नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अच्छे दिन का वादा कर सत्ता में आए थे। इसके बाद उन्होंने नोटबंदी कर इसे कालेधन पर चोट, आतंकवाद, नक्सलवाद आदि का खात्मा करने के लिए कड़वी दवा बताया। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था, रोजगार आदि सभी की दवा नोटबंदी को बताया। लेकिन अब डर्स एंड माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) ने साल 2014 से देश में लगातार नौकरियों में कमी और मुनाफे में गिरावट की बात कही है. नोटबंदी और जीएसटी लागू करने को इसकी मुख्य वजहों में से बताया गया है. ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरर्स आर्गेनाइजेशन (एआईएमओ) ने अपने नए सर्वे रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है.
द इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार एआईएमओ ने देश भर में 34,700 व्यापारियों और एमएसएमई का सैंपल सर्वे करने के बाद अपनी रिपोर्ट दी है. जिसके मुताबिक साल 2014 के बाद विभिन्न क्षेत्रों के व्यापारी और उद्योग-धंधे प्रभावित हुए हैं. एआईएमओ 3 लाख से अधिक सूक्ष्म, छोटे और मध्यम और बड़े पैमाने पर उद्योगों का प्रतिनिधित्व करता है.
रिपोर्ट में ट्रेडर सेगमेंट (व्यापार श्रेणी) में 43 प्रतिशत जबकि माइक्रो सेगमेंट (सूक्ष्म श्रेणी) में 32 प्रतिशत नौकरी की कमी की बात कही गई है. इसके अलावा स्मॉल सेगमेंट (लघु श्रेणी) में यह कमी 35 प्रतिशत है और मीडियम स्केल उद्योगों में 24 प्रतिशत नौकरियों की कमी है.
सर्वे के मुताबिक, एआईएमओ ने व्यापारियों और एमएसएमई की खराब हालत बताने के लिए कई बार गंभीर संकेत दिए. यह केंद्र सरकार को याद दिलाता है कि इस क्षेत्र को उबार कर इसकी हालत सुधारने के लिए उसे बहुत अधिक गंभीरता के साथ काम करना होगा और सक्रियता दिखानी होगी. एआईएमओ के अध्यक्ष के.ई रघुनाथन ने अखबार को बताया कि सर्वे से पता चलता है कि 2014 के बाद से देश भर में व्यापारियों के परिचालन मुनाफे (ऑपरेशनल प्रॉफिट) में लगभग 70 प्रतिशत तक की कमी आई है.
उन्होंने कहा, सूक्ष्म उद्योगों के परिचालन मुनाफे में 43 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. लघु उद्योगों में यह आंकड़ा 35 प्रतिशत है जबकि मध्यम उद्योगों में 24 फीसदी गिरावट आई है. यह काफी बड़ा नुकसान है, इसपर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि व्यापार और एमएसएमई के कई क्षेत्रों में हुआ यह नुकसान उबरने की स्थिति से बाहर हो चुका है.
द इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार एआईएमओ ने देश भर में 34,700 व्यापारियों और एमएसएमई का सैंपल सर्वे करने के बाद अपनी रिपोर्ट दी है. जिसके मुताबिक साल 2014 के बाद विभिन्न क्षेत्रों के व्यापारी और उद्योग-धंधे प्रभावित हुए हैं. एआईएमओ 3 लाख से अधिक सूक्ष्म, छोटे और मध्यम और बड़े पैमाने पर उद्योगों का प्रतिनिधित्व करता है.
रिपोर्ट में ट्रेडर सेगमेंट (व्यापार श्रेणी) में 43 प्रतिशत जबकि माइक्रो सेगमेंट (सूक्ष्म श्रेणी) में 32 प्रतिशत नौकरी की कमी की बात कही गई है. इसके अलावा स्मॉल सेगमेंट (लघु श्रेणी) में यह कमी 35 प्रतिशत है और मीडियम स्केल उद्योगों में 24 प्रतिशत नौकरियों की कमी है.
सर्वे के मुताबिक, एआईएमओ ने व्यापारियों और एमएसएमई की खराब हालत बताने के लिए कई बार गंभीर संकेत दिए. यह केंद्र सरकार को याद दिलाता है कि इस क्षेत्र को उबार कर इसकी हालत सुधारने के लिए उसे बहुत अधिक गंभीरता के साथ काम करना होगा और सक्रियता दिखानी होगी. एआईएमओ के अध्यक्ष के.ई रघुनाथन ने अखबार को बताया कि सर्वे से पता चलता है कि 2014 के बाद से देश भर में व्यापारियों के परिचालन मुनाफे (ऑपरेशनल प्रॉफिट) में लगभग 70 प्रतिशत तक की कमी आई है.
उन्होंने कहा, सूक्ष्म उद्योगों के परिचालन मुनाफे में 43 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. लघु उद्योगों में यह आंकड़ा 35 प्रतिशत है जबकि मध्यम उद्योगों में 24 फीसदी गिरावट आई है. यह काफी बड़ा नुकसान है, इसपर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि व्यापार और एमएसएमई के कई क्षेत्रों में हुआ यह नुकसान उबरने की स्थिति से बाहर हो चुका है.