आंदोलन में जान गंवाने वालेे किसानों की याद में श्रद्धांजलि सभा आज

Written by Sabrangindia Staff | Published on: December 20, 2020
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों के आंदोलन का आज 25वां दिन है। कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर किसान अड़े हुए हैं। किसान संगठनों ने अभी तक के आंदोलन के दौरान शहीद होने वाले किसानों को शहीद का दर्जा दे दिया है, जिन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए अब दिल्ली के बॉर्डर समेत देश भर में उनके लिए श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित किए जाने का निर्णय किया है। किसान संगठनों के पदाधिकारी अपने अपने गांवों में आज श्रद्धांजलि कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। श्रद्धांजलि सभा 11 बजे से शुरू होगी।



प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने कहा कि वे आगे की रणनीति अगले दो तीन दिनों में तय करेंगे। इस हफ्ते की शुरूआत में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह गतिरोध के समाधान के लिए कृषि विशेषज्ञों और किसान यूनियनों का एक 'निष्पक्ष और स्वतंत्र' समिति गठित करने पर विचार कर रहा है। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि रणनीति तय करने के लिए संगठनों के बीच वर्तमान में चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले पर कानूनी राय भी ले रहे हैं।

बता दें कि विरोध प्रदर्शन में विभिन्न कारणों से अब तक 29 किसानों की जान जा चुकी है। आंदोलनकारी जान गंवाने वाले किसानों को शहीद का दर्जा दिये हैं। अभी किसान व सरकार की तरफ से कोई हल नहीं निकला है। सरकार तमाम तरीकों से सफाई दे रही है वहीं किसान इससे संतुष्ट नहीं हैं 

यह आंदोलन अभूतपूर्व व ऐतिहासिक है। इतनी बड़ी तादाद में अभी तक कोई प्रदर्शन इतिहास में शायद ही हुआ हो। सिंघु बॉर्डर पर किसानों का काफिला कई किलोमीटर के दायरे में फैला है। यहां एक गांव सा ही हाईवे पर बस गया है। चारों तरफ लंगर चल रहे हैं व किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। कड़ाके की ठंड भी किसानों का मनोबल नहीं डिगा पा रही है। 29 लोगों की जान चली गई लेकिन वे जान की परवाह किए बगैर अपनी मांगों को लेकर डटे हैं। 

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