दिल्ली प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में सवाल- अगर पंडित की पत्नी को पंडिताइन तो चमार की घरवाली कौन?

Written by Sabrangindia Staff | Published on: October 14, 2018
नई दिल्ली. दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था सुधारने पर तारीफ बटोर रही आम आदमी पार्टी की अरविंद केजरीवाल सरकार और उनके डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के नाक के नीचे DSSSB प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक ऐसा सवाल पूछा गया जो अनुसूचित जाति के लोगों को कहना क्राइम है और SC समुदाय की एक जाति के लिए अपमानजनक भी.


13 अक्टूबर को आयोजित हुए प्राथमिक शिक्षक परीक्षा (PRT Exam 2018) में हिंदी भाषा और समझ के सेक्शन में छात्रों से सवाल पूछा गया था कि अगर पंडित की पत्नी को पंडिताइन कहते हैं तो अनुसूचित जाति (SC) के लिए इस्तेमाल होने वाले शब्द के अपोजिट पत्नी को क्या कहा जाएगा. इस सवाल पर कई लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई. इसमें सीधे तौर पर चमार शब्द का प्रयोग किया गया है जो कि अपमानजनक जातिसूचक शब्द के रूप में जाना जाता है.

इस मामले पर सवाल उठा रहे लोगों का कहना है कि ऐसा सवाल एग्जाम में रखना बेहद शर्मनाक है. जो छात्र उस पृष्ठभूमि से आते हैं, उनके लिए यह बेहद आपत्तिजनक है. हैरानी की बात है कि दिल्ली सरकार, जो शिक्षा के प्रति संवेदनशील मानी है, उसके शासन में छात्रों से इस तरह का सवाल पूछा गया. यह पहली बार नहीं है जब छात्रों से परीक्षा में एेसे स्तर के सवाल पूछे गए हैं. पहले भी विभिन्न राज्यों में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं.

बता दें कि दिल्ली नगर निगम में प्राइमरी टीचरों की भर्ती के लिए डीएसएसएसबी ने 4,366 पदों पर भर्तियां निकाली थीं, जिसके आवेदन इस साल जुलाई में मांगे गए थे. इन पदों में 714 पद अनुसूचित जाति और 756 पद अनुसूचित जनजाति के लिए रखे गए थे. इस प्रश्न पत्र में और भी कई सवाल थे, जैसे जीजी के पति को जीजा कहा जाएगा तो विधवा का अपोजिट क्या होगा, जिसके लिए विधव, विधिव, विधुर और विधुष में से किसी एक को चुनना था.

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