नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने ज़ी न्यूज़ के संपादक सुधीर चौधरी पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है। चौधरी ने अपने कार्यक्रम में दावा किया था कि 25 जून को संसद में ‘फासीवाद के लक्षणों’ पर दिया गया उनका भाषण ‘चुराया हुआ’ था।
बार एंड बेंच की खबर के मुताबिक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रीती परेवा ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए इसकी सुनवाई 20 जुलाई को तय की है। महुआ मोइत्रा का बयान भी इसी दिन दर्ज किया जायेगा। महुआ मोइत्रा ने 25 जून को संसद में फासीवाद पर भाषण दिया था, जिसके बाद प्राइम टाइम पर आने वाले अपने कार्यक्रम में सुधीर चौधरी ने कहा था कि महुआ का भाषण मार्टिन लॉन्गमैन के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर लिखे गए लेख से ‘चुराया हुआ’ था। उन्होंने यह भी कहा था कि यह महुआ के अपने विचार नहीं थे बल्कि उन्होंने इसे ‘कॉपी-पेस्ट’ किया था।
वहीं मार्टिन लॉन्गमैन ने ट्विटर पर चौधरी के इस दावे को ख़ारिज करते हुए कहा था कि महुआ ने स्पष्ट बताया था कि उनका भाषण यूएस होलोकॉस्ट म्यूजियम में देखे गए एक पोस्टर से प्रेरित था। महुआ के वकील शादान फरासत ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल ने बताया था कि उनका भाषण उस पोस्टर से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि पोस्टर में फासीवाद के 14 लक्षणों में से मोइत्रा ने 7 चुने और भारत के परिप्रेक्ष्य में उन्हें जोड़ा। इसके बाद मजिस्ट्रेट ने उन्हें सुनवाई के लिए 20 जुलाई की तारीख दी।
इससे पहले महुआ मोइत्रा ने 4 जुलाई को लोकसभा में सुधीर चौधरी के खिलाफ गलत रिपोर्टिंग को लेकर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन इसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा खारिज कर दिया गया था। मीडिया को जारी बयान में महुआ ने कहा कि वे संविधान में दी गई अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करती हैं, लेकिन उन्हें फेक न्यूज़ की ताकत का भी अंदाजा है।
बार एंड बेंच की खबर के मुताबिक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रीती परेवा ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए इसकी सुनवाई 20 जुलाई को तय की है। महुआ मोइत्रा का बयान भी इसी दिन दर्ज किया जायेगा। महुआ मोइत्रा ने 25 जून को संसद में फासीवाद पर भाषण दिया था, जिसके बाद प्राइम टाइम पर आने वाले अपने कार्यक्रम में सुधीर चौधरी ने कहा था कि महुआ का भाषण मार्टिन लॉन्गमैन के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर लिखे गए लेख से ‘चुराया हुआ’ था। उन्होंने यह भी कहा था कि यह महुआ के अपने विचार नहीं थे बल्कि उन्होंने इसे ‘कॉपी-पेस्ट’ किया था।
वहीं मार्टिन लॉन्गमैन ने ट्विटर पर चौधरी के इस दावे को ख़ारिज करते हुए कहा था कि महुआ ने स्पष्ट बताया था कि उनका भाषण यूएस होलोकॉस्ट म्यूजियम में देखे गए एक पोस्टर से प्रेरित था। महुआ के वकील शादान फरासत ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल ने बताया था कि उनका भाषण उस पोस्टर से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि पोस्टर में फासीवाद के 14 लक्षणों में से मोइत्रा ने 7 चुने और भारत के परिप्रेक्ष्य में उन्हें जोड़ा। इसके बाद मजिस्ट्रेट ने उन्हें सुनवाई के लिए 20 जुलाई की तारीख दी।
इससे पहले महुआ मोइत्रा ने 4 जुलाई को लोकसभा में सुधीर चौधरी के खिलाफ गलत रिपोर्टिंग को लेकर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन इसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा खारिज कर दिया गया था। मीडिया को जारी बयान में महुआ ने कहा कि वे संविधान में दी गई अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करती हैं, लेकिन उन्हें फेक न्यूज़ की ताकत का भी अंदाजा है।