राँची। दैनिक जागरण के गोड्डा (झारखंड) संस्करण के मुख्यपृष्ठ पर 23 अप्रैल को छपी खबर ‘गोड्डा में मिला कोरोना का पहला मरीज’ अंततः फेक निकला। गोड्डा जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर व गोड्डा उपायुक्त (डीसी) द्वार ट्वीट कर दैनिक जागरण में छपी खबर को निराधार व भ्रामक बताया गया। इसके बाद सोशल साइट्स पर दैनिक जागरण अखबार पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व झारखंड पुलिस से मुकदमा दर्ज करने की मांग की जाने लगी है। लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड पुलिस ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।
23 अप्रैल को गोड्डा में जैसे ही लोगों ने दैनिक जागरण अखबार देखा, उसके मुख्यपृष्ठ पर ही जिले में कोरोना मरीज पाये जाने की खबर से सकते में आ गये। लोग एक-दूसरे को व्हाट्सअप के जरिए समाचार की तस्वीर लेकर भेजने लगे, ताकि खबर की पुष्टि हो सके। इस खबर पर लोगों को संदेह इसलिए भी हुआ क्योंकि यह खबर दैनिक जागरण के अलावा किसी भी अखबार में प्रकाशित नहीं हुई थी और न ही 24 घंटे कोरोना मरीज के बारे में जानने व दिखाने को आतुर किसी भी न्यूज चैनल पर दिखाया जा रहा था।
लेकिन समाचारपत्रों पर आंख मूंदकर विश्वास करने वालों के लिए इस खबर को नकारना भी संभव नहीं था, क्योंकि मुख्यपृष्ठ पर ही बड़ी सी हेडलाइन चमक रही थी – गोड्डा में मिला कोरोना का पहला मरीज। उसके नीचे सब हेडलाइन थी- संताल में दूसरा केस: मुम्बई से लौटे व्यक्ति को पाया गया संक्रमित, भागलपुर में भर्ती। उसके नीचे विस्तार से समाचार भी था, जिसमें संक्रमित व्यक्ति को गोड्डा के मेहरमा के रहने वाला बताया गया था। इस खबर ने गोड्डा के आसपास हलचल मचा दी, क्योंकि आज पूरे विश्व में कोरोना का ही आतंक है। ऐसे में एक स्थापित समाचारपत्र में खबर पढ़कर लोगों में हलचल होना भी स्वाभाविक था। इस पंक्ति के लेखक को भी उसके ममेरे भाई, जो कि गोड्डा जिला के पोड़ैयाहाट में रहता है, ने सुबह-सुबह खबर को व्हाट्सअप किया।
गोड्डा में दैनिक जागरण में छपी खबर को देखने के बाद एक प्रेस रिलीज जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा जारी की गयी, जिसमें लिखा हुआ था कि ‘उपायुक्त गोड्डा श्रीमती किरण पासी ने जानकारी देते हुए बताया कि आज सुबह दैनिक जागरण अखबार (जागरण टीम भागलपुर/ धनबाद) में *गोड्डा में मिला कोरोना का पहला मरीज* शीर्षक से एक खबर छपी है। यह खबर पूरी तरह से निराधार और भ्रामक है। गोड्डा में इस तरह का कोई मामला नहीं पाया गया है जिसमें किसी मरीज के कोरोना वायरस की पुष्टि हुई हो।
गोड्डा के मेहरमा के जिस व्यक्ति की बात दैनिक अखबार में छपी है वह भागलपुर जिले का महियामा, सनहौला का रहने वाला है जो मुंबई से लौटा था और भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल (JLNMCH) में पूर्व से भर्ती है। 22 अप्रैल 2020 को उस मरीज की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई लेकिन यह भागलपुर का मामला है। आप जिले वासियों से अपील है कि किसी भी भ्रामक खबर पर विश्वास न करें। डरे नहीं अगर इस तरह की कोई खबर आती है तो। जिला प्रशासन इसकी पुष्टि खुद करेगा।’
उसके बाद दिन 23 अप्रैल को ही दिन के 01:43 बजे गोड्डा डीसी के ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट कर दैनिक जागरण में छपी खबर को निराधार व भ्रामक बताया गया, जिसमें रिप्लाई करते हुए पाकुड़ जेएमएम, रामगढ़ जेएमएम समेत कई लोगों ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व झारखंड पुलिस से दैनिक जागरण पर मुकदमा करने की मांग की है।
सवाल उठता है कि आखिर क्यों और कैसे दैनिक जागरण के संपादक ने इस न्यूज की बिना जांच-पड़ताल किये हुए इसे मुख्यपृष्ठ पर जगह दी ? क्या वैश्विक महामारी कोरोना के बारे में झूठी खबर प्रकाशित करने से पाठकों पर इसका क्या असर होगा, इस बात से दैनिक जागरण के संपादक अनजान हैं ? खबरों को पहले प्रकाशित करने की होड़ में फेक न्यूज फैलाना कैसी पत्रकारिता है ?
(रूपेश कुमार सिंह स्वतंत्र पत्रकार हैं और आजकल रामगढ़ में रहते हैं। साभार-जनचौक डॉट कॉम)
23 अप्रैल को गोड्डा में जैसे ही लोगों ने दैनिक जागरण अखबार देखा, उसके मुख्यपृष्ठ पर ही जिले में कोरोना मरीज पाये जाने की खबर से सकते में आ गये। लोग एक-दूसरे को व्हाट्सअप के जरिए समाचार की तस्वीर लेकर भेजने लगे, ताकि खबर की पुष्टि हो सके। इस खबर पर लोगों को संदेह इसलिए भी हुआ क्योंकि यह खबर दैनिक जागरण के अलावा किसी भी अखबार में प्रकाशित नहीं हुई थी और न ही 24 घंटे कोरोना मरीज के बारे में जानने व दिखाने को आतुर किसी भी न्यूज चैनल पर दिखाया जा रहा था।
लेकिन समाचारपत्रों पर आंख मूंदकर विश्वास करने वालों के लिए इस खबर को नकारना भी संभव नहीं था, क्योंकि मुख्यपृष्ठ पर ही बड़ी सी हेडलाइन चमक रही थी – गोड्डा में मिला कोरोना का पहला मरीज। उसके नीचे सब हेडलाइन थी- संताल में दूसरा केस: मुम्बई से लौटे व्यक्ति को पाया गया संक्रमित, भागलपुर में भर्ती। उसके नीचे विस्तार से समाचार भी था, जिसमें संक्रमित व्यक्ति को गोड्डा के मेहरमा के रहने वाला बताया गया था। इस खबर ने गोड्डा के आसपास हलचल मचा दी, क्योंकि आज पूरे विश्व में कोरोना का ही आतंक है। ऐसे में एक स्थापित समाचारपत्र में खबर पढ़कर लोगों में हलचल होना भी स्वाभाविक था। इस पंक्ति के लेखक को भी उसके ममेरे भाई, जो कि गोड्डा जिला के पोड़ैयाहाट में रहता है, ने सुबह-सुबह खबर को व्हाट्सअप किया।
गोड्डा में दैनिक जागरण में छपी खबर को देखने के बाद एक प्रेस रिलीज जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा जारी की गयी, जिसमें लिखा हुआ था कि ‘उपायुक्त गोड्डा श्रीमती किरण पासी ने जानकारी देते हुए बताया कि आज सुबह दैनिक जागरण अखबार (जागरण टीम भागलपुर/ धनबाद) में *गोड्डा में मिला कोरोना का पहला मरीज* शीर्षक से एक खबर छपी है। यह खबर पूरी तरह से निराधार और भ्रामक है। गोड्डा में इस तरह का कोई मामला नहीं पाया गया है जिसमें किसी मरीज के कोरोना वायरस की पुष्टि हुई हो।
गोड्डा के मेहरमा के जिस व्यक्ति की बात दैनिक अखबार में छपी है वह भागलपुर जिले का महियामा, सनहौला का रहने वाला है जो मुंबई से लौटा था और भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल (JLNMCH) में पूर्व से भर्ती है। 22 अप्रैल 2020 को उस मरीज की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई लेकिन यह भागलपुर का मामला है। आप जिले वासियों से अपील है कि किसी भी भ्रामक खबर पर विश्वास न करें। डरे नहीं अगर इस तरह की कोई खबर आती है तो। जिला प्रशासन इसकी पुष्टि खुद करेगा।’
उसके बाद दिन 23 अप्रैल को ही दिन के 01:43 बजे गोड्डा डीसी के ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट कर दैनिक जागरण में छपी खबर को निराधार व भ्रामक बताया गया, जिसमें रिप्लाई करते हुए पाकुड़ जेएमएम, रामगढ़ जेएमएम समेत कई लोगों ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व झारखंड पुलिस से दैनिक जागरण पर मुकदमा करने की मांग की है।
सवाल उठता है कि आखिर क्यों और कैसे दैनिक जागरण के संपादक ने इस न्यूज की बिना जांच-पड़ताल किये हुए इसे मुख्यपृष्ठ पर जगह दी ? क्या वैश्विक महामारी कोरोना के बारे में झूठी खबर प्रकाशित करने से पाठकों पर इसका क्या असर होगा, इस बात से दैनिक जागरण के संपादक अनजान हैं ? खबरों को पहले प्रकाशित करने की होड़ में फेक न्यूज फैलाना कैसी पत्रकारिता है ?
(रूपेश कुमार सिंह स्वतंत्र पत्रकार हैं और आजकल रामगढ़ में रहते हैं। साभार-जनचौक डॉट कॉम)