लखनऊ। महिलाओं की सुरक्षा के लिए गठित एंटी रोमियो दल लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता नजर आ रहा है। योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनते ही डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को एंटी रोमियो दल गठित कर महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों पर कार्रवाई करने के निर्देश जारी किया था। जिसके बाद प्रदेश में महिला सुरक्षा के नाम पर एंटी रोमियो दल द्वारा मनमानी व गुंडागर्दी देखने को मिली। प्रदेश में कई जगह ऐसी घटनाए सामने आयी है जहां पुलिस एंटी रोमियो दल के नाम पर बेवजह लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस थाने ले गयी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लखनऊ के एक व्यस्त इलाके में पुलिसकर्मियों ने एक जोड़े को रोका और बिना किसी पुछताछ के युवक को हिरासत में लेकर स्थानीय थाने ले गई। पुलिसकर्मियों ने महिला को वहीं से जाने दिया, लेकिन युवक को पुलिस थाने में हिरासत में रखा गया। इसी तरह की एक घटना कानपुर में भी देखने को मिली जहां पार्क घूम रहे जोडे़ को पुलिस ने पकड़ लिया। इसके बाद पुलिसवालों ने पकड़े गए युवक को परेशान भी किया।
लखनऊ पुलिस ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि जोड़े से शक के आधार पर पूछताछ की गई थी, लेकिन उन्हें बाद में छोड़ दिया गया। लखनऊ की एसएसपी मंजिल सैनी ने कहा, 'यह गलत है क्योंकि स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी तरह की मोरल पोलिसिंग नहीं करनी है। इस दस्ते का मकसद छेड़छाड़ करने वालों पर काबू पाना है' वहीं डीजीपी जावेद अहमद ने कहा कि, इस तरह की कार्रवाई गलत है, अगर इस संबंध में शिकायत की जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी किए थे कि पार्क, मुख्य चौक, मार्केट, मॉल्स और अन्य सार्वजनिक जगहों को महिलाओं और लड़कियों के लिए सुरक्षित बनाया जाए। निर्देश में कहा गया है कि सार्वजनिक स्थलों पर जोड़ों को तंग नहीं किया जाना चाहिए और एंटी रोमियो दस्ते के तहत केवल महिलाओं को तंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
डीजीपी ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया थे कि लोगों को सार्वजनिक तौर पर कोई सजा ना दी जाए। लेकिन प्रदेश में ऐसी कई घटनाएं देखने को मिला, जहां पुलिसवाले डीजीपी के निर्देश की सरेआम धज्जियां उडाते हुए सार्वजनिक जगहों पर लोगों को सजा दे रहे हैं। बता दें कि विधानसभा चुनावों से ठीक पहले भाजपा ने अपने चुनावी वादों में प्रदेश में सरकार बनने पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो दल बनाने की घोषणा की थी।
(संपादन- भवेंद्र प्रकाश)
Courtesy: National Dastak

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लखनऊ के एक व्यस्त इलाके में पुलिसकर्मियों ने एक जोड़े को रोका और बिना किसी पुछताछ के युवक को हिरासत में लेकर स्थानीय थाने ले गई। पुलिसकर्मियों ने महिला को वहीं से जाने दिया, लेकिन युवक को पुलिस थाने में हिरासत में रखा गया। इसी तरह की एक घटना कानपुर में भी देखने को मिली जहां पार्क घूम रहे जोडे़ को पुलिस ने पकड़ लिया। इसके बाद पुलिसवालों ने पकड़े गए युवक को परेशान भी किया।
लखनऊ पुलिस ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि जोड़े से शक के आधार पर पूछताछ की गई थी, लेकिन उन्हें बाद में छोड़ दिया गया। लखनऊ की एसएसपी मंजिल सैनी ने कहा, 'यह गलत है क्योंकि स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी तरह की मोरल पोलिसिंग नहीं करनी है। इस दस्ते का मकसद छेड़छाड़ करने वालों पर काबू पाना है' वहीं डीजीपी जावेद अहमद ने कहा कि, इस तरह की कार्रवाई गलत है, अगर इस संबंध में शिकायत की जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी किए थे कि पार्क, मुख्य चौक, मार्केट, मॉल्स और अन्य सार्वजनिक जगहों को महिलाओं और लड़कियों के लिए सुरक्षित बनाया जाए। निर्देश में कहा गया है कि सार्वजनिक स्थलों पर जोड़ों को तंग नहीं किया जाना चाहिए और एंटी रोमियो दस्ते के तहत केवल महिलाओं को तंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
डीजीपी ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया थे कि लोगों को सार्वजनिक तौर पर कोई सजा ना दी जाए। लेकिन प्रदेश में ऐसी कई घटनाएं देखने को मिला, जहां पुलिसवाले डीजीपी के निर्देश की सरेआम धज्जियां उडाते हुए सार्वजनिक जगहों पर लोगों को सजा दे रहे हैं। बता दें कि विधानसभा चुनावों से ठीक पहले भाजपा ने अपने चुनावी वादों में प्रदेश में सरकार बनने पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो दल बनाने की घोषणा की थी।
(संपादन- भवेंद्र प्रकाश)
Courtesy: National Dastak