यूपी के मुजफ्फरनगर में दलित और समाज विरोधी तानाशाही मानसिकता वाली हैरान कर देने की घटना सामने आई है। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में दलित समाज पर आपत्तिजनक जातिगत टिपण्णी के साथ, दलित समाज के किसी व्यक्ति के खेत में घुसने पर 5 हजार रुपये जुर्माना और 50 जूते मारने की मुनादी की जा रही है। बाकायदा ढिंढोरा पिटवाकर दलित परिवारों को सीधी धमकी वाली इस घटना के पीछे एक पूर्व प्रधान की दबंगई बताई जा रही है।
21वीं सदी में ताकत और वर्चस्व को दर्शाता यह अनोखा वाकया, चीनी और अपराध के लिए मशहूर मुजफ्फरनगर का है। जहां एक दबंग व्यक्ति ने खुलेआम ये तानाशाही भरा फरमान जारी किया है कि, उसके खेत पर, समाधि या ट्यूबवेल पर अगर दलित समाज का कोई भी व्यक्ति जाएगा तो उस पर पांच हज़ार रुपए का जुर्माना और 50 जूतों की सजा दी जाएगी। जी हां, यूपी के मुजफ्फरनगर में एक दशक तक कुख्यात बदमाश रहे विक्की त्यागी की मौत के बाद, उसके पिता राजवीर त्यागी के कथित (तानाशाही भरे) फरमान का यह वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। जिसमें वो ढोल पिटवाकर अनुसूचित जाति के लोगों को खुलेआम धमकियां देता नजर आ रहा है। इस वीडियो में मुनादी कराई जा रही है कि अगर कोई अनुसूचित जाति का व्यक्ति उसकी खेत की डोल, समाधि या फिर ट्यूबवेल पर गया तो उस पर 5 हजार रुपये का जुर्माना और 50 जूते मारे जाएंगे। इस वीडियो के सामने आते ही पुलिस ने आनन फानन में राजवीर व ढोल पीटने वाले व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।
मामला चरथावल थाना क्षेत्र के पावटी खुर्द गांव का है जहां सोमवार रात को कुख्यात अपराधी रहे विक्की त्यागी के पिता पूर्व प्रधान राजबीर सिंह के द्वारा कथित तौर से यह फरमान जारी किया गया है। मुनादी के समय गांव के किसी व्यक्ति इसे अपने मोबाईल में कैद कर वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया जिसके बाद यह वायरल हो गया। वीडियो का संज्ञान लेते हुए एसएसपी मुज़फ्फरनगर अभिषेक यादव के आदेश पर क्षेत्रीय पुलिस ने मामले में तुरंत कार्यवाही करते हुए मुकदमा पंजीकृत कर पूर्व प्रधान राजवीर सिंह आदि के खिलाफ आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में ढोल से मुनादी करने वाले शख्स ने राजबीर सिंह का नाम लेकर ऐलान किया है कि अनुसूचित जाति का कोई भी व्यक्ति खेत में घुसा, तो पांच हजार रुपये जुर्माना और 50 जूते मारने की सजा मिलेगी। राजबीर सिंह पावटी खुर्द गांव के पूर्व प्रधान हैं। गांव में मुनादी पिटते ही बवाल मच गया। वहीं, वीडियो वायरल हुई, तो पुलिस हरकत में आई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मुनादी सोमवार की रात की गई थी, जिसका 53 सेकेंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। ढोल बजाते हुए एक युवक कह रहा है कि यह मुनादी राजबीर प्रधान की ओर से कराई जा रही है।
विक्रांत उर्फ विक्की त्यागी की फरवरी 2015 में कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या कर दी गई थी। एसओ ज्ञानेश्वर बौद्ध ने पुलिसकर्मी विक्की त्यागी के घर पर भेजे, लेकिन कोई नहीं मिला। वहीं, एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि मुनादी प्रकरण की जांच शुरू करा दी गई है। मुकदमा दर्ज करते हुए पूर्व प्रधान को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसएसपी ने चेतावनी देते हुए कहा कि, आरोपी राजवीर सिंह के ऊपर भविष्य में गुंडा अधिनियम के अंतर्गत भी कार्यवाही भी की जाएगी।
बता दें मुजफ्फरनगर के इस इलाके में अपराध की दुनिया में विक्की त्यागी की कई दशक तक दहशत रही है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक विक्की त्यागी की साल 2016 में हत्या के बाद उसके गैंग की बागडोर पत्नी मीनू त्यागी ने संभाल ली थी। इस परिवार के लोगों का अपराध से पुराना नाता रहा है।
उधर, सामाजिक संगठनों ने भी घटना की कड़ी निन्दा की है और इस तरह के भेदभाव फैलाने वाले तत्वों से सख्ती से निपटने की जरूरत बताई है। अखिल भारतीय वन जन श्रमजीवी यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी इसे कुंठित मानसिकता का परिचायक बताते हुए कहते हैं कि यह समाज में भेदभाव बढ़ाने वाली घटना है। वो भी ऐसे समय में जब समाज पहले ही कोरोना, महंगाई व बेरोजगारी आदि से उपजी आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं के चलते तनाव से गुजर रहा है। चौधरी के अनुसार, ऐसे तत्वों से कानूनी कार्रवाई के साथ साथ सामाजिक स्तर पर भी निपटा जाना चाहिए।
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21वीं सदी में ताकत और वर्चस्व को दर्शाता यह अनोखा वाकया, चीनी और अपराध के लिए मशहूर मुजफ्फरनगर का है। जहां एक दबंग व्यक्ति ने खुलेआम ये तानाशाही भरा फरमान जारी किया है कि, उसके खेत पर, समाधि या ट्यूबवेल पर अगर दलित समाज का कोई भी व्यक्ति जाएगा तो उस पर पांच हज़ार रुपए का जुर्माना और 50 जूतों की सजा दी जाएगी। जी हां, यूपी के मुजफ्फरनगर में एक दशक तक कुख्यात बदमाश रहे विक्की त्यागी की मौत के बाद, उसके पिता राजवीर त्यागी के कथित (तानाशाही भरे) फरमान का यह वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। जिसमें वो ढोल पिटवाकर अनुसूचित जाति के लोगों को खुलेआम धमकियां देता नजर आ रहा है। इस वीडियो में मुनादी कराई जा रही है कि अगर कोई अनुसूचित जाति का व्यक्ति उसकी खेत की डोल, समाधि या फिर ट्यूबवेल पर गया तो उस पर 5 हजार रुपये का जुर्माना और 50 जूते मारे जाएंगे। इस वीडियो के सामने आते ही पुलिस ने आनन फानन में राजवीर व ढोल पीटने वाले व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।
मामला चरथावल थाना क्षेत्र के पावटी खुर्द गांव का है जहां सोमवार रात को कुख्यात अपराधी रहे विक्की त्यागी के पिता पूर्व प्रधान राजबीर सिंह के द्वारा कथित तौर से यह फरमान जारी किया गया है। मुनादी के समय गांव के किसी व्यक्ति इसे अपने मोबाईल में कैद कर वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया जिसके बाद यह वायरल हो गया। वीडियो का संज्ञान लेते हुए एसएसपी मुज़फ्फरनगर अभिषेक यादव के आदेश पर क्षेत्रीय पुलिस ने मामले में तुरंत कार्यवाही करते हुए मुकदमा पंजीकृत कर पूर्व प्रधान राजवीर सिंह आदि के खिलाफ आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में ढोल से मुनादी करने वाले शख्स ने राजबीर सिंह का नाम लेकर ऐलान किया है कि अनुसूचित जाति का कोई भी व्यक्ति खेत में घुसा, तो पांच हजार रुपये जुर्माना और 50 जूते मारने की सजा मिलेगी। राजबीर सिंह पावटी खुर्द गांव के पूर्व प्रधान हैं। गांव में मुनादी पिटते ही बवाल मच गया। वहीं, वीडियो वायरल हुई, तो पुलिस हरकत में आई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मुनादी सोमवार की रात की गई थी, जिसका 53 सेकेंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। ढोल बजाते हुए एक युवक कह रहा है कि यह मुनादी राजबीर प्रधान की ओर से कराई जा रही है।
विक्रांत उर्फ विक्की त्यागी की फरवरी 2015 में कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या कर दी गई थी। एसओ ज्ञानेश्वर बौद्ध ने पुलिसकर्मी विक्की त्यागी के घर पर भेजे, लेकिन कोई नहीं मिला। वहीं, एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि मुनादी प्रकरण की जांच शुरू करा दी गई है। मुकदमा दर्ज करते हुए पूर्व प्रधान को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसएसपी ने चेतावनी देते हुए कहा कि, आरोपी राजवीर सिंह के ऊपर भविष्य में गुंडा अधिनियम के अंतर्गत भी कार्यवाही भी की जाएगी।
बता दें मुजफ्फरनगर के इस इलाके में अपराध की दुनिया में विक्की त्यागी की कई दशक तक दहशत रही है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक विक्की त्यागी की साल 2016 में हत्या के बाद उसके गैंग की बागडोर पत्नी मीनू त्यागी ने संभाल ली थी। इस परिवार के लोगों का अपराध से पुराना नाता रहा है।
उधर, सामाजिक संगठनों ने भी घटना की कड़ी निन्दा की है और इस तरह के भेदभाव फैलाने वाले तत्वों से सख्ती से निपटने की जरूरत बताई है। अखिल भारतीय वन जन श्रमजीवी यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी इसे कुंठित मानसिकता का परिचायक बताते हुए कहते हैं कि यह समाज में भेदभाव बढ़ाने वाली घटना है। वो भी ऐसे समय में जब समाज पहले ही कोरोना, महंगाई व बेरोजगारी आदि से उपजी आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं के चलते तनाव से गुजर रहा है। चौधरी के अनुसार, ऐसे तत्वों से कानूनी कार्रवाई के साथ साथ सामाजिक स्तर पर भी निपटा जाना चाहिए।
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