आदिवासी
October 26, 2020
दिनाँक 25 अक्टूबर 2020 को उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के अंतर्गत गिरिजापुरी वन क्षेत्र में निवासरत वन निवासी प्रतिनिधियों के एक बैठक हुई। इस बैठक में सर्वप्रथम वन अधिकार कानून के लिए आजीवन संघर्ष करने वाली स्वर्गीय भारती राय चौधरी उर्फ भारती दीदी को याद किया गया और उनके कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया।
सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने कहा कि...
छत्तीसगढ़ : धमतरी में वन विभाग ने जला डालीं 20 आदिवासियों की झोपड़ियां, माकपा ने की कार्रवाई की मांग
October 24, 2020
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के दुगली के आश्रित ग्राम दिनकरपुर में वन विभाग के लोगों (वन ग्राम समिति, पंचायत के सरपंच और सचिव) ने कथित तौर पर 20 आदिवासियों के घरों को तोड़ा और उन्हें आग के हवाले किया, यही नहीं इन आदिवासियों की फसल को भी जानवरों से चरवा दी गई और इन परिवारों का सामाजिक बहिष्कार किया गया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार करने और पीड़ित आदिवासियों के...
October 24, 2020
माकपा नेता और आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच की उपाध्यक्ष बृंदा करात ने बिहार पुलिस और वन विभाग द्वारा वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रावधानों को लागू करने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे कैमूर के खरवार आदिवासियों पर की गई लाठीचार्ज और फायरिंग की निंदा की और कहा कि आदिवासियों ने अपनी पैतृक भूमि का मालिक होने का दावा किया था।
वह 23 अक्टूबर को ऑल इंडिया यूनियन ऑफ फॉरेस्ट वर्किंग...
October 24, 2020
बिहार के कैमूर में वनाधिकारों की माँग कर रहे आदिवासियों पर हुए पुलिस हमले की AIUFWP, DSG और CJP द्वारा फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट के विमोचन पर देश भर में आदिवासियों, दलितों एवं अन्य वन समुदायों पर हो रहे लगातार हमलों की माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने जिस प्रकार से व्याख्या की है वह सुनने लायक है।
फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में बिहार के कैमूर...
कैमूर में आदिवासियों पर फायरिंग को लेकर AIUFWP, CJP और DSG की आज दोपहर 3 बजे ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस
October 23, 2020
नई दिल्ली। ऑल इंडिया यूनियन फॉर फॉरेस्ट वर्किंग पीपुल (AIUFWP), सिटिजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस (CJP) और डेल्ही सॉलेडिरिटी ग्रुप (DSG) की ओर से आज दोपहर 3 बजे कैमूर में आदिवासियों पर फायरिंग को लेकर ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत की मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (CPM) की पॉलित ब्यूरो सदस्य और आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मोर्चा की उपाध्यक्ष...
October 17, 2020
कैमूर मुक्ति मोर्चा के आंदोलनकारियों को जमानत मिल गई है। सातों लोग जेल से रिहा हो गए हैं लेकिन समुदाय वनाधिकार को संघर्ष जारी रखने और चुनाव बहिष्कार के अपने निर्णय पर अडिग है। इस बीच अच्छी खबर है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने आदिवासियों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं को जाना और वनाधिकार आदि को लेकर उचित समाधान का भरोसा दिया। राय ने मोर्चा पदाधिकारियों से चुनाव बहिष्कार का निर्णय वापस...
October 17, 2020
इंडियन एक्सप्रेस की 16 अक्टूबर 2020 की रिपोर्ट में बताया गया है कि महाराष्ट्र के जलगाँव के एक गाँव में चार आदिवासी बच्चों की कथित तौर पर कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई है।
नासिक के पुलिस महानिरीक्षक प्रताप दिघवकर और जलगांव के पुलिस अधीक्षक प्रवीण मुंधे के अनुसार, परिवार के मकान मालिक मुश्ताक शेख के शुक्रवार सुबह 8 बजे शव मिलने के बाद पुलिस गांव में पहुंची। शेख, जो अपने माता-पिता के कहने...
October 17, 2020
शिवालिक पहाड़ियों में रह रहे वन गुर्जरों ने बेदखली की कोशिशों के खिलाफ अभूतपूर्व एकजुटता दिखाते हुए, संघर्ष की हुंकार भरी है। सभी ने एक सुर में वनाधिकार कानून के दायरे में वन भूमि पर अधिकारों को मान्यता देने तथा प्रस्तावित टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट पर पूर्ण विराम लगाए जाने की मांग की। स्थानीय सांसद हाजी फजलुर्रहमान व युवा गुर्जर संगठन का साथ मिलने से समुदाय का हौसला भी बुलंदियों पर है। ...
October 16, 2020
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते बुधवार को घोषणा की है कि राज्य में 4,41,000 से अधिक व्यक्तिगत और 46,000 से अधिक सामुदायिक वन अधिकार पत्र अनुसूचित जनजाति समुदाय और अन्य पारंपरिक वनवासियों को वितरित किए गए हैं।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राज्य सरकार ने एक बयान में कहा, ‘इस तरह राज्य में स्थानीय समुदायों के 51।06 लाख ग्रामीण भूस्वामित्व का लाभ दिया गया है। राज्य में प्रति व्यक्ति...
October 14, 2020
आदिवासी अपनी जल, जंगल जमीन को बचाने की जद्दोजहद में निरंतर जुटे हैं। बिहार के अधौरा के बरडीह गांव निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग आदिवासी राम सूरत सिंह ने अपनी पीड़ा CJP के साथ शेयर की है। इस दौरान उन्होंने बड़े ही मार्मिक तरीके से बताया कि वे अपनी आजीविका चलाने के लिए किस तरह का संघर्ष कर रहे हैं। वन विभाग आदिवासियों के साथ किस तरह का व्यवहार करता है। यह हाल सिर्फ उनका ही नहीं बल्कि सभी आदिवासियों का है...