इतिहास
September 14, 2020
भारतीय उपमहाद्वीप, सांस्कृतिक, धार्मिक, सांप्रदायिक, और भाषाई विविधता वाला क्षेत्र है। हिंदी का प्रचलित मुहावरा ‘कोस-कोस पर बदले पानी, चार कोस पर बदले वाणी’, केवल मुहावरा नहीं है, यही सच्चाई है।
विश्व भर में यहाँ की सभ्यता और संकृति ने कुछ न कुछ छाप छोड़ी है, और विश्व भर की सभ्यता और संस्कृति के आदान प्रदान ने यहाँ के समाज को एक अत्यंत ही सुन्दर और सुसज्जित धरोहर वाला समाज बना...
August 17, 2020
आरएसएस के प्रचारक, धुर-संघी नरेन्द्र मोदी के निजी नेतृत्व में चल रही आरएसएस-भाजपा की मौजूदा सरकार 138 करोड़ भारतीयों (जिनमें से लगभग 80 प्रतिशत हिंदू हैं) को रोजगार, शिक्षा, सुरक्षा और शांति देने में तो बुरी तरह से नाकामयाब है, लेकिन देशवासियों का मन बहलाने के लिए 5 (2020) अगस्त को उसके पास एक शुभ समाचार था। किसी मध्यकालीन राजा की वेशभूषा में, एक हिन्दू ऋषी दिखने की कामना लिए, केसरिया लबादा लपेटे...
August 15, 2020
सबसे पहले ये समझना आवश्यक है कि, स्वाधीनता दिवस, या आज़ादी का दिन क्यों मनाया जाता है? आखिर ऐसा क्या था जिस से आज़ादी पाने के लिए भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों को सदियों संघर्ष करना पड़ा? जबतक हम ये नहीं समझेंगे, तब तक पंद्रह अगस्त का महत्व नहीं समझ सकते हैं.
लोग कहते हैं अंग्रेज़ों से आजादी मिल गई, परन्तु अंग्रेज़ों के समय में क्या बुरा था जो समाप्त हो गया? उस समय भी रेलवे, पोस्ट ऑफिस, बैंक...
August 7, 2020
जनसामान्य में यह धारणा घर कर गयी है कि मुसलमान मूलतः और स्वभावतः अलगाववादी हैं और उनके कारण ही भारत विभाजित हुआ. सच यह है कि मुसलमानों ने हिन्दुओं के साथ कन्धा से कन्धा मिलाकर आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लिया और पूरी निष्ठा से भारत की साँझा विरासत और संस्कृति को पोषित किया. विभाजन का मुख्य कारण था अंग्रेजों की ‘बांटो और राज करो’ की नीति और देश को बांटने में हिन्दू और मुस्लिम...
July 25, 2020
आगामी पांच अगस्त को उस स्थान पर राम मंदिर का निर्माण शुरू किया जाना प्रस्तावित है जहाँ एक समय बाबरी मस्जिद हुआ करती थी. इसी बीच, इस मुद्दे पर दो विवाद उठ खड़े हुए हैं. पहला यह कि कुछ बौद्ध संगठनों ने दावा किया है कि मंदिर के निर्माण के लिए ज़मीन का समतलीकरण किये जाने के दौरान वहां एक बौद्ध विहार के अवशेष मिले हैं, जिससे ऐसा लगता है उस स्थल पर मूलतः कोई बौद्ध इमारत थी. दूसरे, नेपाल के प्रधानमंत्री...
July 3, 2020
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने दुनिया के सबसे बड़े जनांदोलन का नेतृत्व किया था. यह जनांदोलन ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध था. गांधीजी के जनांदोलन ने हमें अन्यायी सत्ता के विरुद्ध संघर्ष करने के लिए दो महत्वपूर्ण औज़ार दिए - अहिंसा और सत्याग्रह. उन्होंने हमें यह सिखाया कि नीतियां बनाते समय हमें समाज की आखिरी पंक्ति के अंतिम व्यक्ति का ख्याल रखना चाहिए. जिन विचारों के आधार पर उन्होंने अपने आंदोलनों...
May 12, 2020
विश्व इतिहास की पहली साम्राज्यवादी शक्ति अंग्रेज नहीं थे। इतिहास साम्राज्यों की दास्तानों से भरा पड़ा है। हम सब पुर्तगाली, रोमन, फ्रांसीसी, उस्मानियाई, जर्मन इत्यादि साम्राज्यों की रक्त रंजित दास्तानों से बखूबी परिचित हैं, लेकिन यह भी सत्य है कि अंग्रेज साम्राज्य एक विशिष्ट स्थान रखता है। यह साम्राज्य ज्यादा व्यापक स्थायी और निरंतरता लिये था। अंग्रेज़ी साम्राज्य के ज्यादा टिकाऊ होने का सबसे...
May 7, 2020
आज पूरे विश्व में वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा मनाई जा रही है। इस अवसर पर सभी को शुभकामनाएं। बुद्ध ने दुनिया को न केवल वैज्ञानिक चिंतन सिखाया अपितु करुणा और मैत्री को अपनी विचार धारा का मुख्य बिंदु बनाकर दुनिया में बदलाव की एक नीव रखी। बुद्ध के सम्पूर्ण दर्शन के केंद्र में मानव कल्याण की भावना है और यही बात उन्हें अपने समय से पहले और बाद के 'विचारको' से अलग करती है. उन्होंने कभी स्वयं...
January 31, 2020
क्या आपको मालूम है कि गाँधीजी को मारने की पांच विफल कोशिशों के बाद, छठी बार में हत्या की गई। उन्हें मारने की पहली कोशिश 1934 में हुई थी। वे कौन थे जिन्हें गांधीजी से इतनी नफरत थी? किसकी संकीर्ण, खूनी विचारधारा में गांधीजी जैसे महानुभाव की कोई जगह नहीं थी? और वे कौन हैं जो अब इतिहास को बदल कर अपनी काली करतूत को हमेशा के लिए मिटाना चाहते हैं? धार्मिक कट्टरवाद के खिलाफ एक लम्बे...
January 28, 2020
“आज एक तरफ हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं दूसरी तरफ इसी समय में वो सब किया जा रहा है जिसकी मुखालफत महात्मा गांधी जीवन भर करते रहे, उनकी शारीरिक हत्या 30 जनवरी, 1948 को कर दी गयी थी अब उनके आत्मा की हत्या नागरिकता संशोधन कानून जैसे बदलाओं और इसके समर्थन में उन्हें मिस्कोट करके किया जा रहा है”. उपरोक्त बातें राज्यसभा सांसद एवं मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा...