मथुराः सवर्णों ने दलित को नहीं निकालने दी बारात

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 14, 2019
उत्तर प्रदेश के मथुरा से जातिगत भेदभाव का शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां नौहझील थाना क्षेत्र के एक गांव में कुछ सवर्णों ने दलित युवती की शादी में अड़ंगा डाल दिया। सवर्णों ने दूल्हे को बारात निकालने से रोक दिया, जिसके बाद बिना बारात निकले ही युवती की शादी हुई और बिना किसी नाच-गाने के सुबह दूल्हा, दुल्हन को विदा कराकर ले गया। 



यह घटना रविवार रात की बताई जा रही है। पुलिस ने बताया कि पीरगढ़ी टप्पा गांव के जाटव महेश कुमार की शादी मुसमुना गांव की काजल के साथ होनी थी। इसी दौरान सवर्णों ने दूल्हे की बारात निकलने नहीं दी। दुल्हन के चाचा विजयेंद्र सिंह ने इस मामले में नौहझील में 12 लोगों के खिलाफ तहरीर दी है। मांट के पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि तहरीर में उन्होंने आरोप लगाया है कि दूल्हा गांव आया। सभी बाराती तैयार होकर बारात निकालने लगे। उसी दौरान कुछ लोग ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार होकर वहां पहुंचे। 

आरोप है कि ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार लोगों ने बारातियों का रास्ता रोक लिया। विजयेंद्र का आरोप है कि उन लोगों ने  सवर्णों से निवेदन किया कि ट्रैक्टर ट्रॉली हटा लें लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। आरोप है कि उन लोगों ने बारातियों को अपशब्द कहे और बारात न निकालने की धमकी दी। उन लोगों ने पुलिस को 100 नंबर पर सूचना दी। पुलिस के आने के बाद ट्रैक्टर ट्रॉली हटा ली गई।

दुल्हन पक्ष का यह भी आरोप है कि बाद में कुछ ऊंची जाति के युवक आ गए और उन्होंने डीजे बंद करा दिया। उन्होंने डीजे न बजाने की चेतावनी दी। इसके बाद बिना बारात निकाले ही दूल्हा शादी समारोह स्थल तक पहुंचा। 

वहीं, पुलिस का कहना है कि जिस रास्ते से बारात निकल रही थी, वहां कुछ बाराती ऊंची आवाज में गाने बजाकर नशे में झूमते हुए चल रहे थे। इलाके के कई घरों में बच्चों के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं चल रही हैं। छात्रों को परेशानी होने पर आवाज कम करने को कहा गया था। इसी बात पर आपसी विवाद पैदा हुआ, जिसे पुलिस ने तुरंत ही मौके पर पहुंचकर शांत करा दिया। 

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