा है।
 
 ****श्रीनिवास राघवन ट्वीट


 
 वर्तमान में त्रिपुरा के राज्यपाल और पश्चिम बंगाल के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष तथागत राय ने ट्वीटर पर वर्ष 2002 में हिंदुओं द्वारा किए गए कामों को सराहा। ज्ञात हो कि तथागत 2002 से 2006 तक बंगाल ईकाई के अध्यक्ष थे।
 
****अरत्रिका और तथागत राय ट्वीट


 
हिंदू डिफेंस लीग के ट्वीटर अकाउंट में लिखा गया है कि हिंदुओं को यदि यूपी को कश्मीर बनने से रोकना है तो एक बार उसे गुजरात बनाना ही होगा।
 
****हिंदू डिफेंस लीक ट्वीट


 
साल 2015 में अमितेश सिंह ने ट्वीटर पर नरसंहार करने के बारे में लिखा। ट्वीटर पर पीएम मोदी अमितेश सिंह के फॉलोवर थें। अमितेश को इस ट्वीट मामले में गिरफ्तार कर लिया गया और तबसे उसका अकाउंट निष्क्रिय है। अमितेश ने ट्वीटर अकाउंट प्रोफाइल में दावा किया कि वह भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा का उपाध्यक्ष है। उधर पार्टी ने इसे खारिज कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमितेश सिंह मध्यप्रदेश के बीजेपी के एक सांसद का पोता है।
 
****अमितेश सिंह ट्वीट


 
क्या सभी सोशल मीडिया में 2002 के समर्थन में गंभीर चर्चाएं हैं? साल 2002 में ट्रेन के जलने की घटना में 59 लोगों की जान जाने के बाद गुजरात में हुए दंगों में 1926 लोगों ने अपनी जान गंवाई जिनमें ज्यादातर मुस्लिम थें। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो संवैधानिक तंत्र के टूटने का जश्न मनाते हैं।   
 
 

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