समाजवादी पार्टी किसानों के समर्थन में 26 जनवरी को प्रदेश भर में तिरंगा लगाकर ट्रैक्टर रैलियां निकालेगी। गणतंत्र दिवस पर यह ट्रैक्टर रैलियां सभी तहसीलों पर आयोजित की जाएंगी। सपा सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका ऐलान करते हुए, किसान आंदोलन के समर्थन में सभी पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से ट्रैक्टर रैली में भाग लेने का आह्वान किया है।
अखिलेश ने कहा कि किसान अपनी न्याय संगत मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका अहिंसात्मक आंदोलन ऐतिहासिक बन गया है। गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व है। अन्नदाता सम्मान का पात्र है। उसको अपमानित नहीं किया जाना चाहिए। किसानों की मांगों की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। उनकी मांगों को मानने से राष्ट्र का गौरव बढ़ेगा।
उन्होंने कहा किसानों की मुख्य मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए क्योंकि ये किसान हितों के विरोधी हैं। इसी के साथ वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अनिवार्यता की मांग कर रहे हैं ताकि किसान को उसकी फसल का लाभकारी मूल्य मिल सके। भाजपा सरकार को समझना चाहिए कि जिनके लिए यह कानून बना है, जब उन्हें ही ये स्वीकार्य नहीं है तो फिर इस पर इतना जोर लगाने का क्या फायदा है।
अखिलेश ने कहा कि सपा आंदोलनकारी किसानों की मांगों का पूरी तरह समर्थन करती है। किसानों के समर्थन में किसान यात्रा और 'युवा घेरा' कार्यक्रम चलाए हैं। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को सपा किसानों के साथ गणतंत्र दिवस मनाएगी। इस दिन प्रदेश भर की तहसीलों पर किसान अपने-अपने ट्रैक्टरों पर तिरंगा लगाकर आएंगे। वे समाजवादियों के साथ राष्ट्रीय ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होकर एकता का प्रदर्शन करेंगे।
सहारनपुर में भी सपा जिलाध्यक्ष चौ रुद्रसैन ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाकर 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली की तैयारियों में जुटने का आह्वान किया है। रूद्रसैन ने कहा कि आज किसान, कृषि कानूनों के खिलाफ भीषण ठंड में खुले आसमान के नीचे आंदोलन करने को विवश है। 70 से ज्यादा किसान शहीद हो गए हैं लेकिन सरकार हठधर्मिता पर उतारू है। समाजवादी पार्टी इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर सपा कार्यकर्ता अपने ट्रैक्टर लेकर सभी तहसील मुख्यालयों पर पहुंचेंगे तथा केंद्र व उत्तर प्रदेश की गूंगी बहरी भाजपा सरकारों को चेताने का काम करेंगे। जिला उपाध्यक्ष सुहेल राणा, चौ अब्दुल गफूर व महिला सभा जिलाध्यक्ष महजबी खान ने कहा कि देश व प्रदेश की किसान, भाजपा की असलियत को जान चुकी है।
23 जनवरी को सभी राज्यों में राजभवनों का घेराव करेंगे किसान
दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन की आहट प्रदेशों की राजधानियों में भी सुनाई पड़ने लगी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी का कानून बनाने तथा नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने 23 जनवरी को सभी प्रदेशों में राजभवन के घेराव की घोषणा की है। वहीं भारतीय किसान मंच, भाकियू अखंड व भाकियू बेदी आदि किसान संगठनों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया है।
किसान संगठनों की संयुक्त संघर्ष समिति ने 23 जनवरी को हर राज्य में राजभवन के घेराव का आह्वान किया है। भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव राजेश सिंह चौहान ने बताया कि पूर्वांचल, अवध व मध्य यूपी के सभी जिलों से किसान 23 जनवरी को लखनऊ पहुंचेंगे। पश्चिमी यूपी के किसान ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली रवाना होंगे। जबकि सहारनपुर के किसान उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के लिए कूच करेंगे।
भाकियू (टिकैत) के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार ने किसानों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार कृषि कानून वापस न लेने की अपनी जिद पर अड़ी है तो किसान भी कृषि कानूनों की वापसी तक संघर्ष करता रहेगा। इसी कड़ी में राष्ट्रीय आह्वान पर 23 जनवरी को देश भर के किसान प्रदेश मुख्यालयों पर राजभवन का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि देहरादून में उत्तराखंड के किसानों के साथ सहारनपुर ज़िले के किसान भी पहुंचेंगे तथा राजभवन का घेराव कर कानून वापसी की मांग करेंगे। जिलाध्यक्ष चौधरी चरण सिंह ने कहा कि कृषि कानून के मुद्दे पर किसान संगठित हैं तथा कृषि कानूनों की वापसी से कम पर नहीं मानेंगे।
अखिलेश ने कहा कि किसान अपनी न्याय संगत मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका अहिंसात्मक आंदोलन ऐतिहासिक बन गया है। गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व है। अन्नदाता सम्मान का पात्र है। उसको अपमानित नहीं किया जाना चाहिए। किसानों की मांगों की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। उनकी मांगों को मानने से राष्ट्र का गौरव बढ़ेगा।
उन्होंने कहा किसानों की मुख्य मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए क्योंकि ये किसान हितों के विरोधी हैं। इसी के साथ वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अनिवार्यता की मांग कर रहे हैं ताकि किसान को उसकी फसल का लाभकारी मूल्य मिल सके। भाजपा सरकार को समझना चाहिए कि जिनके लिए यह कानून बना है, जब उन्हें ही ये स्वीकार्य नहीं है तो फिर इस पर इतना जोर लगाने का क्या फायदा है।
अखिलेश ने कहा कि सपा आंदोलनकारी किसानों की मांगों का पूरी तरह समर्थन करती है। किसानों के समर्थन में किसान यात्रा और 'युवा घेरा' कार्यक्रम चलाए हैं। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को सपा किसानों के साथ गणतंत्र दिवस मनाएगी। इस दिन प्रदेश भर की तहसीलों पर किसान अपने-अपने ट्रैक्टरों पर तिरंगा लगाकर आएंगे। वे समाजवादियों के साथ राष्ट्रीय ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होकर एकता का प्रदर्शन करेंगे।
सहारनपुर में भी सपा जिलाध्यक्ष चौ रुद्रसैन ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाकर 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली की तैयारियों में जुटने का आह्वान किया है। रूद्रसैन ने कहा कि आज किसान, कृषि कानूनों के खिलाफ भीषण ठंड में खुले आसमान के नीचे आंदोलन करने को विवश है। 70 से ज्यादा किसान शहीद हो गए हैं लेकिन सरकार हठधर्मिता पर उतारू है। समाजवादी पार्टी इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर सपा कार्यकर्ता अपने ट्रैक्टर लेकर सभी तहसील मुख्यालयों पर पहुंचेंगे तथा केंद्र व उत्तर प्रदेश की गूंगी बहरी भाजपा सरकारों को चेताने का काम करेंगे। जिला उपाध्यक्ष सुहेल राणा, चौ अब्दुल गफूर व महिला सभा जिलाध्यक्ष महजबी खान ने कहा कि देश व प्रदेश की किसान, भाजपा की असलियत को जान चुकी है।
23 जनवरी को सभी राज्यों में राजभवनों का घेराव करेंगे किसान
दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन की आहट प्रदेशों की राजधानियों में भी सुनाई पड़ने लगी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी का कानून बनाने तथा नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने 23 जनवरी को सभी प्रदेशों में राजभवन के घेराव की घोषणा की है। वहीं भारतीय किसान मंच, भाकियू अखंड व भाकियू बेदी आदि किसान संगठनों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया है।
किसान संगठनों की संयुक्त संघर्ष समिति ने 23 जनवरी को हर राज्य में राजभवन के घेराव का आह्वान किया है। भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव राजेश सिंह चौहान ने बताया कि पूर्वांचल, अवध व मध्य यूपी के सभी जिलों से किसान 23 जनवरी को लखनऊ पहुंचेंगे। पश्चिमी यूपी के किसान ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली रवाना होंगे। जबकि सहारनपुर के किसान उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के लिए कूच करेंगे।
भाकियू (टिकैत) के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार ने किसानों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार कृषि कानून वापस न लेने की अपनी जिद पर अड़ी है तो किसान भी कृषि कानूनों की वापसी तक संघर्ष करता रहेगा। इसी कड़ी में राष्ट्रीय आह्वान पर 23 जनवरी को देश भर के किसान प्रदेश मुख्यालयों पर राजभवन का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि देहरादून में उत्तराखंड के किसानों के साथ सहारनपुर ज़िले के किसान भी पहुंचेंगे तथा राजभवन का घेराव कर कानून वापसी की मांग करेंगे। जिलाध्यक्ष चौधरी चरण सिंह ने कहा कि कृषि कानून के मुद्दे पर किसान संगठित हैं तथा कृषि कानूनों की वापसी से कम पर नहीं मानेंगे।