मुंबई। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को कथित रूप से बदनाम करने के मामले में रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ सोमवार को पूछताछ के लिए मुंबई के एमएम जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन पहुंचे। मुंबई पुलिस ने रविवार 26 अप्रैल को उन्हें दो नोटिस दिए थे।
इससे पहले रविवार 26 अप्रैल को गोस्वामी ने एक बयान में कहा, ‘मुंबई पुलिस ने पिछले 12 घंटों में मुझे दो नोटिस भेजे हैं जिसमें कहा गया है कि वे सोनिया गांधी पर मेरी टिप्पणियों के बारे में मुझसे तुरंत पूछताछ करना चाहते हैं। एक कानून का पालन करने वाले नागरिक के रूप में मैं जांच में सहयोग करूंगा, कल (सोमवार) सुबह पूछताछ के लिए खुद को अधीन करूंगा।’
गोस्वामी ने आगे कहा, ‘मैने कुछ भी गलत नहीं कहा है। मैने जो कहा है मैं उस पर कायम हूं। यह मेरे खिलाफ पूरी तरह से राजनीतिक आरोप हैं जो कांग्रेस के द्वारा लगाए गए हैं। मैं मुंबई पुलिस कमिश्नर से कहना चाहता हूं कि उन्हें मेरे और मेरी पत्नी पर हुए हमले की भी जांच करनी चाहिए। मैने उसके बारे में एफआईआर की है लेकिन उस मामले मुंबई पुलिस पूरी तरह से कांग्रेस पर लगाए गए आरोपों को छिपा रही है। मेरे ऊपर हमला वाड्रा कांग्रेस के द्वारा किया गया जो कि कांग्रेस के शीर्ष कमान के इशारों पर किया गया।’
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को दायर की गई एफआईआर में से एक में जांच आगे बढ़ाने की अनुमति दी, लेकिन छह राज्यों में उसके खिलाफ दायर अन्य एफआईआर पर रोक लगा दी।
कांग्रेस मंत्री नितिन राउत द्वारा पहली सूचना रिपोर्ट शुरू में नागपुर में दायर की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को मुंबई स्थानांतरित कर दिया। अदालत ने यह भी कहा कि गोस्वामी के खिलाफ अगले तीन सप्ताह तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए, इसलिए उनके पास अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करने का समय है।
एएनआई के अनुसार राउत ने गोस्वामी पर ‘अभद्र भाषा’ का इस्तेमाल करके लोगों को भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा किसी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का उपयोग करना स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने (गोस्वामी ने) सोनिया गांधी का अपमान करने की कोशिश की है।’
इससे पहले रविवार 26 अप्रैल को गोस्वामी ने एक बयान में कहा, ‘मुंबई पुलिस ने पिछले 12 घंटों में मुझे दो नोटिस भेजे हैं जिसमें कहा गया है कि वे सोनिया गांधी पर मेरी टिप्पणियों के बारे में मुझसे तुरंत पूछताछ करना चाहते हैं। एक कानून का पालन करने वाले नागरिक के रूप में मैं जांच में सहयोग करूंगा, कल (सोमवार) सुबह पूछताछ के लिए खुद को अधीन करूंगा।’
गोस्वामी ने आगे कहा, ‘मैने कुछ भी गलत नहीं कहा है। मैने जो कहा है मैं उस पर कायम हूं। यह मेरे खिलाफ पूरी तरह से राजनीतिक आरोप हैं जो कांग्रेस के द्वारा लगाए गए हैं। मैं मुंबई पुलिस कमिश्नर से कहना चाहता हूं कि उन्हें मेरे और मेरी पत्नी पर हुए हमले की भी जांच करनी चाहिए। मैने उसके बारे में एफआईआर की है लेकिन उस मामले मुंबई पुलिस पूरी तरह से कांग्रेस पर लगाए गए आरोपों को छिपा रही है। मेरे ऊपर हमला वाड्रा कांग्रेस के द्वारा किया गया जो कि कांग्रेस के शीर्ष कमान के इशारों पर किया गया।’
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को दायर की गई एफआईआर में से एक में जांच आगे बढ़ाने की अनुमति दी, लेकिन छह राज्यों में उसके खिलाफ दायर अन्य एफआईआर पर रोक लगा दी।
कांग्रेस मंत्री नितिन राउत द्वारा पहली सूचना रिपोर्ट शुरू में नागपुर में दायर की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को मुंबई स्थानांतरित कर दिया। अदालत ने यह भी कहा कि गोस्वामी के खिलाफ अगले तीन सप्ताह तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए, इसलिए उनके पास अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करने का समय है।
एएनआई के अनुसार राउत ने गोस्वामी पर ‘अभद्र भाषा’ का इस्तेमाल करके लोगों को भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा किसी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का उपयोग करना स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने (गोस्वामी ने) सोनिया गांधी का अपमान करने की कोशिश की है।’