उमर खालिद का आरोप- जेल अधिकारियों ने जबरन मुझे एकांत कारावास में डाला

Written by sabrang india | Published on: October 23, 2020
नई दिल्ली। 22 अक्टूबर, 2020 को मानवाधिकार कार्यकर्ता और पूर्व जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद ने दिल्ली कोर्ट में शिकायत की कि तिहाड़ जेल अधिकारियों ने उन्हें अपने सेल से बाहर नहीं निकलने दिया।



खालिद ने शिकायत तब की जब उन्हें कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष न्यायिक हिरासत में 30 दिन की मोहलत के लिए पेश किया गया। दिल्ली दंगों में साजिश रचने के आरोपी खालिद ने कहा कि जब वह एकांत कारावास में था तो अन्य लोगों को उससे बोलने से रोक दिया गया था। 

खालिद ने माना कि उन्होंने पहले अपने वैचारिक मतभेदों और असहमतिपूर्ण राय के कारण अदालत से पर्याप्त सुरक्षा मांगी थी जिसका अदालत ने विधिवत आदेश दिया था।

हालांकि उन्होंने तर्क दिया कि "सुरक्षा ऐसी नहीं हो सकती है कि मुझे अपने सेल से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।

जब उन्होंने जेल अधीक्षक से शिकायत की, तो खालिद को केवल 10 मिनट के लिए अपने सेल से बाहर आने दिया गया। यह सुनकर, अदालत ने आधिकारी को 23 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे वर्चुअल सुनवाई के लिए उपस्थित होने का निर्देश दिया।

आगे खालिद के वकील के कहने पर अदालत ने एक अंडरट्रायल को अपनी शिकायतों को व्यक्त करने के लिए सजा देने के लिए जेल अधिकारियों को चेतावनी दी।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाख ने खालिद को यूएपीए के तहत 13 सितंबर की रात को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के दंगे सीएए विरोधी प्रदर्शनों से जुड़े हुए थे जिसका आयोजन खालिद ने किया था। 

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