बनारस की जनता की अपील- काशी की संस्कृति बर्बाद करने वाले मोदी को हराने वाले प्रत्याशी को वोट करें !

Written by sabrang india | Published on: May 7, 2019
बनारस में अंतिम चरण में चुनाव होना है। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की वजह से यह सीट हॉट सीट बनी हुई है। मोदी का दावा है कि बनारस में उन्होंने बहुत काम किया है लेकिन उनके काम से जनता नाराज है। हालांकि मोदी से देशभर में किसान, जवान और साधु संत आदि हर वर्ग नाराज नजर आ रहा है लेकिन बनारस की जनता कुछ ज्यादा ही नाराज नजर आ रही है। बनारस में दुकानदारों ने एक ही भूल कमल का फूल के पोस्टर चस्पा किये हैं तो जनता ने भोलेनाथ की कसम खाकर मोदी को हराने का पर्चा छपवाया है। इस पर्चे को हम हूबहू आपके सामने पेश कर रहे हैं जिसमें काशी की संस्कृति से लेकर प्राचीनता का बखान है. पढ़िए....
            
            काशी है महादेव, मां अन्नपूर्णा,
            बुद्ध, रैदास, पार्श्वनाथ, कबीर,
            मौलाना अल्वी, शेख अली हजी का। 
            काशी नहीं फर्जी फकीर का।।
आज हमें गालिब की बनारस के बारे में लिखी पंक्तियां याद आ रही हैं।
        'त आलल्ला बनारस चश्मे बद्दूर, बहिश्ते खुर्रमो फिरदौसे मासूर
        इबातद ख़ानए नाकूसियां अस्तए हमाना काब.ए. हिन्दोस्तां अस्तश्'
(हे परमात्मा बनारस को बुरी नजर से दूर रखना, क्योंकि यह आनन्दमय स्वर्ग है। यह घंटा बजाने वालों अर्थात् हिंदुओं का पूजा स्थान है। यानि यही हिन्दोस्तान का काबा है।)

मिर्जा गालिब ने वाराणसी को काबा कहकर इज्जत नवाजा और दूसरी तरफ हमारे सांसद नरेंद्र मोदी तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल बनाने में लगे हैं, अघोर को बाजार से पस्त करने की कोशिश कर रहे हैं। क्या करें मिर्जा गालिब, बनारस को बुरी नजर लग गई। पूर्वजों की विरासत, धरोहर, मंदिर तोड़े गए और तोड़े जा रहे हैं। 

मां अहिल्याबाई की विरासत खतरे में है, धर्म में राज्य हस्तक्षेप कर रहा है। मुहल्ले की विरासत को तहस नहस कर बाजारवाद खड़ा किया गया है। इसलिए जागरुक वोटर नारा लगा रहा है...
    ''भाषण में क्योटो, हर जगह फोटो, ऐसा बनारस हमें नहीं चाहिए।''

गाय के नाम पर मुसलमानों और दलितों पर हमले किए गए जबकि विदेश में बीफ बेचने वाली कंपनियों से सबसे ज्यादा चंदा लेने में भाजपा को कोई परहेज नहीं रहा है। 

मां गंगा में गिरने वाले नाले बंद नहीं हुए, मोदी सरकार के सरकारी आंकड़ों के अनुसार मां गंगा में प्रदूषण बढ़ गया। वरुणा और अस्सी पूरी तरह प्रदूषित है और अस्सी पर उन लोगों ने कब्जा कर लिया जो मोदी के भक्त हैं। न्यूयॉर्क शहर में भी बिजली के तार जमीन के नीचे नहीं हैं जबकि बनारस में बिजली के तार को जमीन के नीचे डाला गया जो विश्व बैंक के कर्ज से बन रहा है। लापरवाही व मानक से कमतर काम के कारण महादेव के अनेकों नंदी शहीद हुए। नंदी के लिए पशु चिकित्सक के साथ पानी पीने की कोई सुविधा नहीं दी गई। विकास के नाम पर पुराने बने निर्माण पर केवल चित्रकारी व रोशनी का काम किया गया। एक ओवरब्रिज कैंट पर बन रहा था जहां हादसे में अनेकों लोगों की मौत हुई। राजधानी न रहने के बाद भी कांग्रेस सरकार ने वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाया, हवाई अड्डे से जाने वाली सड़क का निर्माण कांग्रेस व सपा सरकार में शुरू हुआ जो मोदी सरकार में पूरा हुआ। कुल मिलाकर अस्सी घाट की सफाई और मण्डुवाडीह के प्लेटफॉर्म बने जबकि अन्य घाटों की हालत बहुत खराब है और कोई काम नहीं हुआ। सभी जानते हैं कि पं कमलापति त्रिपाठी ने अपने समय में नरेंद्र मोदी से ज्यादा काम किया। 

आज 45 साल के मुकाबले सबसे ज्यादा रोजगार घटा है और बेरोजगारी बढ़ी है। खेती, किसानी, बुनकर नष्ट हुआ है औऱ युवाओं को पकौड़ा तलने की राय दी जा रही है। बड़ालालपुर का ट्रेड फैसिलेटेशन सेंटर जो कांग्रेस सरकार से बनना शुरू हुआ था उसका सिर्फ फीता काटकर श्री नरेंद्र मोदी ने वाहवाही लूटनी चाही बल्कि यों कहें कि पिछली सरकार के कार्यों का उद्घाटन कर मोदी क्रेडिट लेते रहे जबकि, पिछली सरकार में भी जनदबाव और संघर्ष के बाद बनी नीतियों और कानूनों को कमजोर करने में जी जान लगा दी। मोदी और सांसदों के गोद लिए गांवों को भी देखा जाना चाहिए क्योंकि अब पाकिस्तान-पाकिस्तान चिल्लाया जा रहा है। 

हिंदू महासभा व मुस्लिम लीग 1939 में मिलकर कांग्रेस के खिलाफ लड़े थे। यह चुनाव ब्रिटिश उपनिवाशी सरकार ने कराया था। हिंदू महासभा व मुस्लिम लीग ने मिलकर सिंध व बंगाल में सरकार बनाई थी। सिंध असेम्बली में मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान बनाने का प्रस्ताव रखा जिसे हिंदू महासभा ने समर्थन किया और प्रस्ताव पारित हुआ। इसी प्रस्ताव का इस्तेमाल कर अंग्रेजी ब्रिटिश उपनिवेशी सरकार ने पाकिस्तान बनाया जिसका समर्थन वीर सावरकर ने भी किया था। सावरकर ने नौ बार से ज्यादा ब्रिटिश सरकार से माफी मांगी। सावरकर व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गुरू गोलवरकर ने कहा कि हमें ब्रिटिश हुकूमत से लड़ना नहीं चाहिए, बल्कि मुसलमानों से लड़ना चाहिए। आरएसएस ने मनुस्मृति से ऊपर तथा हिटलर व मुसोलिनी को महान माना। इन्हें सनातन का न्याय वैशेषिक, संख्य लोकायत के साथ श्रमण संस्कृति, बौध, जैन, सूफीवाद, सिख धर्म, संत परंपरा से कोई नहीं मिला। यूरोप के कूड़ा करकर हिटलर व मुसोलिनी मिले। हिटलर के कारण जर्मनी बर्बाद हो गया, युद्ध में हिटलर ने आत्महत्या कर ली और जर्मन लोग भुखमरी के शिकार हो गए। इसके बाद हिटलर विरोधी लोगों ने जर्मनी का निर्माण किया। 

सल्तनत-ए-मुगलिया के आखिरी चिराग बहादुरशाह जफर ने लिखा है, ''गाजियों में बू रहेगी जब तक इमान की, तख्ते लन्दन तक चलेगी तेग हिंदुस्तान की।''

उपनिवेशवाद को समर्थन देने एवं कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले लोग बनारस के बहुलतावाद के साथ सनातन धर्म के वास्तविक मूल्यों के भी विरोधी हैं। 

पुलवामा में हमारे सैनिक शहीद हुए। इस घटना के जिम्मेदार अजहर मसूद को कांग्रेस सरकार ने कैद में रखा था लेकिन भाजपा सरकार ने कंधार में आतंकी कब्जे से यात्रियों की जान बचाने के नाम पर मसूद को कैद से आजाद कर दिया था। कांग्रेस सरकार के समय 2011 में मुंबई में आतंकवादी हमला हुआ जिसका घाव अभी भरा नहीं था कि 2014 में नरेंद्र मोदी पाकिस्तान की मेहमानवाजी करने लगे। इसके पूर्व भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में प्रस्ताव दिया था जिसे पारित कर संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अजहर मसूद को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया। जिसपर भारत के संयुक्त राष्ट्रसंघ में राजदूत ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के प्रयासों की संयुक्त राष्ट्रसंघ में तारीफ की।  

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