IMSD ने ईरान के दमनकारी शासन की कड़ी निंदा की, भारत में मुस्लिम मौलवियों की चुप्पी पर सवाल उठाया

Written by Press Release | Published on: September 23, 2022
 

Image: Getty Images
 
नागरिक संगठन, इंडियन मुस्लिम्स फॉर सेक्युलर डेमोक्रेसी (IMSD) ने ईरानी के रूढ़िवादी, सत्तावादी कानूनों और उसके जानलेवा प्रवर्तन की कड़ी निंदा की है। ये कानून नागरिकों के विरोध के अधिकार से इनकार करते हैं। 21वीं सदी के इस तीसरे दशक में केवल सिर न ढकने के लिए किसी भी इंसान की हत्या करना अमानवीय और बर्बर है।
 
IMSD ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि, हम ईरानी महिलाओं के चयन के अधिकार का समर्थन नहीं करने में भारत के मुस्लिम मौलवियों की चुप्पी पर सवाल उठाते हैं, क्योंकि यह तर्क भारत में चल रहे हिजाब विवाद के संदर्भ में सामने आता है।
 
आईएमएसडी द्वारा आज जारी बयान का विभिन्न शहरों और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 100 प्रमुख नागरिकों द्वारा समर्थन किया गया है, जिसमें स्वतंत्रता सेनानी जी.जी. पारिख, जावेद अख्तर, शबाना आजमी, नसीरुद्दीन शाह, जीनत शौकतअली, योगेंद्र यादव, तुषार गांधी आदि शामिल हैं।


 
IMSD का पूरा बयान यहां पढ़ा जा सकता है:



क्या है पूरा मामला 
ईरान के कुर्दिस्तान प्रांत की 22 वर्षीया महसा आमिनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। उन्हें पिछले हफ़्ते तेहरान में 'हिजाब से जुड़े नियमों का कथित तौर पर पालन नहीं करने के लिए' गिरफ़्तार किया गया था। तेहरान की मोरलिटी पुलिस का कहना है कि ईरान में 'सार्वजनिक जगहों पर बाल ढँकने और ढीले कपड़े पहनने' के नियम को सख़्ती से लागू करने के सिलसिले में कुछ महिलाएँ हिरासत में ली गई थीं। महसा भी उनमें थीं।

तेहरान पुलिस के कमांडर हुसैन रहीमी ने सोमवार को कहा कि पुलिस के ख़िलाफ़ 'कायराना इल्जाम' लगाए जा रहे हैं। महसा के साथ कोई हिंसा नहीं की गई थी और पुलिस उन्हें ज़िंदा रखने के लिए जो कुछ भी कर सकती थी, पुलिस ने किया। हुसैन रहीमी ने कहा, "ये हमारे लिए एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम चाहेंगे कि ऐसी घटना दोबारा न हो।" पुलिस ने अपने दावे को साबित करने के लिए एक सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया है जिसकी स्वतंत्र सूत्रों से पुष्टि नहीं की जा सकती है।

लेकिन महसा के पिता बार-बार ये कह रहे हैं कि उनकी बेटी को कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी और उसके पैरों पर चोट के निशान थे। वे पुलिस को महसा की मौत के लिए ज़िम्मेदार बताते हैं। एसोसिएटेड प्रेस द्वारा गुरुवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शन कर रहे लोगों और ईरानी सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़पों में अब तक कम से कम नौ व्यक्तियों की मौत हुई है। 

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