यूपी में जंगलराज: पत्रकार की बेटी को जिंदा जलाया

Written by Sabrangindia Staff | Published on: September 22, 2020
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में सोमवार को उस समय कानून व्यवस्था तार-तार होती दिखाई दी जब दबंगों ने घर के बाहर पानी भर रही एक किशोरी को जिंदा जलाकर मार डाला। परिजनों का आरोप है कि स्थानीय थाने की पुलिस पूरी तरह आरोपियों के साथ खड़ी है तभी वो घटना के तीन घंटे के बाद मौके पर पहुंची। 



प्राप्त जानकारी के अनुसार बल्दी राय थाना क्षेत्र के टड़सा मजरे एंजर गांव निवासी पत्रकार प्रदीप सिंह को पुलिस ने जबरन एक मुकदमे में फंसाकर जेल भेज रखा है। सोमवार शाम को जब पत्रकार की बेटी श्रद्धा सिंह दरवाजे पर लगे नल से पानी भर रही थी तब दबंग सुभाष, महंथ और जय करन निवासी परसौली वहां पहुंचे। इन सभी ने सरेआम उसे बंधक बनाकर दरवाजे पर ही उसे जला दिया और फरार हो गए। आग की लपटों से घिरी बेटी की आवाज सुनकर परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। आनन-फानन में उसे लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र धनपत गंज लेकर आए।

श्रद्धा सिंह की हालत सीरियस थी वो 90% जल चुकी थी। इस अवस्था में उसका मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान हुआ और फिर डाक्टरों ने उसे ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया। जहां रात में उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। 

ये है मामला...
लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में थाना क्षेत्र में बलवा के दौरान घायल 80 वर्षीय वृद्ध की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस ने क्षेत्र के पत्रकार प्रदीप सहित 13 लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर 8 लोगों को घायल अवस्था में ही अस्पताल से उठाकर जेल में डाल दिया था। इस मामले में दूसरे पक्ष के नामजद 12 व एक अज्ञात को खुलेआम पुलिस का संरक्षण देना, इस घटना का कारण बना था। 
कहा जाता है कि बल्दीराय थाना अध्यक्ष अखिलेश सिंह की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध थी। वह इसलिए कि थाना बल्दीराय क्षेत्र के टंडरसा ऐंजर निवासी प्रदीप सिंह की खतौनी की जमीन में वृद्ध का शव दफनाने का उन्होंने विरोध किया तो थानाध्यक्ष बल्दीराय अखिलेश सिंह ने खुद थाने की फोर्स लेकर उनकी उसी जमीन में शव दफन करा दिया था। यहीं से झगड़े की शुरुआत हुई थी और बाद में दोनों पक्षों में जमकर लाठी डंडे चले थे। इसमें राहगीरों सहित दर्जनों लोग घायल हुए और 5 बाइकों को आग के हवाले कर दिया गया था। 

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