नई दिल्ली। बीजेपी शासित गुजरात दलितों और मुस्लिमों पर अत्याचार के लिए कुख्यात है। 2002 के दंगे का वो दर्दनाक मंजर मुस्लिम अभी भूले नहीं हैं। ताजा मामला राजकोट का है जहां एक मुस्लिम महिला और उसकी दो बेटियों ने गुजरात पुलिस के उत्पीड़न से तंग आकर कोर्ट परिसर में ही आत्महत्या करने की कोशिश की।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महिला और उसकी दोनों बेटियों ने कीटनानाशक पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। कीटनाशक पीते ही उन्हें तुरंत राजकोट सिविल हॉस्पिटल में भरती कराया गया। प्रद्युमन नगर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर का कहना है अभी उनकी हालत ठीक है और वे खतरे से बहार है। महिला का नाम नसरीन गुलज़ार और उसकी दो बेटियों का नाम नाजनीन और शीरीं है।
मुस्लिम महिला ने गुजरात पुसिल पर जो आरोप लगाया है वो बेहद शर्मनाक और दरिंदगी भरा है। धोराजी नगर की रहनेवाली नसरीन का कहना है कि राजकोट के कुछ पुलिसवाले उनके परिवार का बहुत दिनों से उत्पीड़न कर रहे हैं, पुलिसवाले उनके घर पर दिन या रात के किसी भी समय आ जाते है फिर उनके और उनकी बेटियों के साथ बदतमीजी करते हैं। बहुत-बहुत देर तक परेशान करते रहते हैं।
नसरीन का यह भी कहना है कि उनके पति पर भी झूठे आरोप लगाकर मामला दर्ज कराया गया है। वहीं पुलिस इंस्पेक्टर का कहना है कि नसरीन और उनकी बेटियों का मेडिकल टेस्ट होते ही वे उनका बयान लेंगे और कड़ी करवाई करेंगे।