बीजेपी का विकास मॉ़डलः मध्य प्रदेश में 3 महीने में 287 किसानों ने की आत्महत्या

Published on: March 2, 2017
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश मे पिछले 3 महीने में कृषि श्रमिकों सहित 287 किसानों ने आत्महत्या की है। मध्य प्रदेश सरकार ने आत्महत्या से जुड़ी जानकारी अपने लिखित जवाब में दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामनिवास रावत ने आत्महत्या के मामले की एमपी सरकार से जानकारी मांगी थी। 

Shivraj Singh Chauhan
 
मध्य प्रदेश सरकार के मुताबिक, 16 नवंबर 2016 से फरवरी 2017 तक 106 किसानों सहित 181 कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की है। फिछले साल शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेसी नेता रामनिवास रावत ने मध्य प्रदेश में आत्महत्या से जुड़ी जानकारी मांगी थी। राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा, मध्य प्रदेश में 1 जुलाई 2016 से लेकर 15 नवंबर 2016 तक 531 किसान और श्रमिकों ने आत्महत्या की है। वहीं 1 जुलाई 2016 से फरवरी 2017 तक 818 किसानों ने आत्महत्या की। पिछले 3 महीनों की अगर बात की जाए पूर राज्य में 1,761 लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें  287 किसानों सहित 160 छात्र भी शामिल हैं। 
 
भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या के बारे में नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, साल 2016 में पूरे भारत में 8,007 लोगों ने आत्महत्या की। जिनमें से 1,290 अकेले मध्य प्रदेश के हैं। पूरे देश में सबसे ज्यादा आत्महत्या मध्य प्रदेश में की गई हैं। पूरे मध्य प्रदेश में 2001 से लेकर 2015 तक 18,687 लोग आत्महत्या करने पर विविश हुए।  
 
नेशनल क्राइम ब्यूरो रेकॉर्ड के मुताबिक, एमपी में बढ़ती किसानों की आत्महत्या के पीछे फसल की बर्बादी, कृषि उत्पादों का उचित मूल्य न मिलना, बैंक लोन न चुका पाना है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में किसानों को आत्महत्या करने के लिए गरीबी, बीमारी भी लोगों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर देती है।
 
मध्य प्रदेस में आत्महत्या के मामले पर बीजेपी विधायक गोपाल शेट्टी का कहना है, "मध्य प्रदेश में किसानों को आत्महत्या करना फैशन बन गया है।" वहीं बीजेपी के दूसरे विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, "मध्य प्रदेश में किसान सब्सिडी चाट कर व्यवसाय करते हैं। जिन्हें बाद में आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।"

Courtesy: National Dastak

 

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