राजीव गांधी ने भारी बहुमत के बावजूद कभी डर और भय की राजनीति नहीं की- सोनिया

Written by sabrang india | Published on: August 23, 2019
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर कहा कि राजीव गांधी को पूर्ण बहुमत मिला था लेकिन उन्होंने इसका इस्तेमाल डर का माहौल बनाने में नहीं किया। उन्होंने 1984 में राजीव गांधी की अगुवाई में 404 सीटें जीतने वाली कांग्रेस का उदाहरण देते हुए वर्तमान सरकार पर प्रहार किया। 



उन्होंने कहा कि राजीव जी की याद आज भी हमारे दिल में है। वो भारत को मजबूत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की बात करते थे। राजीव गांधी एक ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने थोड़े से समय में भारत की एकता की बात की और देश की बुनियादी सूरत बदलने का काम करके दिखाया। उन्होंंने कहा कि आज हम उनकी याद में यहां इकट्ठे हुए हैं, जिन्हें अट्ठाईस साल पहले बर्बरता के साथ हम से छीन लिया गया, लेकिन जिनकी याद आज भी हमारे दिलो-दिमाग में जिंदा है।

ये उन्हीं का फैसला था कि 18 साल के युवाओं को मतदान का अधिकार मिले। पंचायतों और नगरपालिकाओं को वैधानिक दर्जा मिले। ये लोकतंत्र की पहली सीढ़ी के रूप में उभर कर आगे आई।

उन्होंने दूरसंचार क्रांति करने का संकल्प किया और छोटे से समय में इसे कर दिखाया। उन्होंने तकनीक की ताकत का इस्तेमाल न केवल परमाणु उर्जा, अंतरिक्ष और मिसाइल के जरिए किया, बल्कि उन्होंने समाजिक बदलाव की रफ्तार को तेज करने के लिए साइंस और टेक्नॉलोजी का पेय जल और कृषि के क्षेत्र में किया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राजीव गांधी ने नॉर्थ-ईस्ट में शांति स्थापित करने के लिए कांग्रेस पार्टी के हितों को एक तरफ रखकर हालात सामान्य बनाए। भारत की अर्थव्यवस्था के वैश्विकरण और विश्वव्यापी बनाने का पहला कदम राजीव गांधी ने उठाया। साथ ही वो इस बात के लिए भी सचेत रहे कि अगर भारत को दुनिया के मंच पर विशेष तमगा हासिल करना है तो उसे स्वंय समावेशी बनकर रहना होगा। यह काम घमंड दिखाकर, नारे लगाकर नहीं किया जा सकता, बल्कि कर्म करके दिखाना होगा।

सोनिया गांधी ने कहा कि 1984 में वो (राजीव गांधी) विशाल बहुमत से जीतकर आए थे लेकिन उन्होंने उस जीत का इस्तेमाल भय का माहौल बनाने और डराने या धमकाने के लिए नहीं किया। संस्थाओं की स्वतंत्रता को नष्ट करने के लिए नहीं किया। असहमति और मुख्तलिफ नजरियों को कुचलने के लिए नहीं किया, लोकतांत्रिक परंपरा और जीवनशैली के लिए खतरा पैदा करने के लिए नहीं किया।

यूपीए चेयरपर्सन ने कहा कि 1989 में कांग्रेस दोबारा पूरे बहुमत से जीतकर नहीं आ सकी। राजीव ने इस हार को स्वीकार किया था। सबसे बड़े राजनीतिक दल होने के बाद भी राजीव ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया था। यह उन्हें उनके नैतिक बल, उनकी उदारता और इमानदारी ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया। सोनिया गांधी ने कहा कि ये आज कोई नहीं कर सकता जैसे राजीव जी ने किया और राहुल गांधी ने किया।

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