गुजरात: दलित की बारात रोकने के लिए सड़क पर यज्ञ करने लगे सवर्ण

Written by sabrang india | Published on: May 13, 2019
अहमदाबाद: हाल ही में राजस्थान में दलित महिला के साथ हुए गैंगरेप के मामले पर मायावती ने राज्य की कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लेने की बात कही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मायावती के इस बयान को एक जनसभा के दौरान भुनाते नजर आए। लेकिन उनके गृहराज्य में भी दलितों की हालत बदतर है। 

गुजरात के अरवल्ली जिले में एक दलित की बारात रोकने के मामले सामने आया है। खुद को ऊंची जाति बताने वाले लोगों ने बारात को रोकने के लिए सड़क तक जाम कर दी। राज्य के अरवल्ली जिले के खामबिसार गांव के पाटीदार समुदाय के सदस्यों ने एक दलित की बारात बाधित करने के लिए मुख्य सड़क पर भजन और यज्ञ का आयोजन किया। यह आरोप दूल्हे के परिवार ने लगाया है। 

वहीं एक अन्य घटना के मुताबिक गुजरात के साबरकांठा जिले के एक गांव में एक दलित दूल्हे की बारात को रविवार को उस वक्त पुलिस सुरक्षा मुहैया करानी पड़ी, जब ठाकोर समुदाय के सदस्यों ने उसके एक स्थानीय मंदिर में पूजा करने पर आपत्ति जताई। हालांकि, पुलिस ने कहा कि बारात शांतिपूर्ण तरीके से गुजर गई। 

ग्रामीण भीखाभाई वानिया ने कहा कि अनिल राठौड़ के परिवार ने उस वक्त पुलिस सुरक्षा की मांग की, जब सितवडा गांव के ठाकोर समुदाय के सदस्यों ने शनिवार को बारात के गांव से गुजरने और दूल्हे के मंदिर में पूजा करने की योजना पर आपत्ति जताई।

पुलिस उपाधीक्षक मीनाक्षी पटेल ने कहा, ‘अनिल राठौड़ के परिवार ने पुलिस में एक अर्जी देकर बारात के लिए पुलिस सुरक्षा मांगी थी। उन्होंने अपनी अर्जी में कहा कि गांव के दलित सदस्यों ने आशंका जतायी है कि अन्य समुदाय के सदस्य परेशानी पैदा कर सकते हैं।' डीएसपी ने कहा, ‘हमने बारात को पुलिस सुरक्षा मुहैया करायी और बारात शांतिपूर्ण ढंग से गुजर गई। दूल्हा पास के गांव में विवाह समारोह में जाने से पहले गांव के मंदिर भी गया।'' शुक्रवार को ठाकोर समुदाय के सदस्यों ने एक अन्य बारात पर आपत्ति जतायी क्योंकि दूल्हा घोड़ी पर सवार हो कर विवाह करने जा रहा था।


 

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