पराली की आग से गरमाई यूपी की राजनीति, किसानों को जेल भेजने पर माया, अखिलेश और प्रियंका ने योगी को घेरा

Written by Navnish Kumar | Published on: November 7, 2020
उत्तर प्रदेश में पराली की आग में राजनीति भी गरमा गई है। किसानों को जेल भेजने पर मायावती, अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी ने सीधे योगी आदित्यनाथ को निशाने पर ले लिया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ बसपा सुप्रीमो मायावती ने किसानों के साथ दुर्व्यवहार और जेल भेजने को अपमानित करने वाला कृत्य बताते हुए, पर सवाल उठाए हैं। मामला किसान का होने से योगी भी बैकफुट पर आते दिख रहे हैं। 



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस प्रशासन को उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर चेताते हुए, पराली जलाने से होने वाली क्षति के प्रति किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। कहा किसानों के साथ दुर्व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।



दरअसल पराली जलाने को लेकर कई जिलों में प्रशासन बहुत सख्त कार्रवाई कर रहा है। यूपी में अब तक दर्जनों जिलों में सैकडों किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और कई किसानों को जेल भी भेजा दिया गया है। इस दौरान कॉलर पकड़कर घसीटने आदि किसानों से दुर्व्यवहार की तस्वीरें और वीडियो भी खूब वायरल हो रहे हैं। कार्रवाई के दौरान कई जगह किसानों और पुलिस प्रशासन के अफसरों में झड़प भी हुई। कई जगह किसानों ने योगी सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी तक दे दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश में पराली जलाने को लेकर करीब दो हज़ार किसानों के खिलाफ 1,100 से अधिक एफआईआर दर्ज किए गए हैं, जुर्माना वसूला जा रहा हैं। सहारनपुर व मैनपुरी आदि जिलों में किसानों को जेल भेजने तक की कार्रवाई की जा रही हैं। 

उत्तर प्रदेश में पराली में आग लगाने को लेकर लगातार राजनीति गरमा रही है। किसानों पर कार्रवाई को लेकर पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधा और अब पराली जलाने को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने भी योगी सरकार पर घेराव किया है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने शनिवार सुबह ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश में फैले प्रदूषण को लेकर खासकर यहां पराली जलाने की आड़ में किसानों के साथ हो रही जुल्म-ज्यादती अति निन्दनीय कृत्य है। जबकि इस मामले में सरकार को कोई भी कार्रवाई करने से पहले, उन्हें जागरूक व जरूरी सहायता देने की भी जरूरत है। बीएसपी ने योगी सरकार से यह मांग की है कि सबसे पहले सरकार किसानों को बढ़ते प्रदूषण और पराली न जलाने को लेकर जागरूक करना चाहिए। अचानक से किसानों पर कार्रवाई करना गलत है।



इससे पहले किसानों की कार्रवाई पर अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि पर्यावरण प्रदूषण के बहाने पराली जलाने के नाम पर किसानों को जेलों में डालने वाले महानुभाव बताएं कि राजनीतिक प्रदूषण फैलाने वालों को जेल कब होगी। किसान अब भाजपा का खेत खोद देंगे। 



वहीं, प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर कहा है कि क्या प्रदूषण के लिए सिर्फ किसान जिम्मेदार हैं? प्रदूषण फैलाने के असली जिम्मेदारों पर कार्रवाई कब होगी? किसान का वोट-कानूनी... किसान का धान- कानूनी... किसान की पराली- गैरकानूनी? यूपी सरकार ने सहारनपुर में किसानों को जेल में डाला, उन्हें छुड़वाने के लिए कांग्रेस के साथियों ने किसानों का साथ दिया।



मैनपुरी व सहारनपुर आदि जिलों में किसानों को जेल भेजने से किसानों में सरकार के प्रति भी रोष पनप रहा हैं। दूसरा जिस तरह मैनपुरी में किसान को पुलिस कॉलर पकड़कर घसीटने की वायरल हो रही घटना से किसानों में रोष खासा बढ़ गया हैं जिसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को दुर्व्यवहार पर चेताते हुए, किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। 

विपक्ष के घेराव के बाद ही सही, सीएम योगी ने जिले के अफसरों को निर्देश देते हुए दो टूक कहा है कि पराली (फसल अपशिष्ट) जलाने से होने वाली क्षति के प्रति किसानों को सबसे पहले जागरूक किया जाए। किसी भी स्थिति में कहीं भी इस मुद्दे पर किसानों से बदसलूकी सहन नहीं की जाएगी। पराली को लेकर पहले ही गाइडलाइन जारी की जा चुकी है। किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान और नहीं जलाने से होने वाले फायदे के बारे में अभियान चलाकर जागरूक किया जाए। 

सीएम ने कहा कि किसानों को बताएं कि पराली जलाना पर्यावरण के साथ आपकी जमीन की उर्वरा शक्ति के लिए भी ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने पराली जलाने को दंडनीय अपराध घोषित किया है। किसान ऐसा करने की जगह उन योजनाओं का लाभ उठाएं, जिससे पराली को निस्तारित कर उसे उपयोगी बनाया जा सकता है।

पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा का कहना है कि प्रदेश व केंद्र सरकार किसानों को बर्बाद और परेशान करने में लगी है। कहा सहारनपुर व मैनपुरी आदि जिलों  में किसानों को पराली जलाने में जेल भेजना कृषि प्रधान भारतवर्ष में अन्नदाता किसानों के साथ सरासर अन्याय और अपमानजनक है। कहा जिला प्रशासन पराली व गन्ने की पात्ती का निस्तारण करने के लिए स्वयं काम करें। किसान से सरकार पराली खरीदे और उसका खाद बनाए या अन्य तरीके से निस्तारण करें। या फिर मनरेगा योजना को इस कार्य में लगाया जाए। लेकिन किसान के उत्पीड़न से बाज आएं।

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