यूपी: पुलिस ने कपड़े उतारकर पीटा, महिलाओं ने दिखाए दरिंदगी के निशान

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 25, 2022
उत्तर प्रदेश में आज योगी आदित्यनाथ दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। वे सभी को समान रूप से न्याय दिलाने की संवैधानिक शपथ लेंगे लेकिन बीजेपी के दोबारा सत्ता में आने के बाद भी दलितों का उत्पीड़न जारी है। 



जौनपुर से एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कई महिलाएं दावा कर रही हैं कि उन्हें पुलिसकर्मियों ने निर्वस्त्र कर पीटा है। वे अपने शरीर पर मार के निशान भी दिखाती हैं जो कि काले पड़ गए हैं। मामला जौनपुर के बदलापुर का बताया जा रहा है और जो महिलाएं हैं वे दलित समुदाय से आती हैं। 

इन महिलाओं ने रो-रोकर जो दर्द बयां किया है वो हिला देने वाला है। महिलाओं से अपना पूरा दर्द बयां नहीं हुआ इन्होंने कपड़े हटाकर अपने जख्म दिखाए। महिलाओं के पैर और जांघों पर पिटाई के काले निशान साफ दिखे।



पुलिस कप्तान को अपनी व्यथा सुनाने के लिए आई महिलाओं ने बताया कि गांव के ही कुछ लोगों से विवाद हो गया था। विवाद के बाद विपक्षी पार्टी के लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी। महिलाओं का आरोप है कि मौके पर पहुंची पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए महिलाओं के साथ नाबालिग बच्चों को इतनी बुरी तरह से कपड़ा उतारकर इतना पीटा कि उनकी चमड़ी काली हो गई।

महिलाओं का आरोप है कि पुलिस ने घर में घुसकर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बुरी तरह से पीटा है और मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी तक दी है।

उधर जौनपुर पुलिस का कहना है कि पुलिस गांव में विवाद सुलझाने गई थी। इस दौरान पुलिस कर्मी को चोट आई। हालांकि महिलाओं के आरोप पर अभी कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है।

मामला 20 मार्च का बताया जा रहा है जहां उक्त गांव में जियालाल गौतम व जियावन गौतम के बीच केले के फल को काट लेने की घटना पर पहुंची पुलिस की पीआरबी टीम पर रामजियावन पक्ष के लोगों ने धावा बोल दिया था। जिसमें हेड कांस्टेबल राजेश यादव व चालक राजबिहारी को चोटें आई थी। पुलिस ने जियालाल की पुत्री राधा तथा हेड कांस्टेबल राजेश की तहरीर पर दर्जन भर लोगों पर केस दर्ज किया था।



पुलिस ने मौके से छह महिलाओं एवं दो पुरुषों को गिरफ्तार कर चालान न्यायालय भेजा था। इसी घटना से जुड़ा वीडियो गुरुवार को इंटरनेट मीडिया में वायरल हुआ। जिसकी पड़ताल के बाबत सीओ अशोक सिंह ने बताया कि पुलिस द्वारा महिलाओं की पिटाई की बात पूरी तरह झूठ व निराधार है, क्योंकि चालान न्यायालय भेजते समय स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है। यदि पिटाई हुई होती तो चोट की बात रिपोर्ट में आती। वायरल वीडियो पूरी तरह से मनगढ़ंत है।



आरोप है कि बुधवार की रात घर में अकेली सो रही किशोरी के साथ गांव के एक युवक ने घर में घुसकर छेड़खानी की। पीड़िता के पिता व भाई बाहर रहकर नौकरी करते हैं। रात दस बजे वह सो रही थी। इसी बीच गांव का एक युवक घर में घुसकर छेड़खानी करने लगा। किशोरी की चीख-पुकार सुनकर पहुंची उसकी भाभी ने दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस आरोपित को थाने ले गई। आरोप है कि पुलिस मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की बजाय दबाव डालकर सुलह-समझौता कराकर आरोपित का चालान शांति भंग में कर दिया।

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