मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह सरकार को हटाने के लिए प्रदेश के तमाम छोटे दल कांग्रेस को समर्थन देने पर सहमत हो रहे हैं।
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इसकी मिसाल भोपाल में लोक क्रांति सम्मेलन में मिली जिसमें लोकतांत्रिक जनता दल, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, सीपीएम, सीपीआई, और बहुजन संघर्ष दल जैसे कई दलों के नेता शामिल हुए।
सम्मेलन में लोकतांत्रिक जनता दल के संरक्षक शरद यादव ने भाजपा सरकार पर कड़ा हमला बोला और शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा को जन अभिशाप यात्रा बताया।
शरद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने नर्मदा और तवा नदियों को बर्बाद कर दिया है और मामा शिवराज केवल गप्पें हांकते हैं।
शरद यादव ने कहा कि मामा झूठ बोलते हैं और वोट झाड़ू हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि जो झूठ बोले उसे सत्ता से बाहर कर देना चाहिए।
भाजपा शासन में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति पर बोलते हुए शरद यादव ने कहा कि इस सरकार में मां-बहन की इज्जत लूटी जा रही है, लेकिन गाय को नहीं छू सकते। संविधान खतरे में है। मॉब लिंचिंग हो रही है और अघोषित आपातकाल लगा हुआ है।
लोकतांत्रिक जनता दल के इस सम्मेलन में शरद यादव ने मोदी सरकार पर भी झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी ने कहा था कि हर साल 2 करोड़ लोगों को रोजगार देंगे, किसानों को फसल का लागत का डेढ़ गुना दाम देंगे, लेकिन किया कुछ नहीं।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण दस करोड़ लोग बेरोजगार हो गए। जीएसटी के कारण देश 20 साल पीछे हो गया। पशुओं का धंधा 6 लाख करोड़ का है, लेकिन सब चौपट कर दिया और गायें सड़कों पर मारी-मारी फिर रही हैं।
बहुजन संघर्ष दल के अध्यक्ष फूल सिंह बरैया ने सभी दलों से कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का अनुरोध किया और कहा कि आरक्षण खतरे में है और सरकार ने एससी-एसटी एक्ट तक खत्म कर दिया।
बरैया ने कहा कि मोदी अंबेडकर की मूर्ति तुड़वाते हैं और कहते हैं कि वे अंबेडकर के कारण ही प्रधानमंत्री बने हैं। गाय काटने का लाइसेंस देते हैं और कहते हैं कि गाय उनकी माता है।
शरद यादव ने भोपाल में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ से भी मुलाकात की। कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश को सुरक्षित रखने के लिए, संविधान बचाने के लिए सभी दलों से बात हो रही है।
शरद यादव ने कहा, ‘बीजेपी 31 प्रतिशत वोट प्राप्त कर राज कर रही है क्योंकि 69 प्रतिशत वोट बिखरा पड़ा है। विपक्षी दलों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और बीजेपी को हराने के लिए इसे गैर-बीजेपी दलों को एक मंच पर लाने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए।